????साहब तो साहब हैं????
साल भर बाद भी क्यों नहीं बन पाया दलीपुर गांव में स्कूल, तत्कालीन कलेक्टर ने जारी की थी निर्माण के लिए राशि, आखिर क्यों होने नहीं दिया साहब ने स्कूल का निर्माण, मासूम बच्चों की पीड़ा से भी बढ़कर है साहब का रुतबा

कटनी। जिम्मेदार पदों पर बैठे अधिकारी अपने पावर का किस तरह दुरुपयोग करते हैं इसके प्रमाण कई बार सामने आ चुके हैं। कुछ इसी तरह की कहानी को बयां करता है कटनी जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाला ग्राम दलीपुर। दलीपुर गांव में प्राथमिक स्कूल बनाने के लिए तत्कालीन कलेक्टर ने बच्चों की परेशानी को देखते हुए तत्काल राशि जारी कर विभाग को निर्माण कार्य शुरू कराने के निर्देश दिए थे, लेकिन साहब तो साहब हैं। तात्कालिक कलेक्टर ने भले ही राशि जारी कर निर्माण शुरू कराने के आदेश दे दिए लेकिन काम तो साहब को करना था। जब तक उनकी इच्छा पूरी नहीं होती तब तक काम कैसे हो सकता था। आखिरकार हुआ वही जिसका डर था। डीपीसी केके डेहरिया के ऊपर निर्माण कार्य में रोड अटकने के गंभीर आरोप सामने आए हैं। आरोप तो ऐसे है जो डीपीसी की मासूम बच्चों के प्रति संवेदनहीनता को उजागर करते हैं। बताया जाता है कि अगर साहब चाहते तो स्कूल बन जाता। लेकिन साहब की एक शर्त सरपंच ने पूरी नहीं की और साहब ने स्कूल का निर्माण ही नहीं होने दिया। निर्माण के लिए आया पैसा साहब ने लैप्स करा कर वापस शासन को भिजवा दिया, लेकिन एक ईट भी निर्माण स्थल पर रखने नहीं दी।
आज भी परेशान है बच्चे
दलीपुर गांव में स्कूल भवन न होने के कारण लगभग 1 साल पहले प्राथमिक स्कूल में पढ़ने वाले सभी बच्चे पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ाई करते थे। इस खबर को जब मीडिया ने प्रमुखता से उठाया तब मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्कालीन कलेक्टर अवि प्रसाद ने मासूम बच्चों को एक सुविधा युक्त स्कूल भवन प्रदान करने के लिए तत्काल राशि जारी कराते हुए भवन निर्माण कराए जाने के लिए विभाग को निर्देश दिए। भवन निर्माण के लिए राशि भी जारी हुई और आदेश भी जारी हो गए। निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत को बनाया गया, भूमि पूजन भी हुआ, लेकिन भवन नहीं बना। आज तक यहां पर स्कूल भवन का निर्माण नहीं हो सका। पहले पेड़ के नीचे पढ़ने वाले बच्चे अब स्थानीय सरपंच के प्रयासों से पंचायत की बिल्डिंग में बैठकर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। सब कुछ होने के बावजूद आखिर भवन क्यों नहीं बन पाया, इस बात का खुलासा राष्ट्र रक्षक न्यूज़ चैनल जल्द ही करेगा। इसके पीछे साहब ने अड़ंगा क्यों लगाया और ऐसी क्या शर्ते थी साहब की जो पूरी नहीं हुई तो साहब ने राशि ही लैप्स करा दी। यह सब जानने के लिए पढ़ते रहें…
????साहब तो साहब हैं????
साल भर बाद भी क्यों नहीं बन पाया दलीपुर गांव में स्कूल, तत्कालीन कलेक्टर ने जारी की थी निर्माण के लिए राशि, आखिर क्यों होने नहीं दिया साहब ने स्कूल का निर्माण, मासूम बच्चों की पीड़ा से भी बढ़कर है साहब का रुतबा
कटनी। जिम्मेदार पदों पर बैठे अधिकारी अपने पावर का किस तरह दुरुपयोग करते हैं इसके प्रमाण कई बार सामने आ चुके हैं। कुछ इसी तरह की कहानी को बयां करता है कटनी जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाला ग्राम दलीपुर। दलीपुर गांव में प्राथमिक स्कूल बनाने के लिए तत्कालीन कलेक्टर ने बच्चों की परेशानी को देखते हुए तत्काल राशि जारी कर विभाग को निर्माण कार्य शुरू कराने के निर्देश दिए थे, लेकिन साहब तो साहब हैं। तात्कालिक कलेक्टर ने भले ही राशि जारी कर निर्माण शुरू कराने के आदेश दे दिए लेकिन काम तो साहब को करना था। जब तक उनकी इच्छा पूरी नहीं होती तब तक काम कैसे हो सकता था। आखिरकार हुआ वही जिसका डर था। डीपीसी केके डेहरिया के ऊपर निर्माण कार्य में रोड अटकने के गंभीर आरोप सामने आए हैं। आरोप तो ऐसे है जो डीपीसी की मासूम बच्चों के प्रति संवेदनहीनता को उजागर करते हैं। बताया जाता है कि अगर साहब चाहते तो स्कूल बन जाता। लेकिन साहब की एक शर्त सरपंच ने पूरी नहीं की और साहब ने स्कूल का निर्माण ही नहीं होने दिया। निर्माण के लिए आया पैसा साहब ने लैप्स करा कर वापस शासन को भिजवा दिया, लेकिन एक ईट भी निर्माण स्थल पर रखने नहीं दी।
आज भी परेशान है बच्चे
दलीपुर गांव में स्कूल भवन न होने के कारण लगभग 1 साल पहले प्राथमिक स्कूल में पढ़ने वाले सभी बच्चे पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ाई करते थे। इस खबर को जब मीडिया ने प्रमुखता से उठाया तब मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्कालीन कलेक्टर अवि प्रसाद ने मासूम बच्चों को एक सुविधा युक्त स्कूल भवन प्रदान करने के लिए तत्काल राशि जारी कराते हुए भवन निर्माण कराए जाने के लिए विभाग को निर्देश दिए। भवन निर्माण के लिए राशि भी जारी हुई और आदेश भी जारी हो गए। निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत को बनाया गया, भूमि पूजन भी हुआ, लेकिन भवन नहीं बना। आज तक यहां पर स्कूल भवन का निर्माण नहीं हो सका। पहले पेड़ के नीचे पढ़ने वाले बच्चे अब स्थानीय सरपंच के प्रयासों से पंचायत की बिल्डिंग में बैठकर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। सब कुछ होने के बावजूद आखिर भवन क्यों नहीं बन पाया, इस बात का खुलासा राष्ट्र रक्षक न्यूज़ चैनल जल्द ही करेगा। इसके पीछे साहब ने अड़ंगा क्यों लगाया और ऐसी क्या शर्ते थी साहब की जो पूरी नहीं हुई तो साहब ने राशि ही लैप्स करा दी। यह सब जानने के लिए पढ़ते रहें…