भारत तिब्बत सहयोग मंच कटनी ने मनाया आक्रोश दिवस, चीन का पुतला किया दहन
कटनी। भारत तिब्बत सहयोग मंच जिला इकाई कटनी द्वारा चीन द्वारा कायराना हमला कर 20 अक्टूबर 1962 में भारत पर आक्रमण कर करीब 32000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा किए जाने के संदर्भ में स्टैशन रोड़ स्थित बाबा माधवशाह बाजार के सामने मैदान में रामदयाल गुप्ता की अध्यक्षता, गिरिराज किशोर पोद्दार के मुख्य आतिथ्य, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ महाकौशल प्रांत के पर्यावरण प्रमुख प्रचारक कार्यक्रम के मुख्य वक्ता रामकृष्ण जी एवं नगर कार्यवाहक ओपी सोनी, दयाशंकर कनकने, त्रप्ति ताम्रकार, हिन्द रक्षक दल के जिला संयोजक बच्चू निषाद, जिला इकाई के युवा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह, खजुराहो विकास मंच के संयोजक प्रियदर्शन बडगैया, उमरिया जिला अध्यक्ष रामसुशील गौतम, मानपुर से अमरराम शुक्ला के विशिष्ट आतिथ्य तथा मुकेश चंदेरिया के सफल संचालन के बीच मंचासीन अतिथियों के द्वारा भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ आक्रोश दिवस मनाया गया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में मुकेश चंदेरिया ने संस्था का परिचय दिया, तत्पश्चात कविराज शानूराज बेखौफ ने कविता द्वारा तो महाकौशल प्रांत के समन्वयक श्रीकांत पोद्दार ने अपने शब्दों द्वारा चीन पर आक्रोश व्यक्त किया, पूजा जैसवाल, तृप्ति ताम्रकार दयाशंकर कनकने,ओ पी सोनी, नरेंद्र सिंह ने अपने अपने ओजस्वी वाणी से चीन के कायराना हमले की निंदा करते हुए उसे असहयोग करने की बात कही। गिरिराज किशोर पोद्दार ने चीन भारत युद्ध के समय सैनिक जसवंत सिंह की बहादुरी से मदद करते हुए दो बहनों नूरा और शैलजा का विस्तार से वर्णन किया जिन्हें चीन की सेना द्वारा मार डाला गया था। अपने मुख्य वक्तव्य में रामकृष्ण ने चीन द्वारा अपनाई जाने वाली विस्तार वाली नीति की चर्चा करते हुए कहा कि वह किसी का सगा नहीं हो सकता।उसका सभी पड़ोसी देशों के साथ सीमा विवाद है और चलता रहेगा हमें उससे सावधान रहना चाहिए। अध्यक्ष रामदयाल गुप्ता ने कार्यक्रम में आक्रेस्ट्रा द्वारा दिलीप विश्वकर्मा द्वारा देशभक्ति के गीतों की प्रशंसा करते हुए सभी वक्ताओं के द्वारा दी गई जानकारी की बात कहते हुए श्रोताओं की भी प्रशंसा करते हुए महामंत्री पर्वत सिंह परिहार एवं व्यवस्था प्रमुख राजा हांके की भी चर्चा की जो पर्दे के पीछे रहकर निपुणता से कार्य कर रहे हैं कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हम सनातनी हैं और हमने शांति, मित्रता की बात कोहमेशा महत्व दिया है लेकिन हमाने अपने शस्त्रों को कभी नहीं कमतर न होने दिया है न समझा् है इसके सबसे बड़े उदाहरण हमारे आदर्श इष्ट भगवान राम है जिन्होंने वन जाते समय भी धनुष बाण साथ रखा था। हमसे 1962के युद्ध में यही गलती हुई थी उसे पुनः नहीं होने देना चाहिए। कार्यक्रम के अंत में महिला महामंत्री वंदना मिश्रा ने सभी को चीनी सामग्री
के बहिष्कार की शपथ दिलाते हुए चीनी के पुतले का दहन करने हेतु आमंत्रित किया एवं सभी ने सोत्साह चीनी सामग्री सहित पुतले का दहन किया। कार्यक्रम में पधारे सभी बंधुओं का आभार प्रदर्शन व्यवस्था प्रमुख राजा हांके ने किया
कार्यक्रम में प्रकाश बिलैया,
विनय कन्देले रोहित निषाद, सुनील कुमार वर्मा, आर पी शर्मा, सूरज वली ठाकुर, पी एन पठारिया, गनपत निषाद, शोभित बडगैया, मनीष राठौर, प्रताप सिंह राजपूत, सुभाष चौरसिया, डाक्टर पी के मिश्रा, कुलभूषण पुरवार, संदीप गौतम, मनोज सक्सेना, राहुल निषाद, पंकज राह चलते राहगीरों आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
भारत तिब्बत सहयोग मंच कटनी ने मनाया आक्रोश दिवस, चीन का पुतला किया दहन
कटनी। भारत तिब्बत सहयोग मंच जिला इकाई कटनी द्वारा चीन द्वारा कायराना हमला कर 20 अक्टूबर 1962 में भारत पर आक्रमण कर करीब 32000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा किए जाने के संदर्भ में स्टैशन रोड़ स्थित बाबा माधवशाह बाजार के सामने मैदान में रामदयाल गुप्ता की अध्यक्षता, गिरिराज किशोर पोद्दार के मुख्य आतिथ्य, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ महाकौशल प्रांत के पर्यावरण प्रमुख प्रचारक कार्यक्रम के मुख्य वक्ता रामकृष्ण जी एवं नगर कार्यवाहक ओपी सोनी, दयाशंकर कनकने, त्रप्ति ताम्रकार, हिन्द रक्षक दल के जिला संयोजक बच्चू निषाद, जिला इकाई के युवा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह, खजुराहो विकास मंच के संयोजक प्रियदर्शन बडगैया, उमरिया जिला अध्यक्ष रामसुशील गौतम, मानपुर से अमरराम शुक्ला के विशिष्ट आतिथ्य तथा मुकेश चंदेरिया के सफल संचालन के बीच मंचासीन अतिथियों के द्वारा भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ आक्रोश दिवस मनाया गया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में मुकेश चंदेरिया ने संस्था का परिचय दिया, तत्पश्चात कविराज शानूराज बेखौफ ने कविता द्वारा तो महाकौशल प्रांत के समन्वयक श्रीकांत पोद्दार ने अपने शब्दों द्वारा चीन पर आक्रोश व्यक्त किया, पूजा जैसवाल, तृप्ति ताम्रकार दयाशंकर कनकने,ओ पी सोनी, नरेंद्र सिंह ने अपने अपने ओजस्वी वाणी से चीन के कायराना हमले की निंदा करते हुए उसे असहयोग करने की बात कही। गिरिराज किशोर पोद्दार ने चीन भारत युद्ध के समय सैनिक जसवंत सिंह की बहादुरी से मदद करते हुए दो बहनों नूरा और शैलजा का विस्तार से वर्णन किया जिन्हें चीन की सेना द्वारा मार डाला गया था। अपने मुख्य वक्तव्य में रामकृष्ण ने चीन द्वारा अपनाई जाने वाली विस्तार वाली नीति की चर्चा करते हुए कहा कि वह किसी का सगा नहीं हो सकता।उसका सभी पड़ोसी देशों के साथ सीमा विवाद है और चलता रहेगा हमें उससे सावधान रहना चाहिए। अध्यक्ष रामदयाल गुप्ता ने कार्यक्रम में आक्रेस्ट्रा द्वारा दिलीप विश्वकर्मा द्वारा देशभक्ति के गीतों की प्रशंसा करते हुए सभी वक्ताओं के द्वारा दी गई जानकारी की बात कहते हुए श्रोताओं की भी प्रशंसा करते हुए महामंत्री पर्वत सिंह परिहार एवं व्यवस्था प्रमुख राजा हांके की भी चर्चा की जो पर्दे के पीछे रहकर निपुणता से कार्य कर रहे हैं कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हम सनातनी हैं और हमने शांति, मित्रता की बात कोहमेशा महत्व दिया है लेकिन हमाने अपने शस्त्रों को कभी नहीं कमतर न होने दिया है न समझा् है इसके सबसे बड़े उदाहरण हमारे आदर्श इष्ट भगवान राम है जिन्होंने वन जाते समय भी धनुष बाण साथ रखा था। हमसे 1962के युद्ध में यही गलती हुई थी उसे पुनः नहीं होने देना चाहिए। कार्यक्रम के अंत में महिला महामंत्री वंदना मिश्रा ने सभी को चीनी सामग्री
के बहिष्कार की शपथ दिलाते हुए चीनी के पुतले का दहन करने हेतु आमंत्रित किया एवं सभी ने सोत्साह चीनी सामग्री सहित पुतले का दहन किया। कार्यक्रम में पधारे सभी बंधुओं का आभार प्रदर्शन व्यवस्था प्रमुख राजा हांके ने किया
कार्यक्रम में प्रकाश बिलैया,
विनय कन्देले रोहित निषाद, सुनील कुमार वर्मा, आर पी शर्मा, सूरज वली ठाकुर, पी एन पठारिया, गनपत निषाद, शोभित बडगैया, मनीष राठौर, प्रताप सिंह राजपूत, सुभाष चौरसिया, डाक्टर पी के मिश्रा, कुलभूषण पुरवार, संदीप गौतम, मनोज सक्सेना, राहुल निषाद, पंकज राह चलते राहगीरों आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
