देवरीकलां हनुमत कुटी आश्रम में सुरेन्द्रदास महाराज के सानिध्य में दो दिवसीय भक्ति आयोजन संपन्न, रामचरितमानस पाठ, भजन संध्या व भंडारे में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

कटनी। हनुमानजी की भक्ति, सेवा और समर्पण की भावना से ओतप्रोत दो दिवसीय भक्ति महोत्सव का आयोजन देवरीकलां स्थित हनुमत कुटी आश्रम में 11 व 12 जून को संत सुरेन्द्रदास महाराज के सानिध्य में किया गया। इस आयोजन में नगर सहित आसपास के क्षेत्रों से हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लेकर आस्था की डुबकी लगाई।
11 जून की शाम से रामचरितमानस पाठ की शुरुआत हुई, जो देर रात तक भक्तिभाव से गूंजता रहा। जब मानस मंडली और भजन गायकों ने “सिया राम मय सब जग जानी…” जैसे पद गाए, तो पूरा आश्रम परिसर भक्ति के रंग में सराबोर हो गया। श्रद्धालु घंटों तक रामकथा में लीन रहे।
हवन-पूजन और विशाल भंडारा
12 जून को गुरुवार शाम को वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हवन-पूजन का आयोजन किया गया। यज्ञकुंड में श्रद्धालुओं द्वारा आहुतियां समर्पित की गईं। पूजन के पश्चात विशाल भंडारा हुआ, जिसमें देर रात तक श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। भंडारे में हजारों लोगों ने सहभागिता की और संत सुरेन्द्रदास महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया।
भजनों की मनमोहक प्रस्तुति
भक्ति संध्या में संजू नाकरा द्वारा एक से बढ़कर एक भजनों की प्रस्तुति दी गई, जिससे श्रद्धालु झूम उठे। पूरे आयोजन में शिष्यमंडल, भजन मंडलियों और आयोजक टीम की सक्रिय भागीदारी रही। सभी ने हनुमानजी के दर्शन कर सुख-समृद्धि की कामना की।
हनुमानजी के जीवन से प्रेरणा लें: संत सुरेन्द्रदास
संत सुरेन्द्रदास महाराज ने कहा कि हनुमानजी का जीवन आज की पीढ़ी के लिए आदर्श है। वे शक्ति, सेवा और समर्पण के प्रतीक हैं। उनके जीवन से नि:स्वार्थ सेवा, प्रभु भक्ति और गुरु निष्ठा की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा कि जीवन में जब भी कोई मानसिक, शारीरिक या सामाजिक संकट आए, तो हनुमान चालीसा और रामनाम का जाप संकटमोचन का कार्य करता है।
बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक की सहभागिता
इस दो दिवसीय आयोजन में बच्चों, महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। श्रद्धालुओं ने गहरी भक्ति के साथ कार्यक्रम का आनंद लिया और भजन, मानस पाठ, हवन व प्रसाद वितरण में सक्रिय भागीदारी निभाई। आश्रम परिसर में दो दिन तक धार्मिक वातावरण बना रहा, जिससे क्षेत्र में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हुआ।