पूज्य गुरुदेव दद्दा जी के द्वारा सौपीं गई शिवलिंग निर्माण की परम्परा का निर्वहन कर हम सब धन्य हुए: संजय सत्येन्द्र पाठक
कटनी। साक्षात ईश्वर का स्वरूप गुरुदेव देवप्रभाकर शास्त्री के द्वारा सौपीं गई पार्थिव शिवलिंग निर्माण की परंपरा का आज इस सावन माह के अंतिम सोमवार पर सैकड़ों श्रद्धालुओं के साथ निर्वहन कर हम एवं हमारा मेरा पूरा परिवार धन्य हुआ। यह विचार आज श्रावण सोमवार पर निज निवास में आयोजित पार्थिव शिवलिंग निर्माण आयोजन में श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए पूर्व मंत्री विजयराघवगढ़ के लोकप्रिय विधायक तथा वरिष्ठ भाजपा नेता संजय सत्येंद्र पाठक ने व्यक्त किए।
आज हमने उनका निर्माण किया जिन्होंने हमारा और समूची सृष्टि का निर्माण किया
श्री पाठक ने कहा कि आज हमने उनका निर्माण किया जिन्होंने हमारा और समूची सृष्टि का निर्माण किया। भगवान भोलेनाथ की कृपा हर मानव पर बनी रहे इसी प्रार्थना के साथ मुझे शिवलिंग निर्माण में शिव भक्तों के लिए व्यवस्था करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। परमपूज्य दद्दा जी के गुरु पुत्र नीरज शास्त्री, सुनील शास्त्री जी के सानिध्य में पूरा आयोजन निर्विघ्न सम्पन्न हुआ। इस आयोजन में दद्दा शिष्य मंडल के सहयोगी गुरु भाइयों की महत्वपूर्ण भूमिका थी।
विधिविधान से पार्थिव स्थापना मंत्रोच्चार के बीच कराई
विधायक संजय पाठक के निवास पर रविवार की देर रात इस आयोजन की तैयारियां की गई। प्रातः काल विद्वानों के द्वारा भगवान भोलेनाथ की विधिविधान से पार्थिव स्थापना मंत्रोच्चार के बीच कराई गई। जिसके बाद शिवलिंग निर्माण प्रारम्भ हुआ। मध्यकाल तक शिवलिंग निर्माण किया गया। ततपश्चात पार्थिव शिवलिंग का विधिविधान से रुद्राभिषेक किया गया। सैकड़ों श्रद्धालुओं ने एक साथ इस आयोजन में धर्मलाभ प्राप्त किया। कर्मयोगी पूज्य पिता स्वर्गीय सत्येंद्र पाठक के आशीर्वाद से इस महा आयोजन में श्रीमती निर्मला पाठक, भाभी श्रीमती निधि पाठक, यश पाठक, पुत्र वधु अनुकृति तथा बिटिया अतिशा के साथ पाठक परिवार के सदस्यगण, मित्रगण, शुभचिंतक, क्षेत्रवासी, गणमान्य जनों की मौजूदगी में भगवान भोलेनाथ की भक्तिभाव के साथ पूजन अर्चन सम्पन्न हुआ।
बजरंग बाल रामायण समाज की सुमधुर प्रस्तुति
इस अवसर पर रविवार की संध्या काल तथा सोमवार प्रातः काल से सम्पूर्ण आयोजन के दौरान कटनी की सुप्रसिद्ध श्री बजरंग बाल रामायण समाज के सदस्यों ने गीत स्तुतियों की प्रस्तुति से माहौल को धर्म के रंग में रंग दिया। तथा लोगों को थिरकने पर मजबूर किया। सम्पूर्ण दिवस आयोजन के तहत प्रसाद वितरण किया गया। जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद पाया। शोभायात्रा के साथ पार्थिव शिवलिंग को पवित्र नदी में विसर्जित किया गया।
