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छात्रावास की छत से गिरी आठवीं की छात्रा, सहायक वार्डन ने नहीं जाने दिया स्कूल, छात्रा हो गई हादसे का शिकार, इलाज के लिए छात्रा पहुंची कलेक्टर श्री यादव के पास, कलेक्टर के हस्तक्षेप से शुरू हुआ इलाज

कटनी। रीठी तहसील के अंतर्गत आने वाले बड़गांव स्थित सुभाष चंद्र बोस बालिका छात्रावास में रह रही आठवीं कक्षा की छात्रा गत 26 नवंबर की दोपहर टहलते समय फिसल कर छत से नीचे गिर गई। छत से गिरी छात्रा को आनन फानन में कटनी शासकीय जिला अस्पताल लाया गया। जहां से बाद में उसे निजी अस्पताल में उपचार दिलाने के बाद घर पहुंचा दिया गया। छात्रावास में हादसे का शिकार हुई छात्रा आज अपने पिता के साथ बेहतर इलाज की मांग करने कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंची। छात्रा की पीड़ा और उसके परिवार की माली हालत को देखते हुए कलेक्टर दिलीप यादव ने तत्काल छात्रा को शासकीय जिला अस्पताल भिजवाया जहां पर अब उसका इलाज चल रहा है।
इस तरह हुई घटना
रीठी तहसील के ग्राम लाटपहाड़ी निवासी भजनलाल चौधरी की पुत्री विद्या बड़गांव स्थित छात्रावास में रहकर वहीं के शासकीय स्कूल में पढ़ाई करती है। घटना के संबंध में बातचीत करते हुए भजनलाल ने कहा कि 26 नवंबर को विद्या घर से छात्रावास गई थी। दोपहर लगभग 3 बजे वह छत में टहल रही थी किसी दौरान उसका पैर फिसल गया और वह छात्रावास की छत से नीचे गिर गई। हादसे में बालिका के दोनों पैर फैक्चर हो गए। घटना के बाद छात्रावास वार्डन द्वारा तत्काल घायल छात्रा को रीठी से शासकीय जिला अस्पताल कटनी लाया गया। जिसके बाद उसका निजी अस्पताल में इलाज कराया गया।
नहीं जाने दिया स्कूल
बातचीत में छात्रा ने बताया कि 26 तारीख को वह घर से छात्रावास पहुंची थी। जब वह स्कूल जाने के लिए तैयार होने लगी तो वहां मौजूद सहायक वार्डन उषा उपाध्याय ने उसे स्कूल जाने से रोक दिया। छात्रावास में अकेली मौजूद छात्रा छत पर टहल रही थी। इसी दौरान फिसल कर वह छत से नीचे गिर गई। सूत्र बताते हैं की छात्रावास में मौजूद सहायक वार्डन घटना के समय सो रहीं थी। बताया जाता है कि दोपहर के भोजन के बाद सहायक वार्डन अक्सर शाम 5 बजे तक के लिए अपने शयन कक्षा में चली जाती हैं। इसके बाद छात्रावास में क्या हो रहा है उससे उनका लेना देना नहीं रहता। सूत्रों की माने तो यदि सहायक वार्डन अपनी जिम्मेदारी ठीक तरह से निभाती तो शायद यह हादसा घटित ना होता।
इनका कहना है
डीपीसी केके डेहरिया ने उक्त मामले को लेकर कहा की नोटिस जारी कर छात्रावास स्टाफ से जवाब मांगा था। बच्ची के इलाज में जो भी खर्च आएगा उसका वहन छात्रावास प्रबंधन करेगा। मामले में जांच की जा रही है यदि सहायक वार्डन की लापरवाही सामने आती है तो उसके खिलाफ कार्यवाही अवश्य की जाएगी। कलेक्टर साहब के निर्देश पर बालिका को बेहतर इलाज दिलाने हर संभव प्रयास किए जाएंगे।
????लापरवाही????
छात्रावास की छत से गिरी आठवीं की छात्रा, सहायक वार्डन ने नहीं जाने दिया स्कूल, छात्रा हो गई हादसे का शिकार, इलाज के लिए छात्रा पहुंची कलेक्टर श्री यादव के पास, कलेक्टर के हस्तक्षेप से शुरू हुआ इलाज
कटनी। रीठी तहसील के अंतर्गत आने वाले बड़गांव स्थित सुभाष चंद्र बोस बालिका छात्रावास में रह रही आठवीं कक्षा की छात्रा गत 26 नवंबर की दोपहर टहलते समय फिसल कर छत से नीचे गिर गई। छत से गिरी छात्रा को आनन फानन में कटनी शासकीय जिला अस्पताल लाया गया। जहां से बाद में उसे निजी अस्पताल में उपचार दिलाने के बाद घर पहुंचा दिया गया। छात्रावास में हादसे का शिकार हुई छात्रा आज अपने पिता के साथ बेहतर इलाज की मांग करने कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंची। छात्रा की पीड़ा और उसके परिवार की माली हालत को देखते हुए कलेक्टर दिलीप यादव ने तत्काल छात्रा को शासकीय जिला अस्पताल भिजवाया जहां पर अब उसका इलाज चल रहा है।
इस तरह हुई घटना
रीठी तहसील के ग्राम लाटपहाड़ी निवासी भजनलाल चौधरी की पुत्री विद्या बड़गांव स्थित छात्रावास में रहकर वहीं के शासकीय स्कूल में पढ़ाई करती है। घटना के संबंध में बातचीत करते हुए भजनलाल ने कहा कि 26 नवंबर को विद्या घर से छात्रावास गई थी। दोपहर लगभग 3 बजे वह छत में टहल रही थी किसी दौरान उसका पैर फिसल गया और वह छात्रावास की छत से नीचे गिर गई। हादसे में बालिका के दोनों पैर फैक्चर हो गए। घटना के बाद छात्रावास वार्डन द्वारा तत्काल घायल छात्रा को रीठी से शासकीय जिला अस्पताल कटनी लाया गया। जिसके बाद उसका निजी अस्पताल में इलाज कराया गया।
नहीं जाने दिया स्कूल
बातचीत में छात्रा ने बताया कि 26 तारीख को वह घर से छात्रावास पहुंची थी। जब वह स्कूल जाने के लिए तैयार होने लगी तो वहां मौजूद सहायक वार्डन उषा उपाध्याय ने उसे स्कूल जाने से रोक दिया। छात्रावास में अकेली मौजूद छात्रा छत पर टहल रही थी। इसी दौरान फिसल कर वह छत से नीचे गिर गई। सूत्र बताते हैं की छात्रावास में मौजूद सहायक वार्डन घटना के समय सो रहीं थी। बताया जाता है कि दोपहर के भोजन के बाद सहायक वार्डन अक्सर शाम 5 बजे तक के लिए अपने शयन कक्षा में चली जाती हैं। इसके बाद छात्रावास में क्या हो रहा है उससे उनका लेना देना नहीं रहता। सूत्रों की माने तो यदि सहायक वार्डन अपनी जिम्मेदारी ठीक तरह से निभाती तो शायद यह हादसा घटित ना होता।
इनका कहना है
डीपीसी केके डेहरिया ने उक्त मामले को लेकर कहा की नोटिस जारी कर छात्रावास स्टाफ से जवाब मांगा था। बच्ची के इलाज में जो भी खर्च आएगा उसका वहन छात्रावास प्रबंधन करेगा। मामले में जांच की जा रही है यदि सहायक वार्डन की लापरवाही सामने आती है तो उसके खिलाफ कार्यवाही अवश्य की जाएगी। कलेक्टर साहब के निर्देश पर बालिका को बेहतर इलाज दिलाने हर संभव प्रयास किए जाएंगे।
