राजस्व रिकॉर्ड सुधार संबंधी गलत प्रतिवेदन देने वाला बचैया का पटवारी सुबोध साहू निलंबित, कलेक्टर श्री यादव के संज्ञान में आया था मामला, निलंबन के दिए थे निर्देश

राजस्व रिकॉर्ड सुधार संबंधी गलत प्रतिवेदन देने वाला बचैया का पटवारी सुबोध साहू निलंबित, कलेक्टर श्री यादव के संज्ञान में आया था मामला, निलंबन के दिए थे निर्देश

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कटनी। अनुविभाग बहोरीबंद के पटवारी हल्का नंबर 45 ग्राम बचैया के पटवारी सुबोध साहू को राजस्व रिकॉर्ड में सुधार संबंधी प्रतिवेदन बिना अभिलेखों के परीक्षण और स्थल का मौका मुआयना किये बिना आवेदक बचौया निवासी श्री मारू पिता करोड़ीलाल के संबंध में जानबूझकर गलत प्रतिवेदन देना महंगा पड़ गया। कलेक्टर दिलीप कुमार यादव के निर्देश पर मंगलवार को एसडीएम बहोरीबंद राकेश कुमार चौरसिया ने पटवारी श्री साहू के कृत्य को घोर लापरवाही एवं स्वेच्छाचारिता मानते हुए पटवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
निलंबन अवधि में पटवारी श्री साहू का मुख्यालय तहसील कार्यालय बहोरीबंद नियत किया गया है और निलंबन काल में इन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता की पात्रता होगी।
यह है मामला
कलेक्टर श्री यादव की मौजूदगी में गुरूवार 19 जून को ग्राम बचैया में आयोजित लोक सुनवाई सह जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान यह मामला संज्ञान में आया। जिसमें बचैया निवासी श्री मारू द्वारा बताया गया कि खसरा नंबर 205/1, 893/1, 901/1 कुल रकबा 1.18 हेक्टेयर में दर्ज आवेदक के नाम को सुधार किये जाने का आवेदन दिया गया था। कलेक्टर श्री यादव के निर्देश पर आवेदन के संबंध में जांच किए जाने पर पाया गया कि आवेदक द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व न्यायालय में प्रचलित मामले के संबंध में तत्कालीन हल्का पटवारी सुबोध साहू द्वारा जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया था। यह जांच प्रतिवेदन पटवारी द्वारा आवेदक से बिना कोई संपर्क किए और आवेदन के संबंध में पटवारी द्वारा कोई दस्तावेज प्राप्त करना एवं मौके पर जांच करना नहीं पाया गया। पटवारी द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन के साथ मौका पंचनामा निर्मित नहीं किया गया। बिना मौका जांच और आवेदक श्री मारू से दस्तावेज प्राप्त किए पटवारी श्री साहू द्वारा आवेदन में प्रस्तुत दस्तावेजों को नजरअंदाज करते हुए एसडीएम कोर्ट में प्रस्तुत आवेदन को जानबूझकर खारिज कराये जाने की मंशा से गलत जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाना पाया गया। जिससे आवेदक को अपने आवेदन में उल्लेखित त्रुटि सुधार योग्य होने के बावजूद दूषित प्रतिवेदन प्रस्तुत करने से तत्कालीन पीठासीन अधिकारी द्वारा अस्वीकार कर दिया गया। जिससे आवेदक को अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ा तथा उसका राजस्व अभिलेखों में नाम सुधार न होने से अन्य शासकीय योजनाओं के लाभ से वंचित रहना पड़ रहा है।
इसलिए पटवारी साहू के इस कृत्य को मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम का उल्लंघन होकर कदाचरण की श्रेणी में मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया।

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