????बाबा रे बाबा????
गद्दी के प्रति पूर्ण आस्था रखने वाला अनिल क्यों बना गद्दीनशीन के गले की फांस, ऐसा कौन सा विश्वास घात जिसने सतगुरु बाबा ईश्वर शाह के खिलाफ परिवाद लगाने पर किया मजबूर, क्या है लावा पद्धति और क्यों हुआ इसका जिक्र, पढ़ते रहें
कटनी। माधव नगर स्थित जिस पवित्र गद्दी के सामने पूरा समाज नतमस्तक हो जाता है, उस पवित्र गद्दी की पवित्रता पर अनिल चोटरानी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। अनिल चोटरानी ने महान संत सद्गुरु बाबा ईश्वर शाह के खिलाफ अपराधिक परिवाद दायर कर के भूचाल ला दिया है। पवित्र गद्दी के प्रति अनिल बेहद आस्थावान था। गुरु गद्दी को नमन करने वह प्रतिदिन परिवार सहित दरबार में हाजिरी लगाता था। माननीय न्यायालय के समक्ष दायर किए गए परिवाद में उसने इन सब बातों का उल्लेख करते हुए यह कहा कि उसके साथ वहां कुछ ऐसा घटित हुआ जिसके कारण वह अपमान का घूंट पीकर रह गया। अपने साथ हुए अन्याय की शिकायत उसने कई बार पुलिस अधिकारियों से भी की। लेकिन बार-बार शिकायत किए जाने के बाद भी दबाववश कोई कार्यवाही ना हो पाने के कारण उसने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। अब उसने माननीय न्यायालय के समक्ष माधव नगर अमीरगंज रोड वाटिका निवासी 48 वर्षीय ईश्वर शाह पेशवानी पिता ताराचंद पेशवानी एवं एक 48 वर्षीय महिला के खिलाफ परिवाद दाखिल कर दिया है। परिवाद में अनिल ने यह भी जिक्र किया है कि माधव नगर की पवित्र गद्दी पर केवल वही व्यक्ति गद्दीनशीन हो सकता है जो की अविवाहित हो। आखिर अनिल इन सब बातों का उल्लेख अपने परिवाद में क्यों कर रहा?, क्यों परिवाद में पीछे हटने को तैयार नहीं अनिल?, यह तो वह ही जानें। अनिल के ये आरोप कितने सही हैं इसका खुलासा तो न्यायालय ही करेगा। मगर अनिल जिस तरह से एक के बाद एक सवाल उठा रहा है। उसने धर्म प्रेमियों के मन में संशय की स्थिति निर्मित कर दी है।
महान संत सतगुरु बाबा ईश्वर शाह के ऊपर गंभीर आरोप लगाते हुए अनिल ने जो अपराधिक परिवाद माननीय न्यायालय के समक्ष दाखिल किया, उस परिवाद को किसी अन्य सक्षम अधिकारी के न्यायालय में स्थानांतरित किए जाने की अर्जी अनिल लगा चुका है, जिसकी सुनवाई 5 अक्टूबर को होना संभावित है।
माननीय न्यायालय श्रीमान न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी कटनी माननीय नदीम जावेद खान की अदालत में एक विवाहित महिला और माधव नगर के महान संत सतगुरु बाबा ईश्वर शाह के खिलाफ माधव नगर संत कंवर राम वार्ड निवासी 58 वर्षीय अनिल चोटरानी पिता नारायण दास चोटरानी के द्वारा लगाए गए अपराधिक परिवाद में अनिल ने लावा पद्धति का जिक्र करते हुए 18 रंगीन फोटो का भी उल्लेख किया है। इसके साथ ही अनिल के द्वारा माननीय न्यायालय के समक्ष दाखिल किए गए परिवाद में लगाए गए आरोपों में वाटिका और ध्यान कक्ष का भी जिक्र मिलता है। उसने वाटिका और ध्यान कक्ष की कुछ बातों का जिक्र अपने परिवाद में किया है। अनिल के यह आरोप इतने गंभीर है कि उसे सुनकर ही रोंगटे खड़े हो जाएं। आरोप तो यह भी है कि सतगुरु बाबा ईश्वर शाह जिस गद्दी पर गद्दीनशीन है वे उस गद्दी के योग्य नहीं। आखिर अनिल इस तरह के आरोप क्यों लगा रहा, यह तो वह ही जानें। लेकिन उसने इस तरह के आरोप लगाकर समाज को चिंता में डाल दिया है। अपने अंदर अनिल और कितने गहरे राज छिपाए बैठा है, यह तो आने वाले वक्त में खुद अनिल ही बताएगा। सतगुरु बाबा ईश्वर शाह से जुड़ा यह परिवाद सभी के लिए कौतूहल का विषय बनता जा रहा है। राष्ट्र रक्षक न्यूज़ चैनल द्वारा इस परिवाद को लेकर जो भी खबरें प्रकाशित की जा रही हैं, उसका उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करना नहीं बल्कि समाज को न्यायालय में चल रहे परिवाद के विषय में जानकारी प्रदान करना है। आने वाले समय में इस मामले के और भी अधिक रहस्यमय होने के आसार नजर आने लगे हैं। यह परिवाद आगे किस तरह नए-नए रहस्य खोलते हुए गुजरता है उसे जानने के लिए पढ़ते रहें…..
????बाबा रे बाबा????
गद्दी के प्रति पूर्ण आस्था रखने वाला अनिल क्यों बना गद्दीनशीन के गले की फांस, ऐसा कौन सा विश्वास घात जिसने सतगुरु बाबा ईश्वर शाह के खिलाफ परिवाद लगाने पर किया मजबूर, क्या है लावा पद्धति और क्यों हुआ इसका जिक्र, पढ़ते रहें
कटनी। माधव नगर स्थित जिस पवित्र गद्दी के सामने पूरा समाज नतमस्तक हो जाता है, उस पवित्र गद्दी की पवित्रता पर अनिल चोटरानी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। अनिल चोटरानी ने महान संत सद्गुरु बाबा ईश्वर शाह के खिलाफ अपराधिक परिवाद दायर कर के भूचाल ला दिया है। पवित्र गद्दी के प्रति अनिल बेहद आस्थावान था। गुरु गद्दी को नमन करने वह प्रतिदिन परिवार सहित दरबार में हाजिरी लगाता था। माननीय न्यायालय के समक्ष दायर किए गए परिवाद में उसने इन सब बातों का उल्लेख करते हुए यह कहा कि उसके साथ वहां कुछ ऐसा घटित हुआ जिसके कारण वह अपमान का घूंट पीकर रह गया। अपने साथ हुए अन्याय की शिकायत उसने कई बार पुलिस अधिकारियों से भी की। लेकिन बार-बार शिकायत किए जाने के बाद भी दबाववश कोई कार्यवाही ना हो पाने के कारण उसने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। अब उसने माननीय न्यायालय के समक्ष माधव नगर अमीरगंज रोड वाटिका निवासी 48 वर्षीय ईश्वर शाह पेशवानी पिता ताराचंद पेशवानी एवं एक 48 वर्षीय महिला के खिलाफ परिवाद दाखिल कर दिया है। परिवाद में अनिल ने यह भी जिक्र किया है कि माधव नगर की पवित्र गद्दी पर केवल वही व्यक्ति गद्दीनशीन हो सकता है जो की अविवाहित हो। आखिर अनिल इन सब बातों का उल्लेख अपने परिवाद में क्यों कर रहा?, क्यों परिवाद में पीछे हटने को तैयार नहीं अनिल?, यह तो वह ही जानें। अनिल के ये आरोप कितने सही हैं इसका खुलासा तो न्यायालय ही करेगा। मगर अनिल जिस तरह से एक के बाद एक सवाल उठा रहा है। उसने धर्म प्रेमियों के मन में संशय की स्थिति निर्मित कर दी है।
महान संत सतगुरु बाबा ईश्वर शाह के ऊपर गंभीर आरोप लगाते हुए अनिल ने जो अपराधिक परिवाद माननीय न्यायालय के समक्ष दाखिल किया, उस परिवाद को किसी अन्य सक्षम अधिकारी के न्यायालय में स्थानांतरित किए जाने की अर्जी अनिल लगा चुका है, जिसकी सुनवाई 5 अक्टूबर को होना संभावित है।
माननीय न्यायालय श्रीमान न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी कटनी माननीय नदीम जावेद खान की अदालत में एक विवाहित महिला और माधव नगर के महान संत सतगुरु बाबा ईश्वर शाह के खिलाफ माधव नगर संत कंवर राम वार्ड निवासी 58 वर्षीय अनिल चोटरानी पिता नारायण दास चोटरानी के द्वारा लगाए गए अपराधिक परिवाद में अनिल ने लावा पद्धति का जिक्र करते हुए 18 रंगीन फोटो का भी उल्लेख किया है। इसके साथ ही अनिल के द्वारा माननीय न्यायालय के समक्ष दाखिल किए गए परिवाद में लगाए गए आरोपों में वाटिका और ध्यान कक्ष का भी जिक्र मिलता है। उसने वाटिका और ध्यान कक्ष की कुछ बातों का जिक्र अपने परिवाद में किया है। अनिल के यह आरोप इतने गंभीर है कि उसे सुनकर ही रोंगटे खड़े हो जाएं। आरोप तो यह भी है कि सतगुरु बाबा ईश्वर शाह जिस गद्दी पर गद्दीनशीन है वे उस गद्दी के योग्य नहीं। आखिर अनिल इस तरह के आरोप क्यों लगा रहा, यह तो वह ही जानें। लेकिन उसने इस तरह के आरोप लगाकर समाज को चिंता में डाल दिया है। अपने अंदर अनिल और कितने गहरे राज छिपाए बैठा है, यह तो आने वाले वक्त में खुद अनिल ही बताएगा। सतगुरु बाबा ईश्वर शाह से जुड़ा यह परिवाद सभी के लिए कौतूहल का विषय बनता जा रहा है। राष्ट्र रक्षक न्यूज़ चैनल द्वारा इस परिवाद को लेकर जो भी खबरें प्रकाशित की जा रही हैं, उसका उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करना नहीं बल्कि समाज को न्यायालय में चल रहे परिवाद के विषय में जानकारी प्रदान करना है। आने वाले समय में इस मामले के और भी अधिक रहस्यमय होने के आसार नजर आने लगे हैं। यह परिवाद आगे किस तरह नए-नए रहस्य खोलते हुए गुजरता है उसे जानने के लिए पढ़ते रहें…..
