सीएस के नोटिस का जवाब देना उचित नहीं समझ रही संस्था, भोजन वितरण में मनमानी जारी, जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों के स्वास्थ्य से हो रहा खिलवाड़, भोजनालय ठेकेदार दो वक्त की रोटी दे पाने में असमर्थ?
कटनी। जिला अस्पताल में गर्भवती महिलाओं, प्रसूताओं एवं भर्ती मरीजों को पौष्टिक भोजन व्यवस्था का जिम्मा मेसर्स रघुकुल सामाजिक सेवा एवं मानव कल्याण संस्थान शहडोल ने ले रक्खा है। जब से इस संस्था ने भोजन व्यवस्था को अपने हाथों में लिया तब से अव्यवस्थाओं का क्रम निरंतर जारी है। लगातार शिकायतें भी आई कि ठेका कंपनी गर्भवती महिलाओं, प्रसूताओं एवं भर्ती मरीजों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने में विफल है। भोजन वितरण व्यवस्था की मनमानी को लेकर लगातार जिला अस्पताल भी बदनाम हो रहा है। पूर्व में जिला अस्पताल प्रबंधन ने व्यवस्था में सुधार के सुझाव और अनुबंधन शर्तों का हवाला देते दो नोटिस जारी किए और जबाव तलब भी किया, परंतु हद तो तब हो गई कि मेसर्स रघुकुल सामाजिक सेवा एवं मानव कल्याण संस्थान शहडोल ने नोटिस का जबाव देना उचित नहीं समझा और अपनी मनमानी जारी रखी। अस्पताल अधीक्षक ने एक बार फिर नोटिस जारी कर ठेकेदार से दो दिन में स्पष्टीकरण मांगा है और कार्यवाही करने का उल्लेख नोटिस में किया है।
लगातार मिल रही शिकायतें
गौरतलब है कि मेसर्स रघुकुल सामाजिक सेवा एवं मानव कल्याण संस्थान शहडोल ने जब जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों, प्रसूतिकाओं को निविदा शतों के अनुसार निर्धारित मात्रा में प्रसव उपरांत भर्ती जननी को गुड़ के लड्डू, दूध, बिस्किट, टोस्ट, चाय, पौष्टिक भोजन एवं सलाद, फल देना है जबकि सामान्य मरीजों को दूध, चाय, टोस्ट, पौष्टिक आहार एवं सलाद फल देना अनिवार्य है। लेकिन संस्थान द्वारा प्रारंभ से ही निविदा शतों का उल्लंघन कर मरीजों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। देखा जा रहा है। मेसर्स रघुकुल सामाजिक सेवा एवं मानव कल्याण संस्थान शहडोल के द्वारा अस्पताल प्रबंधन को भी कोई तवज्जो नहीं दिया जा रहा। चल रही भर्राशाहीः जिला अस्पताल में भोजन वितरण करने में चल रही भर्राशाही की शिकायतें जब आम होने लगी और मिडिया की सुर्खयों में आने लगी तब सिविल सर्जन ने एवं जिम्मेदार यूनिट ने इसे गंभीरता से लेते हुए जांच पड़ताल की तो यह खुलासा हुआ कि ठेका संस्थान भोजन वितरण में अनुबंध शर्तों का पालन ही नहीं कर रहा है। प्रसव उपरांत भर्ती जननी को गुड़ के लड्डू सहित अन्य पौष्टिक आहार देने में गंभीर लापरवाही की जा रही है जबकि आम भर्ती मरीजों को प्रदाय किया जा रहा भोजन भी गुणवत्तायुक्त नहीं है। न मरीजों को भोजन देने बर्तन है न ही पंजी रजिस्टर संधारित है जिसमें यह पता चल सके कि आखिर कितना भोजन, क्या क्या, कितने मरीजों को प्रदाय किया जा रहा है। नोटिस का नहीं दिया जबावः मेसर्स रघुकुल सामाजिक सेवा एवं मानव कल्याण संस्थान शहडोल को सिविल सर्जन डॉ यशवंत वर्मा द्वारा की जा रही मनमानी के बाद नोटिस जारी कर लिखित जवाब मांगा गया। पहले नोटिस में एक माह का समय दिया गया लेकिन ठेकेदार द्वारा कोई जबाव नहीं दिया गया और भोजन वितरण करने एवं भोजन गुणवत्ता सहित समय पर भोजन उपलब्ध कराने में कोई सुधार नहीं हुआ फिर सीएस द्वारा दूसरा नोटिस जारी किया गया और तीन दिवस में पूरे अभिलेखों के साथ उपस्थित होकर लिखित जबाव देने का उल्लेख किया गया परंतु इस नोटिस का भी जवाब ठेकेदार ने नहीं दिया अब 18 अगस्त को सिविल सर्जन डॉ यशवंत वर्मा ने तीसरा नोटिस जारी कर क्रय की गई सामग्री बिल सहित अन्य जानकारी और अभिलेखों के साथ मेसर्स रघुकुल सामाजिक सेवा एवं मानव कल्याण संस्थान शहडोल के भोजनालय ठेकेदार राज तिवारी दो दिवस में जबाव देने का उल्लेख किया गया है।








