कटनी बना ठगों का गढ़, सोने की मोहरों का जाल बिछाकर की जा रही ठगी, अब मुरैना के व्यापारी को ट्रांसपोर्टर नगर बाइपास के समीप जंगल में बनाया शिकार, एक माह में एक बाद एक तीन वारदातों से खलबली, पुलिस खाली हाथ

कटनी। महाकुंभ प्रयागराज में देशभर के लोगों के बीच कटनी जिले के पारधी सामुदाय के लोग भी पहुंचे। यहां करीब दो महीनों तक रहकर किसी पारधी ने फूलों की माला बेची तो किसी ने रुद्राक्ष। इस कारोबार के बीच पारधियों ने महाकुंभ में कारोबार कर रहे व्यापारियों के बीच सोने की मोहर होने का जाल भी डाल दिया। बताया कि हमारे पास भारी मात्रा में सोने की मोहर है और हम कम दामों में आपको बेच देंगे। पारधियों के फैलाए इस जाल में महाकुंभ खत्म होने के बाद देश के अलग-अलग जिलों से आकर दुकानदार व व्यापारी फंस रहे है और ठगी का शिकार हो रही है। कुठला थाना क्षेत्र में पारधियों ने एक बार फिर मुरैना के एक व्यापारी को सोने की मोहर देने के नाम पर ठग लिया। धोखाधड़ी के शिकार व्यापारी ने कुठला थाना में शिकायत दर्ज कराई हैं। हालांकि यह पहला मामला नहीं है। पिछले एक माह में पारधियों ने ऐसी तीन वारदातों को अंजाम देकर लाखों की ठगी की है, लेकिन पुलिस अबतक इन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकी है।
यह भी हुए वारदात के शिकार
17 मार्च कुठला थाना क्षेत्र में रीवा जिले के गुढ़ निवासी हिंमाशु चतुर्वेदी और विजय तिवारी को ठगी का शिकार बनाया गया। इंद्रानगर बायपास के समीप पन्ना रोड में जंगल में मिलकर 7 लाख रुपए रुपए आधा पाव सोना दिया। वापस सोना लेकर रीवा रवाना हो गए। रीवा में फिर चेक कराया तो नकली निकला।
8 मार्च को लालच में फंसकर सोने की मोहर लेने हरी बाबू पिता जादन सिंह (53) निवासी सवाई माधोपुर राजस्थान, रविंद्र सिंह पिता फूल फूल सिंह (63) निवासी सवाई माधोपुर राजस्थान दोनों कटनी पहुंचे थे। पारधियों ने यहां द्वारा बाइपास में नकद रुपए छीन लिए और मारपीट कर भाग निकले।
मुरैना निवासी राय राय सिंह राठौर पिता जगजीत सिंह निवासी महाकुंभमें कारोबार करने गए थे। यहां उनका परिचय पारधियों से हुआ था। पारधियों ने उन्हें सोने की मोहर होने का लालच दिया। पिछले माह राय सिंह कटनी आए और दो मोहर ले गए। ये मोहर असली थी। फिर 25 मार्च को अधिक संख्या में मोहर लेने के लिए कटनी पहुंचे। पुलिस को दी शिकायत में रायसिंह ने बताया नंदकुवर पारधी से वे बस स्टैंड में मिले। इसके बाद वह उन्हें लेकर ट्रांसपोर्ट नगर बाइपास के पास जंगल में लेकर गया। यहां कहां कि रुपए दे दो मैं मोहर लेकर आता हूं। मैने 1.55 लाख रुपए दिए और नंदकुवर अपने साथियों के साथ मोहर लेने चला गया। इसके बाद वह नहीं लौटा। पीड़ित राय सिंह दूसरे दिन तक पाराधियों को फोन करते रहे लेकिन वे नहीं है। इसके बाद पीड़ित ने एफआइआर दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपी नंदकुवर पारधी, लल्लू उर्फ शहनशाह पारधी व नंदकुंवर की पत्नी के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है। पारधियों द्वारा महाकुंभ के दौरान वहां व्यापार कर रहे लोगों को सोने की मोहर देने का लालच देकर कटनी बुलाया गया और धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम दिया गया है।