????गुहार????
जिला प्रशासन ने मेरे गले बांध दिया एक और बेटा, जिला प्रशासन का दिया बेटा बन गया पूरे परिवार के लिए जान का दुश्मन, पीड़ित महिला ने कलेक्टर और एसपी कार्यालय में की लिखित शिकायत, परिवार पर मंडरा रहे संकट को दूर करने रखी मांग

कटनी। पति की मृत्यु के बाद अपने दो बेटों का ठीक तरह से पालन पोषण करने में अक्षम एक महिला आज कलेक्ट्रेट कार्यालय में अपनी फरियाद सुनने यहां वहां भटकती रही। हाथ में शिकायती पत्र लिए साहब से मिलने की कोशिश करती महिला ने जब अपनी पीड़ा सुनाई तो वहां मौजूद हर कोई हैरत में पड़ गया। शिकायत करने पहुंची महिला ने कहा कि उसके पति की मौत सालों पहले हो चुकी है। दो बेटे उसके पास पहले से ही हैं जिनका वह ठीक तरह से पालन पोषण भी नहीं कर पा रही। लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व एक घटनाक्रम के बाद जिला प्रशासन ने उसके दो बेटों के अलावा एक अन्य लड़के की जिम्मेदारी उसके ऊपर थोप दी। किसी तरह डेढ़ वर्ष तक तो वह अपनी जिम्मेदारी निभाती रही, लेकिन अब जिला प्रशासन के द्वारा दिया गया बेटा उसके व उसके परिवार के लिए खतरा बन चुका है।

इस तरह मिला एक और बेटा
ममता डुमार पति स्व. श्री कमल डुमार निवासी ग्राम गुलवारा तहसील व जिला कटनी ने शिकायती पत्र सौंपते हुए कहा की मेरे पति के देहांत के बाद मैं अपने दो बेटों के साथ रह रही थी। मेरी आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण मैने अपने दोनों बेटों कृष्णा और गोकुल को शिक्षा दिलाने के लिय आशा किरण संस्था झिंझरी कटनी में दाखिल कराया था। विगत वर्ष बाल कल्याण के राष्ट्रीय अध्यक्ष के कटनी आगमन पर उन्होंने आशा किरण संस्था का औचक निरीक्षण किया था। निरीक्षण में कुछ संदिंध गतिविधियां मिलने के कारण जिला प्रसाशन एवं बाल कल्यांण अध्यक्ष के हस्तक्षेप के बाद वहां पर अध्यनरत छात्रों को घर वापस भेजा गया था। इस घटनाक्रम में मेरे दोनों बेटों के साथ वहां पर अध्यनरत अभिषेक खटीक जिसके माता-पिता एवं परिवार जनों का पता नहीं लगने के कारण उसकी जिम्मेदारी भी उसकी सहमति और मेरी सहमति से मुझे यह कहते हुए प्रदान कर दी गई थी कि कुछ समय तक आप इसकी देखरेख करें बाद में इसको इसके परिजनों का पता लगाकर वापस भेज दिया जाएगा।
अब दे रहा धमकी
पीड़ित महिला ने कहा कि अभिषेक खटीक को मुझे प्रदान किए जाने से आज दिनांक तक मै उसकी देख रख कर रही हूं। अभिषेक की जन्म तिथि 05/ 06 / 2006 है। वह अब बालिक हो चुका है एवं मुझे एवं मेरे दोनों बेटों को बात-बात पर परेशान करने लगा है। आए दिन लड़ाई झगड़ा करता है और मारने पीटने की धमकी भी देता है। हम लोगों ने कई बार उससे उसके माता-पिता एवं परिवार वालों के संबंध में जानने का प्रयास किया लेकिन वह हमेशा हमें टालमटोल जवाब देता है। महिला ने कहा की मेरी आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है कि मैं तीन बच्चों का देखरेख कर सकूं। अतः मुझे जिला प्रशासन द्वारा प्रदान किए गए इस बच्चे को वापस जिला प्रशासन अपने संरक्षण में ले एवं हमारे ऊपर मंडरा रहे प्राणघातक हमले के संकट से हमें बचाने की कृपा करें।
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जिला प्रशासन ने मेरे गले बांध दिया एक और बेटा, जिला प्रशासन का दिया बेटा बन गया पूरे परिवार के लिए जान का दुश्मन, पीड़ित महिला ने कलेक्टर और एसपी कार्यालय में की लिखित शिकायत, परिवार पर मंडरा रहे संकट को दूर करने रखी मांग
कटनी। पति की मृत्यु के बाद अपने दो बेटों का ठीक तरह से पालन पोषण करने में अक्षम एक महिला आज कलेक्ट्रेट कार्यालय में अपनी फरियाद सुनने यहां वहां भटकती रही। हाथ में शिकायती पत्र लिए साहब से मिलने की कोशिश करती महिला ने जब अपनी पीड़ा सुनाई तो वहां मौजूद हर कोई हैरत में पड़ गया। शिकायत करने पहुंची महिला ने कहा कि उसके पति की मौत सालों पहले हो चुकी है। दो बेटे उसके पास पहले से ही हैं जिनका वह ठीक तरह से पालन पोषण भी नहीं कर पा रही। लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व एक घटनाक्रम के बाद जिला प्रशासन ने उसके दो बेटों के अलावा एक अन्य लड़के की जिम्मेदारी उसके ऊपर थोप दी। किसी तरह डेढ़ वर्ष तक तो वह अपनी जिम्मेदारी निभाती रही, लेकिन अब जिला प्रशासन के द्वारा दिया गया बेटा उसके व उसके परिवार के लिए खतरा बन चुका है।
इस तरह मिला एक और बेटा
ममता डुमार पति स्व. श्री कमल डुमार निवासी ग्राम गुलवारा तहसील व जिला कटनी ने शिकायती पत्र सौंपते हुए कहा की मेरे पति के देहांत के बाद मैं अपने दो बेटों के साथ रह रही थी। मेरी आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण मैने अपने दोनों बेटों कृष्णा और गोकुल को शिक्षा दिलाने के लिय आशा किरण संस्था झिंझरी कटनी में दाखिल कराया था। विगत वर्ष बाल कल्याण के राष्ट्रीय अध्यक्ष के कटनी आगमन पर उन्होंने आशा किरण संस्था का औचक निरीक्षण किया था। निरीक्षण में कुछ संदिंध गतिविधियां मिलने के कारण जिला प्रसाशन एवं बाल कल्यांण अध्यक्ष के हस्तक्षेप के बाद वहां पर अध्यनरत छात्रों को घर वापस भेजा गया था। इस घटनाक्रम में मेरे दोनों बेटों के साथ वहां पर अध्यनरत अभिषेक खटीक जिसके माता-पिता एवं परिवार जनों का पता नहीं लगने के कारण उसकी जिम्मेदारी भी उसकी सहमति और मेरी सहमति से मुझे यह कहते हुए प्रदान कर दी गई थी कि कुछ समय तक आप इसकी देखरेख करें बाद में इसको इसके परिजनों का पता लगाकर वापस भेज दिया जाएगा।
अब दे रहा धमकी
पीड़ित महिला ने कहा कि अभिषेक खटीक को मुझे प्रदान किए जाने से आज दिनांक तक मै उसकी देख रख कर रही हूं। अभिषेक की जन्म तिथि 05/ 06 / 2006 है। वह अब बालिक हो चुका है एवं मुझे एवं मेरे दोनों बेटों को बात-बात पर परेशान करने लगा है। आए दिन लड़ाई झगड़ा करता है और मारने पीटने की धमकी भी देता है। हम लोगों ने कई बार उससे उसके माता-पिता एवं परिवार वालों के संबंध में जानने का प्रयास किया लेकिन वह हमेशा हमें टालमटोल जवाब देता है। महिला ने कहा की मेरी आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है कि मैं तीन बच्चों का देखरेख कर सकूं। अतः मुझे जिला प्रशासन द्वारा प्रदान किए गए इस बच्चे को वापस जिला प्रशासन अपने संरक्षण में ले एवं हमारे ऊपर मंडरा रहे प्राणघातक हमले के संकट से हमें बचाने की कृपा करें।