सीमा में जवान दे रहा पहरा, घर में चोरों का आतंक, दद्दाधाम कॉलोनी में नकाबपोश गिरोह ने सेना के जवान के घर को बनाया निशाना, नगदी और जेवरात लेकर रफूचक्कर चोर, लकीर पीट रही पुलिस
कटनी। हर भारतीय यह सोच कर गर्व और सुकून महसूस करता है कि हमारे जवान दिन-रात सीमा पर खड़े रहकर देश की सुरक्षा करते हैं। जो जवान सीमा में हमारी सुरक्षा के लिए 24 सो घंटे तैनात रहते हैं, क्या उनके परिवार भी सुरक्षित हैं, यह सवाल आज इसलिए उठ रहा है क्योंकि कटनी के दद्दा धाम में एक भारतीय सेना के परिवार पर जो बीती उसने सभी को झकझोर दिया। एकओर जवान सरहद पर तैनात है और दूसरी ओर उसके सूने घर पर नकाबपोश चोरों ने धावा बोल कर उसके खून पसीने की कमाई पर हाथ साफ कर दिया। कटनी के शहरी क्षेत्र में लगातार बढ़ते अपराधों ने आमजन ही नहीं बल्कि देश की सीमा पर तैनात जवानों के परिवारों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। चोर अपने नापाक मंसूबों को पूरा करके चंपत हो गए और पुलिस घटना की जानकारी लगने के बाद हमेशा की तरह लकीर पीटती दिखाई दे रही है।
मामला माधवनगर थाना क्षेत्र की झिंझरी चौकी अंतर्गत दद्दाधाम कॉलोनी का है। यहां रहने वाले दिनेश परते भारतीय सेना में जवान हैं और इस समय फिरोजपुर (पंजाब) में ड्यूटी पर तैनात हैं। घर में उनकी मां रहती थीं, लेकिन वह रिश्तेदारी में बालाघाट गई थीं। इसी बीच विगत देर रात अज्ञात चोरों ने मकान का ताला तोड़ दिया और भीतर से 15 हजार रुपये नगद और सोने-चांदी के जेवरात चुरा लिए। वारदात के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। परिजनों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने पर नकाबपोश चोरों के कुछ सदस्य दिखाई दिए। आशंका जताई जा रही है कि यही गिरोह पहले विश्रामबाबा और रीठी क्षेत्र में भी चोरी की वारदातों को अंजाम दे चुका है। चोरी की घटना के बाद हमेशा की तरह पुलिस सक्रिय तो हुई, लेकिन अब तक कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा। हाल ही में हुए पुलिस महकमे में फेरबदल के बाद भी अपराध और चोरी की घटनाओं में कमी नहीं आना लोगों में गहरी नाराजगी और चिंता का विषय बना हुआ है।
यह घटना समाज को सोचने पर मजबूर करती है क्या हमारे जवान केवल सीमा पर ही लड़ेंगे, और उनके घर-परिवार को चोरों के हवाले छोड़ दिया जाएगा? जब सैनिक का घर ही सुरक्षित नहीं, तो आम नागरिक किस पर भरोसा करे?। कटनी के लोगों की जुबां पर अब यही सवाल है कि आखिर अपराधियों के इस बढ़ते हौसले पर लगाम कब लगेगी?।
