2 दिन की दिवाली इस बार, किस दिन बन रहे पूजन के शुभ संयोग, क्या कहता है ज्योतिष शास्त्र, पढ़े

2 दिन की दिवाली इस बार, किस दिन बन रहे पूजन के शुभ संयोग, क्या कहता है ज्योतिष शास्त्र, पढ़े

दिवाली 2025 दो दिन की होगी। 2 दिन की दिवाली पढ़ने के कारण लोगों के अंदर काफी शंका है की पूजन आखिर किस दिन किया जाए। कुछ इसी तरह की शंका का निवारण ज्योतिष शास्त्र के प्रसिद्ध विद्वान कर रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र के प्रसिद्ध विद्वान के मुताबिक दीवाली को लेकर लोगों में कंफ्यूजन था कि लक्ष्मी पूजन और दीपदान किस दिन करना शुभ रहेगा। कारण है कि कार्तिक अमावस्या इस बार सोमवार और मंगलवार दोनों को आ रही है। ज्योतिषाचार्यों और शास्त्रों के अनुसार 20 अक्टूबर, सोमवार को ही लक्ष्मी-गणेश पूजन और दीपदान करना सबसे फलदायी और शास्त्र सम्मत है।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस दिन प्रदोष काल में अमावस्या की उपस्थिति पर्याप्त है और पूजा के लिए पर्याप्त समय उपलब्ध है। वहीं 21 अक्टूबर, मंगलवार को अमावस्या का समय केवल 14 मिनट का है, जो एक घटिका (24 मिनट) से भी कम है। इस अल्प अवधि में पूजा करना शास्त्रों के अनुसार पर्याप्त नहीं माना जाता। अतः दीपावली का मुख्य पर्व और लक्ष्मी पूजन 20 अक्टूबर को ही करना चाहिए।
धर्मसिंधु के निर्णय सूत्र के अनुसार, यदि अमावस्या केवल पहले दिन पूर्ण रूप से व्याप्त हो और दूसरे दिन केवल स्पर्श मात्र हो, तो लक्ष्मी पूजन पूर्वत्रैव प्रदोष व्याप्ति वाले दिन करना चाहिए। अभ्यंग स्नान और अन्य कर्म अगले दिन किया जा सकता है। इस प्रकार 20 अक्टूबर को ही लक्ष्मी-गणेश पूजन और दीपदान करना शुभ है, जबकि 21 अक्टूबर स्नान, दान और श्राद्ध कर्मों के लिए मान्य है।
20 अक्टूबर, सोमवार को सूर्यास्त लगभग 5 बजकर 42 मिनट पर होगा और प्रदोष काल की शुरुआत 5 बजकर 42 मिनट से अमावस्या तिथि की शुरुआत 5 बजकर 45 मिनट से होगी। इस दिन पूरी रात्रि तक अमावस्या की अखंड और संपूर्ण व्याप्ति है, जो पूजा के लिए आदर्श मानी जाती है। वहीं 21 अक्टूबर को प्रदोष काल में अमावस्या केवल 14 मिनट के लिए उपस्थित रहेगी, जो दीपावली पूजा के लिए पर्याप्त नहीं है।
इस वर्ष दीवाली पर 20 अक्टूबर को ही लक्ष्मी-गणेश पूजन और दीपदान करने से धन, समृद्धि और शुभता प्राप्त होगी। लोग इस दिन अपने घरों और कार्यस्थलों में दीप जलाकर रोशनी और मंगलमयी वातावरण का आनंद ले सकते हैं। 21 अक्टूबर को पूजा का विस्तार अभ्यंग स्नान और दान-धर्म के कार्यों तक किया जा सकता है। इस निर्णय से दीपावली 2025 की सही तिथि और पूजा विधि स्पष्ट है।

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Author: RashtraRakshak

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