शैक्षणिक सत्र हो रहा समाप्त, सीएम राइज स्कूल को नहीं मिला नवीन भवन, समय-सीमा भी बीती, रीठी के सीएम राइज स्कूल का मामला, नहीं बना खेल मैदान

कटनी। शासन द्वारा करोड़ों रुपए खर्च कर रीठी विकास खंड मुख्यालय में सीएम राइज स्कूल की नवीन बिल्डिंग बनाई जा रही हैं, लेकिन देखने में यह आ रहा है कि मुख्यालय में बन रही सीएम राइज स्कूल की नवीन बिल्डिंग विभाग व ठेकेदार की मनमानी की भेंट चढ़ कर रह गई है। निर्माण कार्य की धीमी रफ्तार के चलते समयावधि समाप्त होने के बाद भी ठेकेदार द्वारा उक्त भवन के निर्माण कार्य को पूरा नहीं किया गया है। जिसके चलते अध्ययनरत विद्यार्थियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बच्चों को उधार के पुराने भवन में अध्ययन करना पड़ रहा है। सीएम राइज विद्यालय के भवन निर्माण में अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदार की लेट-लफीती भारी पड़ गई। समय सीमा को लेकर भी लापरवाही बरती जा रही है।
समयावधि समाप्त होने के बाद भी नहीं हो पाया निर्माण कार्य
बताया गया कि कटनी जिले के रीठी तहसील मुख्यालय में लोक शिक्षा विभाग के अंतर्गत सीएम राइज योजना के तहत पैंतीस करोड़ साठ लाख रुपए की लागत राशि से सीएम राइज स्कूल की बिल्डिंग का निर्माण कार्य किया जा रहा है। जिसके निर्माण की गति एकदम कछुआ चाल में है। बताया गया कि बीते वर्ष बिल्डिंग बनकर तैयार हो जाना था और विभाग को हैंडओवर भी हो जाना थी। लेकिन ठेकेदार और जिले के अधिकारियों की लापरवाही के चलते एक वर्ष का समय बीत जाने के बाद भी भवन बनकर पूरी तरह से तैयार नहीं हो पाया है। जिसके चलते सीएम राइज स्कूल में कक्षा पहली से बारहवीं तक प्रवेश लेने वाले बच्चों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। शासन के निर्देशों पर ठेकेदार की मनमानी भारी पड़ती नजर आ रही है। शैक्षणिक सत्र समाप्त होने को है और बच्चों को नवीन बिल्डिंग के दर्शन नहीं हो सके हैं।
अभी नहीं बना खेल मैदान, कहां है जिम्मेदार
गौरतलब है कि रीठी में बन रही सीएम राइज के भवन निर्माण में कई बार घटिया निर्माण कार्य होने के भी आरोप लग चुके हैं। साथ ही तत्कालीन कलेक्टर के निरीक्षण के दौरान भी घटिया निर्माण कार्य होने की पोल खुल चुकी है। तत्कालीन कलेक्टर ने मौके पर ठेकेदार और अधिकारियों को भी जमकर फटकार लगाई थी। वाबजूद इसके निर्माण कार्य की गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा गया है, और उक्त जांच की फाइल को दबा दिया गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि मानकों को दफन कर घटिया स्तर पर निर्माण कार्य हो रहा है। उक्त निर्माणाधीन सरकारी भवन की जांच करने कोई धनी धोरी नहीं है। खास बात तो यह है कि अब लगभग बिल्डिंग का काम पूरा होता नजर आ रहा है लेकिन बच्चों को खेलने के लिए खेल मैदान ठेकेदार ने नहीं बनाया है। खेल मैदान के नाम पर पत्थर की चट्टान छोड़ दी गई है। सूत्र बताते हैं कि अब ठेकेदार बिल्डिंग को विभाग के हैंड ओवर कर बिना खेल मैदान बनाए शासन की आंख में धूल झोंकने की फिराक में हैं। हालांकि इसमें विभाग के अधिकारियों की भी मिलीभगत है, जिसके चलते बच्चों के साथ छलावा किया जा रहा है।