कोरे कागज में दस्तखत करवाकर पीड़ित को ही बना दिया मुजरिम, 1 माह पूर्व सड़क हादसे की घटना में माधव नगर पुलिस ने की लीपापोती, घायल युवक की भाभी ने एसपी सहित वरिष्ठ अधिकारियों से की शिकायत, पढ़े क्या है मामला

कटनी। लगभग 1 माह पूर्व माधव नगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत दो बाइकों की टक्कर के मामले में माधव नगर पुलिस ने पीड़ित को ही आरोपी बना दिया। यहां तक की घटना की विवेचना दो विवेचकों से करवाई। बेहोशी की हालत में घायल आदिवासी नवयुवक के दस्तक कोरे कागज में करवाने के बाद मन माफिक उसके बयान लिख लिए और बाद में घायल अवस्था में उसकी गिरफ्तारी दर्शाकर पूरे मामले पर खात्मा लगवा दिया। माधव नगर पुलिस द्वारा किए गए इस तरह के कृत्य की लिखित शिकायत घायल पीड़ित युवक की भाभी सुलेखा भुमिया पति चमरू भुमिया, निवासी ग्राम घुघरा, तहसील-रीठी, जिला-कटनी ने जिला पुलिस अधीक्षक कटनी, प्रमुख सचिव गृह मंत्रालय, पुलिस महानिदेशक म०प्र० पुलिस, पुलिस उपमहानिरीक्षक म०प्र० पुलिस जबलपुर रेंज से की है।
लिखित शिकायत करते हुए सुलेखा भुमिया पति चमरू भूमिया ने कहा की मैं, तथा मेरा देवर सुकरू भुमिया आदिवासी, अनपढ़, अशिक्षित ग्रामीण परिवेश के आदिम जाति समाज के व्यक्ति हैं। मेरा, देवर सुकरू भुमिया पिता प्रेमलाल भुमिया 03 फरवरी 2025 को रिश्तेदारी से मोटरसाइकिल से सावधानी पूर्वक, धीरे-धीरे चलाते हुए लौट रहा था, तभी इमलिया फाटक के पास, राकेश चकवर्ती निवासी कुम्हार मोहल्ला, पुलिस थाना-माधवनगर, कटनी द्वारा मोटरसाइकिल को तेज व लापरवाही पूर्वक चलाकर सुकरू भुमिया को जोरदार टक्कर मार दी गई। मेरे, देवर सुकरू भुमिया को, राकेश चक्रवर्ती द्वारा स्वयं की मोटरसाइकिल से इतनी जोरदार टक्कर मारी की सुकरू भुमिया का सिर बुरी तरह से फट गया। अस्पताल के डिस्चार्ज डिटेल में शरीर के कुछ अंगों में अस्थिभंग का लेख है। मेरे, देवर को MGM HOSPITAL के डिस्चार्ज डिटेल Condistion at the time of admission not obey commands – का लेख है। मेरे, देवर को, राकेश चक्रवर्ती ने स्वयं की मोटरसाइकिल से इतनी जोरदार टक्कर मारी, कि सुकरू भुमिया मौत के मुंह से बचना मुश्किल लग रहा था, हम लोग, सुकरू भुमिया को बचाने के लिए अस्पतालों में व्यस्त थे। मैं तथा मेरा पूरा परिवार, सुकरू भुमिया के इलाज में उसका जीवन बचाने के लिए एमजीएम हॉस्पिटल में व्यस्त थे। मेरा, देवर सुकरू भुमिया पैर की हड्डी टूटने एवं सिर में गंभीर चोट आने से बेहोशी की अवस्था में था, बमुश्किल डॉक्टर के इलाज से होश में आया, परंतु ढंग से बोलने में, बताने में असमर्थ था, तभी पुलिस थाना-कुठला के पुलिस वाले ने, एवं माधवनगर के पुलिस वाले ने आकर जब कुछ होश आया तो 4 कोरे कागजों में पुलिस कार्यवाही के नाम पर नाम लिखाकर ले गए। मेरे, देवर के पूरे इलाज के समय मैं उसकी मां की भांति पूरे समय साथ रही। मेरे, देवर के साथ, राकेश चकवर्ती, कुम्हार मोहल्ला द्वारा घटित दुर्घटना का अपराध पंजीबद्ध नहीं किया गया। जबकि मेरे, देवर सुकरू भुमिया को, राकेश चक्रवर्ती ने इतनी जोरदार टक्कर मारी थी कि सुकरू भुमिया बेहोशी की अवस्था में कई दिनों तक रहा। घटना में राकेश चक्रवर्ती स्वयं घायल भी हुआ था। महिला ने शिकायती पत्र के माध्यम से कहा की मेरे देवर सुकरू भुमिया के साथ राकेश चकवर्ती के द्वारा घटित अपराध का मामला पुलिस थाना- माधवनगर द्वारा दर्ज नहीं किया गया। मैने जब पुलिस थाना-माधवनगर में सुकरू भुमिया के साथ राकेश चकवर्ती द्वारा घटित किए गए अपराध की जानकारी ली, तो बताया गया कि सुकरू भुमिया को ही मुल्जिम बनाया गया है, और कोरे कागजों में कराए गए हस्ताक्षर में सुकरू भुमिया के वनावटी कथन भी लिख लिए गए हैं। कानून से अंजान होने के कारण, फिर कानून के जानकार अधिवक्ताओं से संपर्क कर अपनी बात बताई, पुलिस थाना-माधवनगर से जानकारी लेने पर ज्ञात हुआ कि पुलिस थाना-माधवनगर में एक ही घटना में घटित अपराध कि विवेचना दो अलग-अलग विवेचकों से कराई गई। जिसमें सुकरू भुमिया के साथ घटित अपराध को राकेश चकवर्ती द्वारा पुलिस विवेचक से मिलकर खात्मा लगवाया गया, और सुकरू भुमिया को झूठा अपराध बनाकर घर में बिस्तरबद्ध अवस्था में गिरफ्तारी की कार्यवाही गई। घायल युवक की भाभी ने शिकायती पत्र के माध्यम से कहा कि मैं श्रीमान से निवेदन करती हूँ कि सुकरू भुमिया के साथ राकेश चकवर्ती द्वारा घटित किए गए अपराध का मामला पंजीबद्ध करने की कृपा की जावे एवं सुकरू भुमिया के विरूद्ध झूठा पंजीबद्ध अपराध पर खातमा लगाया जाए।