औद्योगिक नगरी में धूमधाम से मनाया गया दशहरा पर्व, रंगबिरंगी आतिशबाजी के बीच हुआ रावण दहन, सुरक्षा के लिए तैनात रहा भारी पुलिस बल, पुलिस की सक्रियता से नहीं हुई कोई घटना
कटनी। औद्योगिक नगरी कैमोर में शारदेय नवरात्र के अवसर पर हर साल की तरह इस वर्ष भी अदानी एसीसी द्वारा दुर्गा पूजा और 100 फुट ऊंचे विशाल रावण के पुतले का निर्माण किया गया। यह परंपरा पिछले 90 वर्षों से निरंतर चलती आ रही है, जो इस क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है।
दशहरा पर्व के तहत आयोजित इस मेले में कैमोर के साथ स्थानीय ग्रामीणों के नागरीकगण एवं जिले के अन्य क्षेत्रों से भी हजारों लोग शामिल हुए। मध्यप्रदेश में प्रसिद्ध कैमोर के दशहरे में लगभग 1 लाख तक जन सैलाब उमड़ा। यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक मेलजोल का भी प्रतीक है। हर बार की तरह इस बार भी मेले में विभिन्न प्रकार की प्रदर्शनी, खानपान स्टाल, हस्तशिल्प प्रदर्शनी, और मनोरंजन के साधनों की व्यवस्था की गई। जिससे आने वाले पर्यटकों को एक अद्वितीय अनुभव प्राप्त हुआ।
मेले में दुर्गा पूजा के साथ-साथ, रावण दहन का कार्यक्रम भी प्रमुखता से हुआ। आयोजन स्थल पर विशेष सजावट की गई जिसमें रंग-बिरंगी रोशनी और झिलमिलाते झालरों ने इस महोत्सव की शोभा को बढ़ा दिया। आयोजकों द्वारा शानदार अद्भुत आतिशबाजी का अस्योजन किया गया, जिसने लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया, रावण का पुतला जलाने के साथ साथ आतिशबाजी ने रात के आसमान को रंग बिरंगी रोशनी से भर दिया। आयोजक समिति ने सुरक्षा के मद्दे नजर अदानी सुरक्षा प्रमुख चीफ मैनेजर सिक्योरिटी नीरज सिंह की निगरानी में सभी स्थानों में सुरक्षा एजेंसियों (बाउंसर)की तैनाती की गई थी। इसके साथ ही विजयराघवगढ़ एसडीओपी के पी सिंह की अगुवाई में पुलिस बल द्वारा चप्पे चप्पे पर नजर रखी जा रही थी। जगह जगह सीसी टीवी कैमरे लगाए गए थे साथ ही कोट्रोल रूम भी बनाकर नजर रखी जा रही थी, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस कृष्ण पाल सिंह के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी अरविंद कुमार चौबे अपने दल बल के साथ रामलीला मैदान में तैनात थे। एवं साथ ही नगर में भी लगातार पेट्रोलिंग करते नजर आए, दशहरा के चलते अतिरिक्त पुलिस बल भी बुलाया गया था। ताकि सभी आगंतुक सुरक्षित और आनंदित रह सकें।
दशहरा का पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है, और इस मौके पर रावण का विशाल पुतला जलाकर इस संदेश को और भी बल दिया जाता है। विभिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन
आयोजकों द्वारा प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी मेले में अनेक प्रकार की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आयोजन किया गया। 13 अक्टूबर को स्थानीय सांस्कृतिक कार्यक्रम जिसमे स्थानीय कलाकार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। मेले में बच्चों के लिए विशेष झूले और खेल-तमाशे की व्यवस्था की गई, जिससे छोटे बच्चे भी इस उत्सव का भरपूर आनंद उठा सकें।
इसके अलावा मेले में 14 अक्टूबर को नागपुर की प्रसिद्ध आर्केस्ट्रा इंडियन मेलोडी और 15 अक्टूबर को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन भी किया जाएगा। इस प्रकार औद्योगिक नगरी में मनाया जाने वाला दशहरा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा महोत्सव है, जो सभी वर्गों के लोगों को एक साथ लाता है और समाज में एकता का संदेश फैलाता है। इस उत्सव के माध्यम से लोग न केवल धार्मिक आस्था को प्रकट करते हैं, बल्कि अपनी सांस्कृतिक पहचान को भी संजोते हैं।
औद्योगिक नगरी में धूमधाम से मनाया गया दशहरा पर्व, रंगबिरंगी आतिशबाजी के बीच हुआ रावण दहन, सुरक्षा के लिए तैनात रहा भारी पुलिस बल, पुलिस की सक्रियता से नहीं हुई कोई घटना
कटनी। औद्योगिक नगरी कैमोर में शारदेय नवरात्र के अवसर पर हर साल की तरह इस वर्ष भी अदानी एसीसी द्वारा दुर्गा पूजा और 100 फुट ऊंचे विशाल रावण के पुतले का निर्माण किया गया। यह परंपरा पिछले 90 वर्षों से निरंतर चलती आ रही है, जो इस क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है।
दशहरा पर्व के तहत आयोजित इस मेले में कैमोर के साथ स्थानीय ग्रामीणों के नागरीकगण एवं जिले के अन्य क्षेत्रों से भी हजारों लोग शामिल हुए। मध्यप्रदेश में प्रसिद्ध कैमोर के दशहरे में लगभग 1 लाख तक जन सैलाब उमड़ा। यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक मेलजोल का भी प्रतीक है। हर बार की तरह इस बार भी मेले में विभिन्न प्रकार की प्रदर्शनी, खानपान स्टाल, हस्तशिल्प प्रदर्शनी, और मनोरंजन के साधनों की व्यवस्था की गई। जिससे आने वाले पर्यटकों को एक अद्वितीय अनुभव प्राप्त हुआ।
मेले में दुर्गा पूजा के साथ-साथ, रावण दहन का कार्यक्रम भी प्रमुखता से हुआ। आयोजन स्थल पर विशेष सजावट की गई जिसमें रंग-बिरंगी रोशनी और झिलमिलाते झालरों ने इस महोत्सव की शोभा को बढ़ा दिया। आयोजकों द्वारा शानदार अद्भुत आतिशबाजी का अस्योजन किया गया, जिसने लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया, रावण का पुतला जलाने के साथ साथ आतिशबाजी ने रात के आसमान को रंग बिरंगी रोशनी से भर दिया। आयोजक समिति ने सुरक्षा के मद्दे नजर अदानी सुरक्षा प्रमुख चीफ मैनेजर सिक्योरिटी नीरज सिंह की निगरानी में सभी स्थानों में सुरक्षा एजेंसियों (बाउंसर)की तैनाती की गई थी। इसके साथ ही विजयराघवगढ़ एसडीओपी के पी सिंह की अगुवाई में पुलिस बल द्वारा चप्पे चप्पे पर नजर रखी जा रही थी। जगह जगह सीसी टीवी कैमरे लगाए गए थे साथ ही कोट्रोल रूम भी बनाकर नजर रखी जा रही थी, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस कृष्ण पाल सिंह के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी अरविंद कुमार चौबे अपने दल बल के साथ रामलीला मैदान में तैनात थे। एवं साथ ही नगर में भी लगातार पेट्रोलिंग करते नजर आए, दशहरा के चलते अतिरिक्त पुलिस बल भी बुलाया गया था। ताकि सभी आगंतुक सुरक्षित और आनंदित रह सकें।
दशहरा का पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है, और इस मौके पर रावण का विशाल पुतला जलाकर इस संदेश को और भी बल दिया जाता है। विभिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन
आयोजकों द्वारा प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी मेले में अनेक प्रकार की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आयोजन किया गया। 13 अक्टूबर को स्थानीय सांस्कृतिक कार्यक्रम जिसमे स्थानीय कलाकार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। मेले में बच्चों के लिए विशेष झूले और खेल-तमाशे की व्यवस्था की गई, जिससे छोटे बच्चे भी इस उत्सव का भरपूर आनंद उठा सकें।
इसके अलावा मेले में 14 अक्टूबर को नागपुर की प्रसिद्ध आर्केस्ट्रा इंडियन मेलोडी और 15 अक्टूबर को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन भी किया जाएगा। इस प्रकार औद्योगिक नगरी में मनाया जाने वाला दशहरा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा महोत्सव है, जो सभी वर्गों के लोगों को एक साथ लाता है और समाज में एकता का संदेश फैलाता है। इस उत्सव के माध्यम से लोग न केवल धार्मिक आस्था को प्रकट करते हैं, बल्कि अपनी सांस्कृतिक पहचान को भी संजोते हैं।