????सट्टा किंग???? क्रिकेट सट्टा किंग मनोज पंजवानी ने फिर कटनी को बनाया सुरक्षित ठिकाना?, क्रिकेट सट्टा नेटवर्क के सक्रिय सदस्य कटनी से ऑपरेट कर रहे कारोबार, कौन बने सट्टा किंग के संरक्षक, दिवाली पर क्यों सामने आया सट्टा किंग का नाम सुर्खियों में, पढ़ते रहें…

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क्रिकेट सट्टा किंग मनोज पंजवानी ने फिर कटनी को बनाया सुरक्षित ठिकाना?, क्रिकेट सट्टा नेटवर्क के सक्रिय सदस्य कटनी से ऑपरेट कर रहे कारोबार, कौन बने सट्टा किंग के संरक्षक, दिवाली पर क्यों सामने आया सट्टा किंग का नाम सुर्खियों में, पढ़ते रहें…

 

कटनी। शहर की तंग गलियों में पले बढ़े एक सामान्य से परिवार का बेटा कैसे देश के नामी क्रिकेट सट्टा किंग के रूप में विख्यात हुआ यह कहानी बेहद दिलचस्प है। एक सामान्य परिवार के सदस्य को किसके संरक्षण ने इतना ऊंचा मकाम दिलाया यह बात कई बार दबी छुपी जुबान लोगों से सुनी जाती है। कभी कटनी छोड़कर दुबई से पूरे नेटवर्क को संचालित करने वाले मनोज पंजवानी नामक एक क्रिकेट सट्टा किंग ने एक बार फिर से कटनी को अपना सुरक्षित ठिकाना बना लिया है। पंजवानी और उसके खास सहयोगी अब कटनी जिले से ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट सट्टा नेटवर्क को संचालित कर रहे हैं। कटनी में बैठकर पूरे देश में क्रिकेट सट्टा नेटवर्क चलाने वाले पंजवानी ने क्रिकेट सट्टा कारोबार से बेशुमार दौलत कमाई। पंजवानी ने जितनी दौलत कमाई उतनी ही अपने ऊपर मेहरबानी करते हुए संरक्षण प्रदान करने वालों पर लुटाई भी। पंजवानी की दरिया दिली के किस्से खुद वर्दी धारी और सफेद पोश सुनाते हैं।

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कटनी जिले में पंजवानी ने अपना पूरा नेटवर्क तैयार कर रखा है। अपने विश्वास पात्र नेटवर्क के जरिए पंजवानी अब बड़े आराम से क्रिकेट सट्टे के कारोबार को संचालित कर रहा है। कटनी में फल फूल रहे क्रिकेट सट्टा व्यापार के विषय में जानकारी पुलिस को भी है लेकिन मजाल है कि कभी कोई बड़ा बुकिं पुलिस के हाथ लग जाए। हां पुलिस औपचारिकता बस कार्यवाही करती है हजार पांच सौ रुपए नगद जप्त करते हुए किसी खेलने वाले को पड़कर प्रकरण दर्ज कर दिया जाता है और अपने ही हाथों अपनी पीठ थपथपा ली जाती है। सूत्रों की माने तो यह सब कुछ पंजवानी की विशेष सेवाओं का असर है और यह असर तो दीपावली के अवसर पर सर चढ़कर बोल रहा है। सट्टा व्यापार से जुड़ी कहानी आगे जारी रहेगी पढ़ते रहें…

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क्रिकेट सट्टा किंग मनोज पंजवानी ने फिर कटनी को बनाया सुरक्षित ठिकाना?, क्रिकेट सट्टा नेटवर्क के सक्रिय सदस्य कटनी से ऑपरेट कर रहे कारोबार, कौन बने सट्टा किंग के संरक्षक, दिवाली पर क्यों सामने आया सट्टा किंग का नाम सुर्खियों में, पढ़ते रहें…

कटनी। शहर की तंग गलियों में पले बढ़े एक सामान्य से परिवार का बेटा कैसे देश के नामी क्रिकेट सट्टा किंग के रूप में विख्यात हुआ यह कहानी बेहद दिलचस्प है। एक सामान्य परिवार के सदस्य को किसके संरक्षण ने इतना ऊंचा मकाम दिलाया यह बात कई बार दबी छुपी जुबान लोगों से सुनी जाती है। कभी कटनी छोड़कर दुबई से पूरे नेटवर्क को संचालित करने वाले मनोज पंजवानी नामक एक क्रिकेट सट्टा किंग ने एक बार फिर से कटनी को अपना सुरक्षित ठिकाना बना लिया है। पंजवानी और उसके खास सहयोगी अब कटनी जिले से ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट सट्टा नेटवर्क को संचालित कर रहे हैं। कटनी में बैठकर पूरे देश में क्रिकेट सट्टा नेटवर्क चलाने वाले पंजवानी ने क्रिकेट सट्टा कारोबार से बेशुमार दौलत कमाई। पंजवानी ने जितनी दौलत कमाई उतनी ही अपने ऊपर मेहरबानी करते हुए संरक्षण प्रदान करने वालों पर लुटाई भी। पंजवानी की दरिया दिली के किस्से खुद वर्दी धारी और सफेद पोश सुनाते हैं।
कटनी जिले में पंजवानी ने अपना पूरा नेटवर्क तैयार कर रखा है। अपने विश्वास पात्र नेटवर्क के जरिए पंजवानी अब बड़े आराम से क्रिकेट सट्टे के कारोबार को संचालित कर रहा है। कटनी में फल फूल रहे क्रिकेट सट्टा व्यापार के विषय में जानकारी पुलिस को भी है लेकिन मजाल है कि कभी कोई बड़ा बुकिं पुलिस के हाथ लग जाए। हां पुलिस औपचारिकता बस कार्यवाही करती है हजार पांच सौ रुपए नगद जप्त करते हुए किसी खेलने वाले को पड़कर प्रकरण दर्ज कर दिया जाता है और अपने ही हाथों अपनी पीठ थपथपा ली जाती है। सूत्रों की माने तो यह सब कुछ पंजवानी की विशेष सेवाओं का असर है और यह असर तो दीपावली के अवसर पर सर चढ़कर बोल रहा है। सट्टा व्यापार से जुड़ी कहानी आगे जारी रहेगी पढ़ते रहें…

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