कटनी सहित प्रदेश के 800 से ज्यादा राइस मिलर्स हड़ताल पर, भोपाल में डाला डेरा, धान उपार्जन शुरू होते ही भड़का आक्रोश

कटनी। सरकारी धान की कस्टम मिलिंग करने वाले जिले के लगभग 80 से ज्यादा राइस मिलर्स प्रदेश के साढ़े आठ सौ मिलर्स के साथ हड़ताल पर चले गए हैं। धान उपार्जन शुरू होते ही मिलिंग का कार्य भी शुरू होना था, लेकिन मिलर्स ने अपनी मांगों को लेकर अनुबंध करने से इंकार कर दिया, जिसके बाद वे हड़ताल पर चले गए।
केंद्रों में खरीदी शुरू, उठाव नहीं होने से आएगी समस्या
मिलर्स ने पुराने वरदानों की खेप धान उपार्जन समितियों को देने से भी मना कर दिया है, जिससे केवल नए बारदानों की खेप भेजी जा रही है। इस स्थिति को लेकर मध्यप्रदेश चावल उघोग महासंघ के आशीष अग्रवाल के नेतृत्व में मिलर्स प्रदेशभर से बैठक करेंगे और भोपाल में मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी बात रखेंगे। कटनी मिलर्स संघ अध्यक्ष दीपक असरानी ने बताया की गत वर्षों का लगभग सौ करोड़ रुपया अभी बकाया है। ऐसे में मिलिंग करने में राइस मिल एसोशिएशन असमर्थ है। मिलर्स का कहना है कि वर्ष 2023-24 के उपार्जन के दौरान उन्हें फोर्टिफाइड राइस कर्नेल का मिश्रण करने के लिए शासन द्वारा निर्धारित एफआरके और ब्लेंडिंग चार्ज का भुगतान अब तक नहीं किया गया है। इसके अलात्राए मिलिंग चार्ज, परिवहन व्यय और हम्माली के भुगतान में भी देरी हो रही है। इसके चलते मिलर्स आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।
पहले दिन नहीं हुई धान की खरीदी
जिला प्रशासन ने खरीदी के साथ मिलिंग की भी योजना बनाई थी जिस पर पलीता लगता नजर आ रहा है। जानकारी के अनुसार पहले दिन बनाए गए 81 उपार्जन केंद्रों में खरीदी नही हुई समितियों द्वारा व्यवस्था ही बनाई जा रही थी। जिले भर के 53 हजार 175 पंजीकृत किसान पहले दिन सिर्फ पूछ परख करते ही दिखे।
इनका कहना है
राइस मिलर्स अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर है। कटनी के 80 से ज्यादा मिलर्स ने अनुबंध नहीं किया। सभी भोपाल पहुंच गए हैं। प्रदेश संघ के नेतृत्व में सीएम के समक्ष अपनी बात रखेंगे। ईश्वर रोहरा, महासचिव मप्र चावल उद्योग संघ
कटनी सहित प्रदेश के 800 से ज्यादा राइस मिलर्स हड़ताल पर, भोपाल में डाला डेरा, धान उपार्जन शुरू होते ही भड़का आक्रोश
कटनी। सरकारी धान की कस्टम मिलिंग करने वाले जिले के लगभग 80 से ज्यादा राइस मिलर्स प्रदेश के साढ़े आठ सौ मिलर्स के साथ हड़ताल पर चले गए हैं। धान उपार्जन शुरू होते ही मिलिंग का कार्य भी शुरू होना था, लेकिन मिलर्स ने अपनी मांगों को लेकर अनुबंध करने से इंकार कर दिया, जिसके बाद वे हड़ताल पर चले गए।
केंद्रों में खरीदी शुरू, उठाव नहीं होने से आएगी समस्या
मिलर्स ने पुराने वरदानों की खेप धान उपार्जन समितियों को देने से भी मना कर दिया है, जिससे केवल नए बारदानों की खेप भेजी जा रही है। इस स्थिति को लेकर मध्यप्रदेश चावल उघोग महासंघ के आशीष अग्रवाल के नेतृत्व में मिलर्स प्रदेशभर से बैठक करेंगे और भोपाल में मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी बात रखेंगे। कटनी मिलर्स संघ अध्यक्ष दीपक असरानी ने बताया की गत वर्षों का लगभग सौ करोड़ रुपया अभी बकाया है। ऐसे में मिलिंग करने में राइस मिल एसोशिएशन असमर्थ है। मिलर्स का कहना है कि वर्ष 2023-24 के उपार्जन के दौरान उन्हें फोर्टिफाइड राइस कर्नेल का मिश्रण करने के लिए शासन द्वारा निर्धारित एफआरके और ब्लेंडिंग चार्ज का भुगतान अब तक नहीं किया गया है। इसके अलात्राए मिलिंग चार्ज, परिवहन व्यय और हम्माली के भुगतान में भी देरी हो रही है। इसके चलते मिलर्स आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।
पहले दिन नहीं हुई धान की खरीदी
जिला प्रशासन ने खरीदी के साथ मिलिंग की भी योजना बनाई थी जिस पर पलीता लगता नजर आ रहा है। जानकारी के अनुसार पहले दिन बनाए गए 81 उपार्जन केंद्रों में खरीदी नही हुई समितियों द्वारा व्यवस्था ही बनाई जा रही थी। जिले भर के 53 हजार 175 पंजीकृत किसान पहले दिन सिर्फ पूछ परख करते ही दिखे।
इनका कहना है
राइस मिलर्स अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर है। कटनी के 80 से ज्यादा मिलर्स ने अनुबंध नहीं किया। सभी भोपाल पहुंच गए हैं। प्रदेश संघ के नेतृत्व में सीएम के समक्ष अपनी बात रखेंगे।
ईश्वर रोहरा, महासचिव मप्र चावल उद्योग संघ
