????गड़बड़झाला???? हत्या की सुपारी देने वालों को एक साल तक बचाने का प्रयास करती रही पुलिस?, कोर्ट ने मांगी स्टेटस रिपोर्ट तब जाकर बनाया आरोपी, मामला बैग शॉपिंग संचालक संजय पोहानी के ऊपर हुए जानलेवा हमले का

????गड़बड़झाला????

हत्या की सुपारी देने वालों को एक साल तक बचाने का प्रयास करती रही पुलिस?, कोर्ट ने मांगी स्टेटस रिपोर्ट तब जाकर बनाया आरोपी, मामला बैग शॉपिंग संचालक संजय पोहानी के ऊपर हुए जानलेवा हमले का

 

कटनी। लगभग 1 वर्ष पूर्व शहर के प्रतिष्ठित व्यवसाई बैग शॉपिंग के संचालक संजय पोहानी के ऊपर घर जाते समय बाइक सवार कुछ युवकों ने चाकू से प्राण घातक हमला किया था। प्राण घातक हमले किए जाने के बाद पुलिस ने हत्या का प्रयास करने वाले आरोपियों को पकड़ भी लिया था। इस मामले में यह बात सामने आई थी कि हमला करने वाले आरोपियों को किसी के द्वारा व्यापारी की हत्या करने की सुपारी दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने व्यापारी पर हमला करने वालों को तो पकड़ लिया लेकिन उन्हें हत्या करने के लिए नियुक्त करके सुपारी देने वाले आरोपियों के खिलाफ किसी तरह की कार्यवाही नहीं की। राजनैतिक रसूक के कारण पुलिस हत्या की सुपारी देने वालों को 1 साल तक बचाने का प्रयास करती रही। संजय पोहानी की तरफ से मामले की पैरवी कर रहे नगर के प्रतिष्ठित वरिष्ठ अधिवक्ता सत्येंद्र चनपुरिया ने जब न्यायालय के सामने तथ्य प्रस्तुत किए तब जाकर न्यायालय ने माधव नगर पुलिस से प्रकरण की स्टेटस रिपोर्ट मांगी। न्यायालय द्वारा स्टेटस रिपोर्ट मांगे जाने के बाद पुलिस हरकत में आई और सुपारी देकर हत्या कराने का प्रयास करने वाले दोनों आरोपियों के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध कर 1 साल बाद गत 24 अक्टूबर को न्यायालय के समक्ष चालान पेश किया।

यह था मामला

आपको बता दें कि बैग शोपी संचालक संजय पोहानी के ऊपर बरगवां में घर जाते समय बाइक सवार कुछ लोगों ने चाकू से जानलेवा हमला किया था। इस मामले में पुलिस ने हत्या का प्रयास करने वाले मुरली मनोहर यादव, शरीफ खान, अमन खान, अर्पण रतले सोनी को पकड़ कर न्यायालय में पेश किया था। यह बात भी सामने आई थी कि उक्त आरोपियों को हत्या करने की साजिश रचते हुए हत्या करने के लिए पैसे वेंकट वार्ड निवासी अजय निषाद एवं आनंद निषाद ने दिए थे। सुपारी किलिंग के मास्टरमाइंड अजय एवं संजय को बचाते हुए पुलिस ने उनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं किया।

न्यायालय ने मांगी रिपोर्ट

हत्या की साजिश रचकर हत्यारों को पैसे देने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस द्वारा किसी भी तरह की कार्यवाही न किए जाने की शिकायत लेकर संजय अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक के पास गया लेकिन वहां उसकी एक नहीं सुनी गई। पुलिस के द्वारा हत्या की सुपारी देने वालों को बचाने का प्रयास करते हुए किसी तरह का मामला दर्ज न किए जाने से परेशान होकर संजय ने अपने अधिवक्ता सत्येंद्र चनपुरिया के माध्यम से न्यायालय की शरण ली। न्यायालय ने जब मामले की गंभीरता को देखते हुए माधव नगर पुलिस से प्रकरण की स्टेटस रिपोर्ट मांगी तब पुलिस हरकत में आई और हत्या की साजिश रचने वाले दोनों आरोपियों के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध कर एक साल बाद चालान पेश किया।

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हत्या की सुपारी देने वालों को एक साल तक बचाने का प्रयास करती रही पुलिस?, कोर्ट ने मांगी स्टेटस रिपोर्ट तब जाकर बनाया आरोपी, मामला बैग शॉपिंग संचालक संजय पोहानी के ऊपर हुए जानलेवा हमले का

कटनी। लगभग 1 वर्ष पूर्व शहर के प्रतिष्ठित व्यवसाई बैग शॉपिंग के संचालक संजय पोहानी के ऊपर घर जाते समय बाइक सवार कुछ युवकों ने चाकू से प्राण घातक हमला किया था। प्राण घातक हमले किए जाने के बाद पुलिस ने हत्या का प्रयास करने वाले आरोपियों को पकड़ भी लिया था। इस मामले में यह बात सामने आई थी कि हमला करने वाले आरोपियों को किसी के द्वारा व्यापारी की हत्या करने की सुपारी दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने व्यापारी पर हमला करने वालों को तो पकड़ लिया लेकिन उन्हें हत्या करने के लिए नियुक्त करके सुपारी देने वाले आरोपियों के खिलाफ किसी तरह की कार्यवाही नहीं की। राजनैतिक रसूक के कारण पुलिस हत्या की सुपारी देने वालों को 1 साल तक बचाने का प्रयास करती रही। संजय पोहानी की तरफ से मामले की पैरवी कर रहे नगर के प्रतिष्ठित वरिष्ठ अधिवक्ता सत्येंद्र चनपुरिया ने जब न्यायालय के सामने तथ्य प्रस्तुत किए तब जाकर न्यायालय ने माधव नगर पुलिस से प्रकरण की स्टेटस रिपोर्ट मांगी। न्यायालय द्वारा स्टेटस रिपोर्ट मांगे जाने के बाद पुलिस हरकत में आई और सुपारी देकर हत्या कराने का प्रयास करने वाले दोनों आरोपियों के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध कर 1 साल बाद गत 24 अक्टूबर को न्यायालय के समक्ष चालान पेश किया।
यह था मामला
आपको बता दें कि बैग शोपी संचालक संजय पोहानी के ऊपर बरगवां में घर जाते समय बाइक सवार कुछ लोगों ने चाकू से जानलेवा हमला किया था। इस मामले में पुलिस ने हत्या का प्रयास करने वाले मुरली मनोहर यादव, शरीफ खान, अमन खान, अर्पण रतले सोनी को पकड़ कर न्यायालय में पेश किया था। यह बात भी सामने आई थी कि उक्त आरोपियों को हत्या करने की साजिश रचते हुए हत्या करने के लिए पैसे वेंकट वार्ड निवासी अजय निषाद एवं आनंद निषाद ने दिए थे। सुपारी किलिंग के मास्टरमाइंड अजय एवं संजय को बचाते हुए पुलिस ने उनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं किया।
न्यायालय ने मांगी रिपोर्ट
हत्या की साजिश रचकर हत्यारों को पैसे देने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस द्वारा किसी भी तरह की कार्यवाही न किए जाने की शिकायत लेकर संजय अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक के पास गया लेकिन वहां उसकी एक नहीं सुनी गई। पुलिस के द्वारा हत्या की सुपारी देने वालों को बचाने का प्रयास करते हुए किसी तरह का मामला दर्ज न किए जाने से परेशान होकर संजय ने अपने अधिवक्ता सत्येंद्र चनपुरिया के माध्यम से न्यायालय की शरण ली। न्यायालय ने जब मामले की गंभीरता को देखते हुए माधव नगर पुलिस से प्रकरण की स्टेटस रिपोर्ट मांगी तब पुलिस हरकत में आई और हत्या की साजिश रचने वाले दोनों आरोपियों के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध कर एक साल बाद चालान पेश किया।

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