कृषि में वैज्ञानिक तरीके अपनाकर बढ़ायें लाभ, कलेक्टर श्री यादव ने किसानों से नरवाई न जलाने की अपील, पिपरौंध के कृषि विज्ञान केन्द्र मे आयोजित जिला स्तरीय कृषि मेला में किसानों को किया संबोधित

कृषि में वैज्ञानिक तरीके अपनाकर बढ़ायें लाभ, कलेक्टर श्री यादव ने किसानों से नरवाई न जलाने की अपील, पिपरौंध के कृषि विज्ञान केन्द्र मे आयोजित जिला स्तरीय कृषि मेला में किसानों को किया संबोधित

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कटनी। कलेक्टर दिलीप कुमार यादव ने कहा है कि किसान जागरूक होकर कृषि वैज्ञानिकों के सलाह के अनुसार समन्वित खेती एवं खेती में कृषि यंत्रीकरण और नैनो टेक्नोलॉजी का उपयोग कर वैज्ञानिक पद्धति से खेती कर अधिक लाभ अर्जित कर सकते है। कलेक्टर श्री यादव ने यह बात गुरुवार को कृषि विज्ञान केन्द्र पिपरौंध के प्रांगण में आयोजित जिला स्तरीय कृषि विज्ञान मेला में पहुंचे किसानों को संबोधित करते हुए कही।

इस दौरान जिला पंचायत के सीईओ शिशिर गेमावत, एसडीएम प्रदीप कुमार मिश्रा, परियोजना संचालक आत्मा रजनी सिंह चौहान, उपसंचालक कृषि मनीष मिश्रा मानव जीवन विकास समिति के सचिव निर्भय सिंह, कृषि वैज्ञानिक डॉ आर.पी.बेन, इफको के क्षेत्रीय प्रबंधक आर.के.मिश्रा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

कलेक्टर श्री यादव ने अपने संबोधन मे नरवाई जलाने से होने वाले पर्यावरणीय दुष्परिणाम और दुष्प्रभावों की जानकारी देते हुए किसानों से कहा कि फसल अवशेष नरवाई को जलाने से कई बार अप्रत्याशित रूप से आग लगने की वजह से अग्नि दुर्घटनाओं की संभावना रहती है। साथ ही बिजली के तार जो खेतों के ऊपर से जाते है, उनके भी प्रभावित होने की आशंका होती है इसलिए सभी किसान भाई नरवाई जलाने पर रोक लगाएं। उन्होंने कहा कि नरवाई प्रबंधन के तहत समूह बनाकर हैपी सीडर एवं सुपर सीडर जैसे उन्नत कृषि यंत्रों का उपयोग कर प्राकृतिक तरीके से नरवाई प्रबंधन कर सकते है। कलेक्टर ने कृषि कार्य में नये वैज्ञानिक तकनीकों का इस्तेमाल कर अधिक लाभ अर्जित करनें की अपील भी कृषकों से की।

कलेक्टर श्री यादव नें जैविक खेती को अपनाने के लिए केंचुआ खाद और वर्मी कंपोस्ट आदि के उपयोग की समझाइश देते हुए कहा कि निरंतर कम होते भू-जल स्तर से निपटने के लिए हमें कम पानी की खपत वाली बेहतर तकनीक जैसे स्प्रिंकलर व ड्रिप सिंचाई पद्धति को अपनाने जैसे कार्यों को प्राथमिकता देनी होगी। इसके लिए यहां किसान मेला मे रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा भी कृषि विभाग के कार्यालय में जाकर कृषि उपकरण खरीदने आदि के लिए मिलने वाले ऋण व अनुदानों की जानकारी भी प्राप्त की जा सकती है।उन्होंने गांव में मनरेगा योजना अंतर्गत तालाब बनवाने, उद्यानिकी और पशुपालन जैसी गतिविधियां अपनाकर समन्वित खेती के माध्यम से आय अर्जन के अधिक अवसर सृजित करने किसानों को समझाइश दी।

कृषि मेला में लगे किसानोपयोगी कई महत्वपूर्ण स्टॉलों का निरीक्षण किया। जिसमें से अंजय फूड कटनी प्रा. लि. के काला सोना ब्राण्ड के कच्ची घानी सरसों तेल, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना सहित अन्य स्वरोजगार योजनाओं की जानकारी देने वाले स्टॉल और कृषि मेला में मानव जीवन विकास समिति के स्व-सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा तैयार जैविक उर्वरक और कीटनाशकों के स्टॉल का भी अवलोकन किया।  पोषक तत्व प्रबंधन उर्वरक जीवामृत, मठास्त्र, अग्नेयास्त्र,  ब्रह्मास्त्र, दसपर्णी,  वर्मीकम्पोस्ट, मटका खाद लमित जैसे कीटनाशक और दवाइयों के भी स्टाल पहुंचे।

कलेक्टर श्री यादव ने संगम बीडी एफपीओ द्वारा श्री अन्न के स्टॉल में कोदौ-कुटकी, रागी, ज्वार, काला गेहूं, मसाला, हल्दी, धनिया, मिर्च आदि का प्रदर्शन सह विक्रय स्टॉल पहुंचे यहां लोगों की काफी भीड़ देखी गयी। इसके अलावा मेले में लाडली बहना, शौर्यादल, लाडली लक्ष्मी, प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, इफको के भी स्टॉलों में किसानों ने पहुंचकर योजनाओं की जानकारी ली। वहीं कृषि यंत्रों में ट्रैक्ट्रर, रोटावेटर, हैवी सीडर, सुपर सीडर, मल्टी क्रॉप सीड ड्रिल, लेवलर और मल्ट्री क्रॉप थ्रेसर का प्रदर्शन किया गया। इसके अलावा लोगों के जनाकर्षण का केन्द्र यहां इफको द्वारा प्रदर्शित ड्रोन रहा जिसके माध्यम से फसलों में कीटनाशकों के छिड़काव का प्रदर्शन किया गया।

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Author: RashtraRakshak

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