बजरंग राइस मिल के शासकीय कस्टम मिलिंग चावल की फर्जी रिपोर्ट बनाने वाले नागरिक आपूर्ति निगम के तत्कालीन जिला प्रबंधक सहित अन्य अधिकारियों पर दर्ज होगी एफआईआर, न्यायालय ने जारी किया आदेश

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बजरंग राइस मिल के शासकीय कस्टम मिलिंग चावल की फर्जी रिपोर्ट बनाने वाले नागरिक आपूर्ति निगम के तत्कालीन जिला प्रबंधक सहित अन्य अधिकारियों पर दर्ज होगी एफआईआर, न्यायालय ने जारी किया आदेश

कटनी। बजरंग राइस मिल के शासकीय कस्टम मिलिंग चावल की फर्जी रिपोर्ट बनाने वाले नागरिक आपूर्ति निगम के तत्कालीन जिला प्रबंधक संजय सिंग, नागरिक आपूर्ति निगम मुख्यालय भोपाल के गुणवत्ता नियंत्रक आर.आर.शर्मा, एल.एन.गुप्ता एवं अन्य के विरुद्ध न्यायालय ने एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी किये है।
यह था मामला
बजरंग राइस मिल के प्रोपराइटर ईश्वर रोहरा द्वारा 23 मई 2022 को नागरिक आपूर्ति निगम के तत्कालीन जिला प्रबंधक संजय सिंग को लोकायुक्त जबलपुर से 60,000/- की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़वाया था।।तब संजय सिंग ने ईश्वर रोहरा से बदला लेने के लिए नागरिक आपूर्ति निगम के मुख्यालय भोपाल से अपने मातहत उच्च अधिकारियों को बोल कर गुणवत्ता निरीक्षक आरआर शर्मा एवं एलएन गुप्ता को 29 मई 2022 को कटनी बुलवा लिया और mpwlc के अधिकृत पायल, पीईजी आदि गोदामों में नागरिक आपूर्ति निगम के द्वारा ही स्वीकृत ईश्वर रोहरा की बजरंग राइस मिल के चावल को फेल करवा दिया। इस आधार पर बजरंग राइस मिल का शासकीय मिलिंग का कार्य बंद करवा दिया और इस फेल चावल को बदलने का नोटिस जारी कर दिया।
ऐसी की गड़बड़ी
कहते हैं कि चोर चोरी करता है, तो कोई न कोई सुराग छोड़ जाता है, ऐसे में इन तीनों से गलती ये हो गई कि पीईजी गोदाम में 3480 बोरी चावल के 3 स्टैक की फेल की जो रिपोर्ट बनाई वो वास्तविकता में 2 स्टैक 3,480 बोरी के थे। जब माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में इस जांच के खिलाफ याचिका दायर की गई तो माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के आदेश पर प्रबंध संचालक, नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा दूसरी जांच टीम से उक्त चावल की जांच कराई गई। जिसमें लगभग चावल पास हो गया, किंतु पीईजी गोदाम में चावल की जांच रिपोर्ट में तीसरा स्टैक 3,480 बोरी चावल का नहीं मिला, केवल 2 ही स्टैक वहाँ पाये गये। इस फर्जी 3,480 बोरी जांच रिपोर्ट के आधार पर ईश्वर रोहरा प्रो. बजरंग राइस मिल द्वारा क्रमश: स्टेप बाय स्टेप पहले थाना कुठला फिर पुलिस अधीक्षक कटनी को इस आधार पर अपराध कायमी करने का आवेदन दिया गया। पुन: पुलिस अधीक्षक को आवेदन दिया गया, जब इनके द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई तो माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका दायर की गई। तब माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर से प्रमुख सचिव, गृह मंत्रालय को प्रकरण की सुनवाई कर आदेश पारित करने हेतु आदेशित किया गया।
जिस पर सुनवाई उपरांत प्रमुख सचिव, गृह मंत्रालय ने जिला न्यायालय में धारा 156(3) के तहत केस फाइल करने हेतु आदेश जारी किया। जिस पर माननीय जिला न्यायालय में वाद दायर किया गया। प्रकरण में सुनवाई उपरांत कुठला थाने को एफ.आई.दर्ज करने हेतु आदेशित किया गया है।

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Author: RashtraRakshak

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