मोहम्मद रफी की पुण्यतिथि पर बुजुर्गों ने उनके गाने गाकर किया उन्हें याद
कटनी। कटनी के राजविहार संगीत मंदिर में मोहम्मद रफी साहब की पुण्यतिथि पर आयोजित। इस संगीत समारोह ने उनके गाए हुए नगमों को सुनाने का एक अद्भुत अवसर प्रदान किया। बसंत लाल मोहानी द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम मोहम्मद रफी साहब के संगीत को संरक्षित और प्रसारित करने के लिए समर्पित है। इस अवसर पर “मन तड़पत हरि दर्शन को आज”, “तेरे मेरे सपने अब एक रंग”, और “क्या हुआ तेरा वादा” जैसे प्रसिद्ध नगमों को सुनाया गया, जिन्होंने श्रोताओं को मोहम्मद रफी साहब के गाने गाए।
बसंत लाल मोहनानी ने बताया कि यह आयोजन 28 वर्षों से लगातार किया जा रहा है, जो मोहम्मद रफी साहब के संगीत के प्रति बसंत लाल मोहानी की समर्पण और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस संगीत समारोह का उद्देश्य न केवल मोहम्मद रफी साहब के संगीत को जीवित रखना है, बल्कि संगीत प्रेमियों को उनके दुख और ग़म भुलाकर संगीत की मेडिसिन के माध्यम से जीवन जीने का संदेश देना भी है। यह आयोजन मोहम्मद रफी साहब की पुण्यतिथि पर उनकी याद में एकत्रित होने और उनके संगीत को सुनने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है। मोहमद रफी की पुण्यतिथि पर बुजुर्ग संगीत प्रेमियों ने रफी के नगमे गाकर सुनाकर याद किया।
