हरे माधव वर्षी पर्व के पूर्व बाबा ईश्वर शाह के निर्देश पर शुरू हुई अन्य सेवा, कई जनप्रतिनिधियों ने दरबार में टेका माथा
कटनी। हरेमाधव वर्सी पर्व की तैयारियों के चलते 5 अक्टूबर 2025 को जीवनमुक्त सतगुरु बाबा ईश्वरशाह साहिब की रहमत कृपा से अन्न सेवा का शुभारंभ हुआ। अन्न शगुन रस्म द्वारा अन्न सेवा का शुभारम्भ किया गया। माताएं बहनें ( दाल-चावल, गेहूं , फुल पताशे, मसाले इत्यादि) अन्न को बीनती उसमें से कंकर पत्थर घूल साफ करतीं नजर आई। सतगुरु जी समझाते है यह सेवा हमें प्रेरणा देती कि जिस प्रकार आन्तरिक नाम भक्ति में व्यर्थ के विचार मलीनता साफकर अन्तर निर्मल किया जाता है उसी प्रकार अन्न से भी कंकर पत्थर माट्टी साफ कर उसे ग्रहण करने योग्य बनाया जाता है। जिस प्रकार शुद्ध सात्विक आहार ग्रहण करने से देह पुष्ट होती है, उसी प्रकार नाम सिमरन, सेवा भक्ति से आत्मा पुष्ट हो आत्मिक सुख आनन्द पाती है।
सर्व संगतें सेवा में रत्त, सतगुरु कृपा आशीष प्राप्त कर रहीं, आज पावन श्रीचरणों में नमन करने अनेक जनप्रतिनिधि हरेमाधव दरबार साहिब पधारे ।
वर्सीपर्व की अन्न शगुन रस्म आज बाबा माधवशाह भवन में मनायी गई। जिसमें गुरुपिता ताराचंद पेसवानी, भगवानदास सबनानी (प्रदेश महामंत्री भाजपा, भोपाल), शंकर लालवानी (सांसद इंदौर), विशाल गिदवानी (पार्षद इंदौर), दीपक टंडन (भाजपा जिलाध्यक्ष, कटनी) एवं हरेमाधव परमार्थ सत्संग समिति के सेवादार गंगाराम कटारिय, पीताम्बर टोपनानी, बबल कटारिया, करमचंद आसरानी, वरियलदास वाधवानी, भगवानदास टिलवानी, देवानन्द असरानी, डॉ.वी.एम. राजपाल (अध्यक्ष बाबा माधवशाह चिकित्सालय), मनीष दरयानी (अध्यक्ष सिन्धी मेला समिति भोपाल), नरेश (विध्य व्यापारी महासंघ रीवा), महेश ठारवानी (प्रदेश मंत्री सिंधु सभा म.प्र.), आशीष गुप्ता (महामंत्री भाजपा कटनी) वाघीच आनन्द आदि पावन श्रीचरणों में नमन को पधारें।
सतगुरु बाबा माधवशाह सतगुरु बाबा नारायणशाह साहिब के स्मृति में आयोजित वर्सी पर्व पर पावन उपदेश, लीलाएं, साखियां, हरेमाधव सद् ग्रंथ वाणियां अपार प्रेरणाएं सीख प्रदान करती सतगुरु बाबा ईश्वरशाह साहिब प्रत्येक गूढ़ वचनों के भेद नित्य उजागर कर संगतों को सेवा भक्ति के लिए प्रेरित करते हुए परमात्म पथ की राह दर्शाते ,
जीवन मुक्त सतगुरु सेवा, सत्संग, सिमरन-ध्यान के द्वारा जीवात्मा को आत्मिक उर्जा प्रदान कर परमात्म पथ प्रशस्त करतें हैं सतगुरु वचनों के अमृत प्रकाश से जीवात्मा का सत्य पथ आलोकित होता है। जीवन मुक्त सतगुरुओं के उत्सवों- पर्वों में श्रद्धालु उत्साह उमंग की नव चेतना प्राप्त कर मानव जीवन को सफल बनाने की राह पर चलते हुए आत्म साक्षात्कार पाते हैं।
