वन विकास निगम की जमीन पर बने अवैध ढाबे से हो रहा डीजल चोरी का खेल, अधिकारियों की मेहरबानी से बड़े हौसले, सफेद चोला ओढ कर तेल का अवैध कारोबार, ढीमरखेड़ा के डूडहा में जारी है अवैध धंधा

कटनी। ढीमरखेड़ा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम डूडहा और उसके आसपास अवैध रूप से डीजल पेट्रोल के काले कारोबार को संचालित किया जा रहा है। बीते दिनों ढीमरखेड़ा पुलिस ने तेल के इस खेल में सेंध मारी करते हुए लगभग 700 लीटर अवैध डीजल का भंडार जब्त करते हुए दो लोगों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। स्थानीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक पकड़े गए दोनों आरोपी तो महज मोहरा थे। वहीं जिस ढाबे की आड़ में डीजल चोरी का खेल चलता है वह वन विकास निगम कुंडम प्रोजेक्ट की भूमि है। लेकिन विभाग के ही अधिकारियों को इस बात से कोई सरोकार नहीं है। जब इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने अनभिज्ञता जताई। वन विभाग विभाग की जमीन पर कब्जा कर काफी समय से डीजल चोरी का काला खेल जिर्री स्थित डूडहा में किया जा रहा है। अवैध रूप से निर्मित सर्व सुविधा युक्त इस ढाबे में अक्सर तेल टैंकरों को खड़ा देखा जा सकता है। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक ढाबे की आड़ में यहां पर डीजल चोरी और डीजल के अवैध कारोबार का खेल संचालित किया जाता है। इस पूरे खेल में ढाबा संचालक की भूमिका प्रमुख बताई जाती है। ऐसा नहीं है कि ढाबा संचालक के ऊपर पहले पुलिस ने कार्यवाही नहीं की, उसके खिलाफ पूर्व के कई आपराधिक मामले भी दर्ज हैं। तेल के काले कारोबार सहित अन्य अवैध गतिविधियों में लिप्त ढाबा संचालक ने अब कार्यवाहियों से बचने के लिए राजनैतिक संरक्षण प्राप्त कर लिया है और वह खुद एक जनप्रतिनिधि के रूप में जाना जाने लगा है।
यह हुई थी कार्रवाई
विगत 7 मार्च को मुखबिर की सूचना के आधार पर ढीमरखेड़ा पुलिस ने दो अलग-अलग स्थानों पर रेड कार्यवाही को अंजाम देते हुए डीजल की खेप बड़ी मात्रा में बरामद की। पुलिस के मुताबिक ग्राम डुडहा स्थित महेश ढावा के पिछे से दो प्लास्टिक के गुम्मो में 100 लीटर अवैध डीजल चूडामणि यादव के कब्जे से जब्त किया गया। इसी तरह ग्राम जिरी में संपतलाल यादव के घर की परची में 200 लीटर के 3 ड्रमो में 600 लीटर डीजल अवैध रूप से डीजल पाया गया। उक्त आरोपियों से डीजल के संबंध में कागजात मांगे गये जो कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत नही कर सके। दोनो स्थानों से कुल 700 लीटर डीजल जप्त कर लिया गया। आरोपियों के विरूद्ध धारा 287 बीएनएस 3/7 ई.सी एक्ट वस्तु अधि. 1955 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।
सिर्फ मोहरों पर कार्यवाही
स्थानीय लोगों के मुताबिक वन विकास निगम की जमीन पर ढाबा चलाने वाले नेता जी की संलिप्तता डीजल के अवैध कारोबार में हो सकती है। पकड़े गए दोनों आरोपियों में से एक तो महेश का भाई है और दूसरा उसका सहयोगी। बताया जाता है कि वह अपने सहयोगियों को साथ लेकर ढाबे में आने वाले टैंकरों से डीजल निकलवाता है, और ढाबे के पीछे इस डीजल और पेट्रोल को छुपाने के लिए कई ठिकाने बना रखे हैं।
इनका कहना है
इस संबंध में बात करते हुए रेंजर वन विकास निगम कुंडम प्रोजेक्ट श्री दिवेश ने कहा की मुझे इस संबंध में जानकारी नहीं है। आपके द्वारा अवगत कराया गया है। यदि विभाग की जमीन पर ढाबा बनाया गया होगा तो उसे जमीदोज किया जायेगा। मौका मुआयना के बाद आगे कार्यवाही की जायेगी।