शासकीय अधिवक्ताओं की नियुक्ति प्रक्रिया योग्यता आधारित व पारदर्शी हो, हाई कोर्ट बार के संयुक्त सचिव योगेश सोनी ने महाधिवक्ता को पत्र लिखकर उठाई मांग

शासकीय अधिवक्ताओं की नियुक्ति प्रक्रिया योग्यता आधारित व पारदर्शी हो, हाई कोर्ट बार के संयुक्त सचिव योगेश सोनी ने महाधिवक्ता को पत्र लिखकर उठाई मांग

जबलपुर। मध्य प्रदेश के महाधिवक्ता कार्यालय में शासकीय अधिवक्ताओं की नियुक्ति प्रक्रिया अपेक्षाकृत अधिक पारदर्शी बनाए जाने की आवश्यकता है। इसके अंतर्गत प्रत्येक शासकीय अधिवक्ता का चयन योग्यता आधारित होना चाहिए।
उक्त मांग हाई कोर्ट बार एसोसिएशन, जबलपुर के संयुक्त सचिव योगेश सोनी ने महाधिवक्ता प्रशांत सिंह को पत्र के जरिए उठाई है। पत्र की प्रतियां कानून मंत्री भारत सरकार श्री अर्जुन राम मेघवाल,विधि विधायी कार्य विभाग मध्य प्रदेश शासन, हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश, हाई कोर्ट एडवोकेट्स व सीनियर बार जबलपुर, इंदौर व ग्वालियर के अध्यक्ष व सचिव को भेजी गई हैं।
पत्र में आवेदन आमंत्रित करने के कदम की सराहना की गई है। साथ ही यह भी अपेक्षा जताई गई है कि प्राप्त होने वाले सभी आवेदनों में से मैरिट के आधार पर सर्वथा योग्य अधिवक्ताओं को ही शासकीय अधिवक्ता नियुक्त किया जाए। चयन प्रक्रिया की अस्पष्टता से असंतोष व्याप्त होता है। देखने में आया है कि चयनित उम्मीदवारों की अंतिम सूची अक्सर चयन पद्धति, पात्रता मानदंडों या मूल्यांकन मानदंडों के किसी भी आधिकारिक प्रकटीकरण के बिना जारी कर दी जाती है। पारदर्शिता का यह अभाव निष्पक्षता पर गंभीर प्रश्न उठाता है और दुर्भाग्यवश, पक्षपात या राजनीतिक रूप से प्रभावित चयनों की धारणाओं को जन्म देता है, जिससे कई वास्तविक रूप से योग्य अधिवक्ताओं का मनोबल गिरता है। अतीत में, ऐसी नियुक्तियों में पारदर्शिता के अभाव के कारण अधिवक्ताओं में निराशा और अविश्वास की भावना पैदा हुई है। यह सुनिश्चित करना हमारा सामूहिक कर्तव्य है कि किसी भी योग्य और सक्षम वकील को सत्ता से जुड़ाव या निकटता के अभाव के कारण अनदेखा या दरकिनार न किया जाए। विश्वास है क यह नियुक्ति प्रक्रिया संस्थागत निष्ठा, निष्पक्षता और व्यावसायिकता का एक उदाहरण स्थापित करेगी। एक सच्ची पारदर्शी और योग्यता-आधारित प्रणाली न केवल आपके पद की गरिमा को बढ़ाएगी, बल्कि विधिक समुदाय का विश्वास भी बहाल करेगी।

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Author: RashtraRakshak

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