फूड प्वाइजनिंग की बजाय बोरिंग के पानी को खराब बताया जांच टीम ने, कस्तूरबा गांधी कन्या छात्रावास विजयराघवगढ़ में छात्राओं के बीमार होने का मामला, जांच पूरी

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फूड प्वाइजनिंग की बजाय बोरिंग के पानी को खराब बताया जांच टीम ने, कस्तूरबा गांधी कन्या छात्रावास विजयराघवगढ़ में छात्राओं के बीमार होने का मामला, जांच पूरी

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कटनी। कस्तूरबा गांधी कन्या छात्रावास विजयराघवगढ़ में दूषित भोजन का सेवन करने के बाद छात्राओं के बीमार होने के मामले की जांच पूरी हो गई है। सूत्रों के मुताबिक जांच टीम ने हॉस्टल में बोरिंग के पानी के दूषित होने की रिपोर्ट डीपीसी के के डेहरिया को सौंपी है। इस पूरे मामले में हॉस्टल की वार्डन की लापरवाही सामने आई है। बोरिंग का पानी दूषित होने की बात सामने आने के बाद अब सवाल उठना लाजिमी है कि जब बोरिंग से खराब पानी आ रहा था तो वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना देते हुए बोरिंग में सुधार कार्य क्यों नहीं करवाया गया। इसके अलावा जिस समय यह घटना हुई थी, उस समय बीएमओ विजयराघवगढ़ ने फूड प्वाइजनिंग की बात कही थी लेकिन जांच के बाद फूड प्वाइजनिंग की बजाए बोरिंग के पानी को खराब बता दिया गया। अब देखना है कि डीपीसी केके डेहरिया इस मामले में क्या कार्यवाही करते हैं।

गौरतलब है कि कस्तूरबा गांधी कन्या छात्रावास विजयराघवगढ़ में विगत 18 नवंबर को छात्राओं ने आलू टमाटर की सब्जी, रोटी, तुअर की दाल और चावल खाया। भोजन करने के बाद छात्राएं सोने के लिए कमरे में चली गईं। रात 11 बजे अचानक छात्राओं की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें उल्टियां होने लगी। छात्राओं की तबीयत बिगड़ती देख छात्रावास की कर्मचारी रामकली बर्मन ने विजयराघवगढ़ बीएमओ डॉ विनोद को खबर की, जिसके बाद 108 एंबुलेंस को छात्रावास भेजा गया। 108 एंबुलेंस से सभी छात्राओं को विजयराघवगढ़ हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। इस घटना के बाद छात्रावासों में मिलने वाले मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता पर सवालिया निशान लग गया था। इस मामले के सामने आने के बाद कलेक्टर दिलीप कुमार यादव ने जांच के निर्देश देते हुए डीपीसी के के डेहरिया को प्रतिवेदन सौंपने के लिए निर्देशित किया है। कलेक्टर के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी ब्रजेश विश्वकर्मा ने फूड सेंपलिंग की गई थी और नमूनेे जांच हेतु भोपाल प्रयोग शाला भेजे थे। बीएमओ डॉ विनोद कुमार ने छात्राओं को फूड प्वाइजनिंग की वजह से उल्टी-दस्त होने की बात कही थी, लेकिन अब जब इस मामले की जांच हुई तो फूड प्वाइजनिंग की बजाए बोरिंग के पानी को खराब होने की बात सामने आई।

इनका कहना है

इस मामले को लेकर डीपीसी केके डेहरिया ने कहा कि कस्तूरबा गांधी कन्या छात्रावास विजयराघवगढ़ में छात्राओं के बीमार होने की घटना की जांच कराई गई है। जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। जल्द ही प्रतिवेदन जिला पंचायत सीईओ को भेजा जाएगा।

हुई सैंपलिंग

खाद्य सुरक्षा अधिकारी बृजेश विश्वकर्मा ने कहा कि कलेक्टर के निर्देश पर कस्तूरबा गांधी कन्या छात्रावास विजयराघवगढ़ में फूड सेंपलिंग की गई थी और नमूनेे जांच के लिए भोपाल प्रयोगशाला भेजे गए थे। जिसकी रिपोर्ट अभी नहीं आई है।

बोरिंग का पानी खराब

इस मामले को लेकर ए के कोरी, बीईओ विजयराघवगढ़ ने कहा की हॉस्टल में इस घटना के बाद वहां जाकर जांच की गई थी। जांच में यह पाया गया कि बोरिंग का पानी खराब था। जिसकी वजह से छात्राओं की तबियत बिगड़ी। समय रहते बोङ्क्षरग में सुधार कार्य क्यों नहीं करवाया गया, इसकी जानकारी नहीं है। रिपोर्ट डीपीसी को सौंप दी गई है।

फूड प्वाइजनिंग की बजाय बोरिंग के पानी को खराब बताया जांच टीम ने, कस्तूरबा गांधी कन्या छात्रावास विजयराघवगढ़ में छात्राओं के बीमार होने का मामला, जांच पूरी

कटनी। कस्तूरबा गांधी कन्या छात्रावास विजयराघवगढ़ में दूषित भोजन का सेवन करने के बाद छात्राओं के बीमार होने के मामले की जांच पूरी हो गई है। सूत्रों के मुताबिक जांच टीम ने हॉस्टल में बोरिंग के पानी के दूषित होने की रिपोर्ट डीपीसी के के डेहरिया को सौंपी है। इस पूरे मामले में हॉस्टल की वार्डन की लापरवाही सामने आई है। बोरिंग का पानी दूषित होने की बात सामने आने के बाद अब सवाल उठना लाजिमी है कि जब बोरिंग से खराब पानी आ रहा था तो वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना देते हुए बोरिंग में सुधार कार्य क्यों नहीं करवाया गया। इसके अलावा जिस समय यह घटना हुई थी, उस समय बीएमओ विजयराघवगढ़ ने फूड प्वाइजनिंग की बात कही थी लेकिन जांच के बाद फूड प्वाइजनिंग की बजाए बोरिंग के पानी को खराब बता दिया गया। अब देखना है कि डीपीसी केके डेहरिया इस मामले में क्या कार्यवाही करते हैं।
गौरतलब है कि कस्तूरबा गांधी कन्या छात्रावास विजयराघवगढ़ में विगत 18 नवंबर को छात्राओं ने आलू टमाटर की सब्जी, रोटी, तुअर की दाल और चावल खाया। भोजन करने के बाद छात्राएं सोने के लिए कमरे में चली गईं। रात 11 बजे अचानक छात्राओं की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें उल्टियां होने लगी। छात्राओं की तबीयत बिगड़ती देख छात्रावास की कर्मचारी रामकली बर्मन ने विजयराघवगढ़ बीएमओ डॉ विनोद को खबर की, जिसके बाद 108 एंबुलेंस को छात्रावास भेजा गया। 108 एंबुलेंस से सभी छात्राओं को विजयराघवगढ़ हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। इस घटना के बाद छात्रावासों में मिलने वाले मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता पर सवालिया निशान लग गया था। इस मामले के सामने आने के बाद कलेक्टर दिलीप कुमार यादव ने जांच के निर्देश देते हुए डीपीसी के के डेहरिया को प्रतिवेदन सौंपने के लिए निर्देशित किया है। कलेक्टर के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी ब्रजेश विश्वकर्मा ने फूड सेंपलिंग की गई थी और नमूनेे जांच हेतु भोपाल प्रयोग शाला भेजे थे। बीएमओ डॉ विनोद कुमार ने छात्राओं को फूड प्वाइजनिंग की वजह से उल्टी-दस्त होने की बात कही थी, लेकिन अब जब इस मामले की जांच हुई तो फूड प्वाइजनिंग की बजाए बोरिंग के पानी को खराब होने की बात सामने आई।
इनका कहना है
इस मामले को लेकर डीपीसी केके डेहरिया ने कहा कि कस्तूरबा गांधी कन्या छात्रावास विजयराघवगढ़ में छात्राओं के बीमार होने की घटना की जांच कराई गई है। जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। जल्द ही प्रतिवेदन जिला पंचायत सीईओ को भेजा जाएगा।
हुई सैंपलिंग
खाद्य सुरक्षा अधिकारी बृजेश विश्वकर्मा ने कहा कि कलेक्टर के निर्देश पर कस्तूरबा गांधी कन्या छात्रावास विजयराघवगढ़ में फूड सेंपलिंग की गई थी और नमूनेे जांच के लिए भोपाल प्रयोगशाला भेजे गए थे। जिसकी रिपोर्ट अभी नहीं आई है।
बोरिंग का पानी खराब
इस मामले को लेकर ए के कोरी, बीईओ विजयराघवगढ़ ने कहा की हॉस्टल में इस घटना के बाद वहां जाकर जांच की गई थी। जांच में यह पाया गया कि बोरिंग का पानी खराब था। जिसकी वजह से छात्राओं की तबियत बिगड़ी। समय रहते बोङ्क्षरग में सुधार कार्य क्यों नहीं करवाया गया, इसकी जानकारी नहीं है। रिपोर्ट डीपीसी को सौंप दी गई है।

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