????जिम्मेदार कौन????
शहर के नागरिकों को नहीं मिल रहा भरपूर पानी, पीने के पानी की लगातार हो रही चोरी, अमकुही बैराज से लेकर बाईपास तक नदी का पानी खींच रहीं बड़ी बड़ी मोटरें, खेतों की दिन रात सिंचाई से घट रहा जल स्तर

कटनी। शहर में पीने के पानी की समस्या बड़ी आम है। फिलहाल दिसंबर का महीना चल रहा है और एक दो महीने के बाद ही पानी की बड़ी किल्लत एक बार फिर शहर वासियों के सामने होगी। हर साल उत्पन्न होने वाले जल संकट के पीछे कई कारण है उनमें से एक कारण यह भी है की नदी के पानी की सुरक्षा नगर निगम के द्वारा की ही नहीं जाती। साल भर अमकुही बैराज से लेकर बाईपास तक बड़ी-बड़ी मोटर लगाकर एक दर्जन से अधिक किसान नदी के पानी को खींचकर अपने खेतों तक ले जाते हैं। 24 घंटे यह मशीन नदी का पानी खेतों में पहुंचती रहती है, जिसके कारण समय से पहले ही नदी सूख जाती है और लोग पानी के लिए तरसने लगते हैं। शहर वासियों की प्यास बुझाने के लिए एकमात्र सबसे बड़ा स्रोत कटनी नदी है और उसी नदी के पानी को नगर निगम बचा नहीं पा रही है। जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण दिन-रात नदी के पानी की चोरी होती रहती है और नगरवासी जल कर देने के बाद भी पानी को तरसते रहते हैं।
साल भर होती है चोरी
अमकुही से बाईपास तक नदी के आसपास मौजूद किसान अधिकतर तीन फसली उपज लेते हैं, और उसके लिए वे बड़ी-बड़ी मोटर नदी में लगाकर खेतों की सिंचाई भी करते हैं। बताया जाता है कि किसानों के द्वारा 10-10 हॉर्स पावर की मशीन लगाकर हर दिन 20-20 घंटे तक नदी के पानी को खींचकर खेतों में पहुंचाया जाता है, यह सिलसिला गर्मी बरसात और ठंड हमेशा जारी रहता है। वर्तमान समय में भी बैराज से लेकर बाईपास तक लगभग एक दर्जन बड़ी-बड़ी मशीन नदी के किनारे लगी हुई हैं जो पानी को खींचकर खेतों तक पहुंचा रही हैं।
जल कर के बाद भी सूखे कंठ
नगर निगम सीमा क्षेत्र में रहने वाले लोगों के द्वारा प्रत्येक माह जलकर प्रदान किया जाता है इसके बदले दिन में लगभग एक घंटे पानी सप्लाई शहर में होती है। गर्मियों में तो यह समस्या और अधिक बढ़ जाती है। नदी से की जाने वाली वाटर सप्लाई का जहां पीने के लिए उपयोग करने पर नगरवासी कर प्रदान करते हैं, वहीं नदी के पानी को सिंचाई के लिए उपयोग करने वाले किसान इसे बिना किसी रोक-टोक दिन-रात चोरी कर रहे हैं।
इनका कहना है
इस संबंध में बात करते हुए निगम आयुक्त नीलेश दुबे ने कहा कि इस संबंध में मुझे विशेष जानकारी नहीं है, इसकी जांच कराई जाएगी। यदि नियम विरुद्ध तरीके से मशीने लगी पाई गई तो कार्यवाही अवश्य की जाएगी।
????जिम्मेदार कौन????
शहर के नागरिकों को नहीं मिल रहा भरपूर पानी, पीने के पानी की लगातार हो रही चोरी, अमकुही बैराज से लेकर बाईपास तक नदी का पानी खींच रहीं बड़ी बड़ी मोटरें, खेतों की दिन रात सिंचाई से घट रहा जल स्तर
कटनी। शहर में पीने के पानी की समस्या बड़ी आम है। फिलहाल दिसंबर का महीना चल रहा है और एक दो महीने के बाद ही पानी की बड़ी किल्लत एक बार फिर शहर वासियों के सामने होगी। हर साल उत्पन्न होने वाले जल संकट के पीछे कई कारण है उनमें से एक कारण यह भी है की नदी के पानी की सुरक्षा नगर निगम के द्वारा की ही नहीं जाती। साल भर अमकुही बैराज से लेकर बाईपास तक बड़ी-बड़ी मोटर लगाकर एक दर्जन से अधिक किसान नदी के पानी को खींचकर अपने खेतों तक ले जाते हैं। 24 घंटे यह मशीन नदी का पानी खेतों में पहुंचती रहती है, जिसके कारण समय से पहले ही नदी सूख जाती है और लोग पानी के लिए तरसने लगते हैं। शहर वासियों की प्यास बुझाने के लिए एकमात्र सबसे बड़ा स्रोत कटनी नदी है और उसी नदी के पानी को नगर निगम बचा नहीं पा रही है। जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण दिन-रात नदी के पानी की चोरी होती रहती है और नगरवासी जल कर देने के बाद भी पानी को तरसते रहते हैं।
साल भर होती है चोरी
अमकुही से बाईपास तक नदी के आसपास मौजूद किसान अधिकतर तीन फसली उपज लेते हैं, और उसके लिए वे बड़ी-बड़ी मोटर नदी में लगाकर खेतों की सिंचाई भी करते हैं। बताया जाता है कि किसानों के द्वारा 10-10 हॉर्स पावर की मशीन लगाकर हर दिन 20-20 घंटे तक नदी के पानी को खींचकर खेतों में पहुंचाया जाता है, यह सिलसिला गर्मी बरसात और ठंड हमेशा जारी रहता है। वर्तमान समय में भी बैराज से लेकर बाईपास तक लगभग एक दर्जन बड़ी-बड़ी मशीन नदी के किनारे लगी हुई हैं जो पानी को खींचकर खेतों तक पहुंचा रही हैं।
जल कर के बाद भी सूखे कंठ
नगर निगम सीमा क्षेत्र में रहने वाले लोगों के द्वारा प्रत्येक माह जलकर प्रदान किया जाता है इसके बदले दिन में लगभग एक घंटे पानी सप्लाई शहर में होती है। गर्मियों में तो यह समस्या और अधिक बढ़ जाती है। नदी से की जाने वाली वाटर सप्लाई का जहां पीने के लिए उपयोग करने पर नगरवासी कर प्रदान करते हैं, वहीं नदी के पानी को सिंचाई के लिए उपयोग करने वाले किसान इसे बिना किसी रोक-टोक दिन-रात चोरी कर रहे हैं।
इनका कहना है
इस संबंध में बात करते हुए निगम आयुक्त नीलेश दुबे ने कहा कि इस संबंध में मुझे विशेष जानकारी नहीं है, इसकी जांच कराई जाएगी। यदि नियम विरुद्ध तरीके से मशीने लगी पाई गई तो कार्यवाही अवश्य की जाएगी।