माइनिंग कान्क्लेव के लिए अब तक 15 सौ से अधिक नामी-गिरामी उद्योगपतियों व निवेशकों ने किया पंजीयन, देशभर के बड़े औद्योगिक घरानों ने कटनी की माइनिंग कान्क्लेव के प्रति दिखाई दिलचस्पी
कटनी। जिले में 23 अगस्त को होने वाले माइनिंग कॉन्क्लेव में खनिज एवं खनन क्षेत्र में काम करने वाली देशभर की नामी-गिरामी कंपनियां, उद्योगपति, निवेशक, औद्योगिक संस्थान और हितधारक व खनन क्षेत्र के विशेषज्ञ शामिल होंगे। कान्क्लेव में शामिल होने के लिए अब तक डेढ़ हजार से अधिक देश के बड़े औद्योगिक घरानों, उद्योगपतियों और निवेशकों ने पंजीयन कर दिलचस्पी दिखाई है।
कलेक्टर दिलीप कुमार यादव कहते हैं कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश पर कटनी में होने जा रही माइनिंग कान्क्लेव यहां निवेश प्रोत्साहन के नजरिए से एक बड़ी उपलब्धि है। इससे न केवल कटनी और आस-पास के जिलों, बल्कि पूरे मध्यप्रदेश में आर्थिक समृद्धि और रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी होगी। राज्य को खनन और खनिज-आधारित उद्योगों का प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में माइनिंग कान्क्लेव मील का पत्थर साबित होगी।
माइनिंग कान्क्लेव का यह महत्वपूर्ण आयोजन राज्य में खनन, तेल, गैस और खनिज आधारित उद्योगों की व्यापक संभावनाओं को प्रदर्शित करेगा, जो विकास की रीढ़ के रूप में कार्य करते हैं। कान्क्लेव में प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, केन्द्रीय मंत्री सहित राज्य के मंत्री, कटनी जिले के प्रभारी मंत्री और प्रदेश के परिवहन एवं स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह सहित कई वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी शामिल होंगे। मध्यप्रदेश, खनिज संसाधनों से समृद्ध राज्य है और देश के खनन क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह देश का एकमात्र राज्य है जो हीरे का उत्पादन करता है। साथ ही मैंगनीज और तांबा अयस्क के उत्पादन में भी अग्रणी है, जो विभिन्न औद्योगिक उपयोगों के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा राज्य रॉक-फॉस्फेट उत्पादन में दूसरे, सीमेंट उद्योग के लिए आवश्यक चूना पत्थर उत्पादन में तीसरे और कोयला उत्पादन में चौथे स्थान पर है। कोल-गैस के उत्पादन में भी राज्य दूसरे स्थान पर है, जो वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों और स्थिरता की दिशा में उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
कटनी का माइनिंग कॉन्क्लेव खनिज कंपनियों, उद्योग प्रतिनिधियों और अन्य प्रमुख हितधारकों को एक मंच पर लाएगा, जिससे सहयोग और नवाचार को प्रोत्साहन मिलेगा। इस आयोजन का उद्देश्य मध्यप्रदेश के समृद्ध खनिज संसाधनों को प्रदर्शित करना है, जिससे राज्य में निवेश को आकर्षित किया जा सके। इसमें कोयला, चूना पत्थर, तेल और गैस, सहित अन्य महत्वपूर्ण खनिजों की संभावनाओं पर चर्चा होगी। साथ ही खनन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई)और मशीन लर्निंग की भूमिका पर भी जोर दिया जाएगा।
इस आयोजन में डिजिटल परिवर्तन, ऊर्जा सुरक्षा, और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिसमें खनन कार्यों में ऑटोमेशन के साथ एआई और मशीन लर्निंग के उपयोग पर चर्चा होगी। कोल गैस (सीबीएम) जैसे वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों की संभावनाओं का भी अन्वेषण किया जाएगा। सीमेंट, ऊर्जा, और खनिज-आधारित उद्योगों से संबंधित मुद्दों पर गहन चर्चा होंगी। कॉन्क्लेव में कई संस्थानों के साथ एमओयू भी होंगे, जिससे राज्य के खनन बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के उद्देश्य से किए गए सभी निवेश प्रस्ताव फलीभूत होंगे।
खनिज संपदा से समृद्ध
कटनी जिला मध्यप्रदेश का एक प्रमुख खनिज क्षेत्र है, जो अपनी भौगोलिक संरचना और खनिज संपदा के लिए प्रसिद्ध है। कलेक्टर दिलीप कुमार यादव कहते हैं कि यहाँ प्रमुख रूप से लाइमस्टोन, डोलोमाइट, मार्बल, बॉक्साइट, लेटराइट और फायरक्ले जैसे खनिज प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इन खनिजों के कारण जिले में औद्योगिक गतिविधियाँ तेज़ी से विकसित हो रही हैं। कान्क्लेव में पहुंचने वाले उद्योगपतियों और औद्योगिक घरानों को कटनी में उपलब्ध खनिजों की बहुतायतता की खूबियों और मध्य प्रदेश की इंडस्ट्री फ्रेंडली निवेश संवर्धन नीतियों की खासियतों की भी जानकारी दी जाएगी।
यहां हैं खनिज संपदा
लाइमस्टोन कटनी जिले के बड़वारा, और विजयराघवगढ़ में मिलता है, जिसका उपयोग सीमेंट, चूना, स्टील और कागज उद्योग में होता है। डोलोमाइट स्लीमनाबाद और बड़वारा क्षेत्र में उपलब्ध है, जो स्टील और पुट्टी प्लाण्ट के लिए उपयोगी है। मार्बल, खासकर बहोरीबंद और स्लीमनाबाद क्षेत्र में उपलब्ध है, जो भवन निर्माण और सजावटी वस्तुओं, मूर्तियां आदि बनाने के लिए प्रसिद्ध है। बॉक्साइट तहसील कटनी एवं स्लीमनाबाद क्षेत्र में पाया जाता है, जो एल्युमिनियम का मुख्य स्रोत है। फायरक्ले एक उच्च ताप सहनशील मिट्टी, ईंट और टाइल निर्माण में प्रयोग होती है। वही लेटराइट भूमि सुधार और जल संरक्षण के लिए उपयोगी है।
बड़े औद्योगिक घरानों ने दिखाई दिलचस्पी
दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात, बेस्ड नामचीन खनन कंपनियों और उनके प्रतिनिधियों सहित करीब 1500 उद्योगपतियों व औद्योगिक घरानों ने माइनिंग कान्क्लेव में शिरकत करने अब तक पंजीयन कराया है और कान्क्लेव के प्रति दिलचस्पी दिखाई है। इसमें भागीदारी के इच्छुक निवेशकों व प्रतिभागियों की संख्या दिन-व-दिन बढ़ती जा रही है।
मल्टी मॉडल लाजिस्टिक हब
कटनी जिले के रीठी तहसील के ग्राम सिमरा में लॉजिस्टिक पार्क की स्थापना हेतु नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड के स्तर पर फीजिबिलिटी सर्वे रिपोर्ट की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। लॉजिस्टिक पार्क की स्थापना से कटनी जिले में लॉजिस्टिक का इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित होगा, जिससे औद्योगिक विकास एवं निवेश की संभावनाएं प्रबल होंगी। लॉजिस्टिक पार्क हेतु प्रस्तावित 35 हेक्टेयर भूमि खाद्य प्रसंस्करण विभाग को आवंटित है । कटनी में मल्टी लॉजिस्टिक हब की स्थापना की बहुत अच्छी संभावनाएँ है। चीन से आयात किये जाने वाले उपभोक्ता एवं इलेक्ट्रानिक्स वस्तुएँ तथा मशीनरी आयटम सभी कोलकता, मुम्बई एवं गुजरात के बंदरगाहों पर आयात कर वहीं लॉजिस्टिक हब में डम्प की जाती है। तत्पश्चात उसे ट्रक से देश के अन्य भागों में भेजा जाता है। यही कटनी में आई.सी.डी. एवं लॉजिस्टिक हब बनने से विदेशों विशेषकर चीन से आयातित माल को यहाँ डम्प किया जा सकता है। अपनी केन्द्रीय स्थिति के कारण कटनी से देश के चारों दिशाओं में उन वस्तुओं को कम परिवहन लागत में भेजा जा सकेगा।
यातायात कनेक्टिविटी
कटनी में रेलवे नेटवर्क देश की चारों दिशाओं को जोड़ता है। यहां राष्ट्रीय राजमार्ग और जबलपुर का नजदीकी हवाई अड्डा महज 100 किलोमीटर दूर है। इन तमाम खूबियों की वजह से इस डेस्टिनेशन के प्रति इन्वेस्टर्स आकर्षित हो रहे हैं।
