कलेक्टर के प्रस्ताव पर संभागायुक्त ने स्टेट सिविल सप्लाई कार्पोरेशन के क्षेत्रीय प्रबंधक को भेजा नोटिस, सीएम हेल्पलाइन के निराकरण में लापरवाही पड़ी भारी

कटनी। संभागायुक्त अभय वर्मा ने मध्य प्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन के क्षेत्रीय प्रबंधक एवं एल-2 अधिकारी के विरूद्ध कलेक्टर कटनी दिलीप कुमार यादव द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही के भेजे प्रस्ताव के आधार पर श्री अहिरवार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
संभागायुक्त श्री वर्मा द्वारा जारी नोटिस में एल.एल. अहिरवार को 15 दिवस के भीतर पक्ष रखने के निर्देश दिए गये हैं। उल्लेखनीय है कि कटनी कलेक्टर श्री यादव ने सी.एम.हेल्पलाइन के मामलों के निराकरण में रूचि नहीं लेने पर एल-2 अधिकारी क्षेत्रीय प्रबंधक एल.एल. अहिरवार के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रस्ताव संभागायुक्त जबलपुर श्री वर्मा को भेजा था।
कलेक्टर कटनी ने संभागायुक्त को भेजे प्रस्ताव में उल्लेखित किया था कि सी०एम० हेल्पलाईन के अंतर्गत प्राप्त शिकायतों को निर्धारित समय-सीमा में अटेंड किया जाकर शिकायतों का निराकरण किये जाने के निर्देश है, किन्तु माह जनवरी 2025 की प्राप्त शिकायतों में श्री अहिरवार द्वारा 67 शिकायतों को अटेंड नहीं किये जाने के कारण उच्च लेबल पर अंतरित हो गई। जिससे जिले एवं विभाग की ग्रेडिंग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है तथा कटनी जिले को 10 नंबर के वेटेज में 9.88 अंक ही प्राप्त हो रहे है। पूर्व के माहों में शासन स्तर से जारी ग्रेडिंग में जिला कटनी निरंतर दो माहों से 0.54 अंक से दिसम्बर 2024 एवं 0.30 अंक से नवंबर 2024 में मामूली अंतर से प्रथम स्थान प्राप्त न कर द्वितीय स्थान प्राप्त किया है जिससे स्पष्ट होता है कि कम अंकों के मार्जिन से जिला प्रथम स्थान अर्जित नहीं कर पा रहा है। सी०एम० हेल्पलाईन में प्राप्त शिकायतों का निर्धारित समय-सीमा में अटेंड न किये जाने से जिले को 0.12 अंक कम प्राप्त हो रहे है। साथ ही आम जनता विशेषकर किसानों के भुगतान संबंधी शिकायतों को अटेंड न किये जाने से शिकायतों की संतुष्टिपूर्ण बंद कराये जाने की संभावना को एल-2 स्तर से समाप्त कर दिया गया है। जिससे जिले को 60 प्रतिशत संतुष्टि के वेटेज में भी नुकसान हुआ है। इसके लिये एल-2 अधिकारी एल.एल. अहिरवार जिम्मेदार हैं। साथ ही इनका आचरण कदाचरण की श्रेणी में आता है तथा मध्य प्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम -10 के तहत शास्ति अधिरोपित किये जाने योग्य है।