एकादशी तुलसी विवाह के अवसर पर बाल विवाह रोकने मड़ई ग्राम पंचायत में बच्चों ने प्रस्तुत किया नाटक, नाट्य कला के जरिए कुप्रभावों की दी जानकारी

एकादशी तुलसी विवाह के अवसर पर बाल विवाह रोकने मड़ई ग्राम पंचायत में बच्चों ने प्रस्तुत किया नाटक, नाट्य कला के जरिए कुप्रभावों की दी जानकारी

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कटनी। आज 12 नवंबर कोआंगनबाड़ी केंद्र मड़ई परियोजना मुड़वारा में देवउठनी एकादशी तुलसी विवाह के अवसर पर आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों द्वारा बाल विवाह रोको अभियान के अंतर्गत बहुत ही सुंदर नाटक प्रस्तुत कर बाल विवाह रोको का संदेश जन जन तक प्रचारित किया गया।

भारत में बाल विवाह चिंता का विषय है बाल विवाह किसी बच्चे को अच्छे स्वास्थ्य पोषण और शिक्षा के अधिकार से वंचित करता है। ऐसा माना जाता है कि कम उम्र में विवाह के कारण लड़कियों को हिंसा, दुर्व्यवहार और उत्पीड़न का अधिक सामना करना पड़ता है। कम उम्र में विवाह का लड़के और लड़कियों दोनों पर शारीरिक बौद्धिक मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक प्रभाव पड़ता है। शिक्षा का अवसर कम हो जाते हैं और व्यक्तित्व विकास सही ढंग से नहीं हो पता है। बाल विवाह से लड़के भी प्रभावित होते हैं। लेकिन यह एक ऐसा मुद्दा है  जिसमें लड़कियां बड़ी संख्या में प्रभावित होती है। महिलाएं बच्चों के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना 2005 में बाल विवाह को समाप्त करने का लक्ष्य शामिल है। बच्चों द्वारा बाल विवाह स्लोगन नारे के साथ कार्यक्रम में रैली निकाली गई। स्कूल के शिक्षक चेतेंद्र सिंह, अशोक गुप्ता, गंगा बर्मन, एवं कार्यकर्ता रूपा बर्मन, प्रेमवती बर्मन, दिव्या भूमिया,  सुमित्रा, अन्य पालकगण की उपस्थिति रही।

एकादशी तुलसी विवाह के अवसर पर बाल विवाह रोकने मड़ई ग्राम पंचायत में बच्चों ने प्रस्तुत किया नाटक, नाट्य कला के जरिए कुप्रभावों की दी जानकारी

कटनी। आज 12 नवंबर कोआंगनबाड़ी केंद्र मड़ई परियोजना मुड़वारा में देवउठनी एकादशी तुलसी विवाह के अवसर पर आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों द्वारा बाल विवाह रोको अभियान के अंतर्गत बहुत ही सुंदर नाटक प्रस्तुत कर बाल विवाह रोको का संदेश जन जन तक प्रचारित किया गया।
भारत में बाल विवाह चिंता का विषय है बाल विवाह किसी बच्चे को अच्छे स्वास्थ्य पोषण और शिक्षा के अधिकार से वंचित करता है। ऐसा माना जाता है कि कम उम्र में विवाह के कारण लड़कियों को हिंसा, दुर्व्यवहार और उत्पीड़न का अधिक सामना करना पड़ता है। कम उम्र में विवाह का लड़के और लड़कियों दोनों पर शारीरिक बौद्धिक मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक प्रभाव पड़ता है। शिक्षा का अवसर कम हो जाते हैं और व्यक्तित्व विकास सही ढंग से नहीं हो पता है। बाल विवाह से लड़के भी प्रभावित होते हैं। लेकिन यह एक ऐसा मुद्दा है जिसमें लड़कियां बड़ी संख्या में प्रभावित होती है। महिलाएं बच्चों के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना 2005 में बाल विवाह को समाप्त करने का लक्ष्य शामिल है। बच्चों द्वारा बाल विवाह स्लोगन नारे के साथ कार्यक्रम में रैली निकाली गई। स्कूल के शिक्षक चेतेंद्र सिंह, अशोक गुप्ता, गंगा बर्मन, एवं कार्यकर्ता रूपा बर्मन, प्रेमवती बर्मन, दिव्या भूमिया, सुमित्रा, अन्य पालकगण की उपस्थिति रही।

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