डामरीकरण के चलते घुसा ट्राला, ठेकेदार और ट्रांसपोर्टर्स के बीच विवाद, किसकी अनुमति से बैरियर हटाकर घुस रहे भारी वाहन

डामरीकरण के चलते घुसा ट्राला, ठेकेदार और ट्रांसपोर्टर्स के बीच विवाद, किसकी अनुमति से बैरियर हटाकर घुस रहे भारी वाहन

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कटनी। एक तरफ चांडक चौक से घंटाघर सड़क निर्माण का काम तेजी से चल रहा है, दूसरी ओर बड़े ट्रक और ट्राला रोक के बावजूद निर्माणाधीन मार्ग पर घुसकर नई सड़क को मटियामेट करने से बाज नहीं आ रहे। सवाल उठता है की जब बैरियर लगाकर इस मार्ग पर प्रवेश प्रतिबंधित रखा गया है तो भारी भरकम ट्रक किसकी अनुमति से प्रवेश कर नए डामरीकरण को क्षति पहुंचा रहे है। इस बात को लेकर गत रात्रि ट्रांसपोर्टर्स और ठेकेदार के बीच विवाद की स्थिति निर्मित हो गई। मौके पर पुलिस और नगर निगम अधिकारियों को पहुंचकर विवाद शांत कराना पड़ा।

जानकारी के मुताबिक इन दिनों चांडक चौक से घंटाघर मार्ग का डामरीकरण चल रहा है। लोगों को असुविधा न हो इसलिए ठेकेदार द्वारा ज्यादातर काम रात्रि में ही किया जा रहा है, ताकि आवागमन बंद रहने से काम करने में सहूलियत हो। इस संबंध में यातायात अमले को नगर निगम की ओर से पहले ही सूचित किया जा चुका है, किंतु गत रात्रि डामरीकरण के चलते बैरियर हटाकर 8 चका ट्राला इस मार्ग पर प्रवेश करने लगे तो विवाद की स्थिति निर्मित हो गई। जाहिर है रोड बनने के दौरान अगर भारी वाहन निकलेंगे तो सड़क की दुर्दशा हो जाएगी। इस स्थिति को देखते हुए ठेकेदार के लोगों द्वारा ट्राला को रुकवा दिया गया। इस पर चालकों ने ट्रांसपोर्टर्स को सूचित कर दिया। कुछ ही देर में ट्रांसपोर्ट व्यवसाई एकत्रित हो गए तथा विवाद करने लगे। विवाद बढ़ता देख पुलिस और नगर निगम के अधिकारियों को खबर की गई। पुलिस और अधिकारियों के पहुंचने के बावजूद काफी देर तक बहस होती रही। बाद में किसी तरह मामला शांत कराया गया।

ट्रांसपोर्ट नगर में क्यों नहीं हो रही शिफ्टिंग

सवाल यह उठता है कि ट्रांसपोर्ट नगर में सुविधाएं जुटा दिए जाने के बावजूद ट्रांसपोर्ट व्यवसाय को पूरी तरह ट्रांसपोर्ट नगर में शिफ्ट क्यों नहीं किया जा रहा। रोक के बावजूद बड़े वाहन डंके की चोट पर शहर के व्यस्ततम इलाकों में घुसते हैं और लोडिंग अनलोडिंग करते है। इनके प्रवेश से यातायात व्यवस्था का कबाड़ा तो होता ही है आए दिन हादसे भी होते रहते हैं। दुस्साहस तो इतना अधिक है कि सड़क निर्माण के दौरान भी बैरियर को हटाकर इन्हें प्रवेश दे दिया गया। ताज्जुब है कि यातायात अमला आंखों में पट्टी बांधे रहता है, या उन्हें वसूली से मतलब है।

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