मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने उच्च शिक्षा विभाग और रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर को जारी किया नोटिस

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मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने उच्च शिक्षा विभाग और रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर को जारी किया नोटिस

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जबलपुर(सुजीत सिंह)। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने उच्च शिक्षा विभाग और रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर को एक याचिका के संबंध में नोटिस जारी किया है। यह याचिका एलएल.एम. छात्र कटनी निवासी यश खरे द्वारा दायर की गई है, जिसमें यह आरोप लगाया गया है कि विश्वविद्यालय की ओर से एटीकेटी परीक्षा को समय पर आयोजित नहीं किया गया जा रहा है, जिससे उनकी शैक्षणिक प्रगति में बाधा रही है और उनकी स्नातकोत्तर डिग्री को समय पर पूरा करने में जोखिम उत्पन्न हुआ है।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आर्यन उरमलिया ने दलील दी है कि विश्वविद्यालय ने प्रथम सेमेस्टर की एटीकेटी परीक्षा आयोजित करने में देरी की और इसे उत्तरवर्ती बैच की परीक्षा के साथ जोड़ दिया। इस विलंब के कारण, याचिकाकर्ता तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल होने से वंचित रह जाएँगे, जबकि वे विश्वविद्यालय के अध्यादेश 23ए के तहत पात्र है । याचिका में यह भी कहा गया है कि इस देरी से याचिकाकर्ता तीन वर्षों की अधिकतम समय सीमा को पार कर सकते हैं, जो एलएल.एम. पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए अनिवार्य है।

सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आर्यन उरमलिया ने तर्क दिया कि विश्वविद्यालय की यह कार्रवाई संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के तहत उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती है, क्योंकि यह मनमानीपूर्ण है और समय पर शैक्षणिक प्रगति के अवसरों से उन्हें वंचित करती है। याचिकाकर्ता ने अदालत से आग्रह किया है कि लंबित एटीकेटी परीक्षा आयोजित करने और उन्हें तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल होने की अनुमति देने के निर्देश दिए जाएं, ताकि उन्हें अपरिवर्तनीय क्षति से बचाया जा सके।

मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए, माननीय उच्च न्यायालय ने प्रतिवादियों को याचिका में उठाए गए मुद्दों पर अपना उत्तर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। यह मामला उन सभी छात्रों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है, जो परीक्षा में प्रशासनिक देरी के कारण इसी तरह की समस्याओं का सामना कर रहे हैं।

अगली सुनवाई की तिथि 04 दिसंबर निर्धारित की गई है, और याचिकाकर्ता सकारात्मक परिणाम की उम्मीद कर रहे हैं।

मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने उच्च शिक्षा विभाग और रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर को जारी किया नोटिस

जबलपुर(सुजीत सिंह)। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने उच्च शिक्षा विभाग और रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर को एक याचिका के संबंध में नोटिस जारी किया है। यह याचिका एलएल.एम. छात्र कटनी निवासी यश खरे द्वारा दायर की गई है, जिसमें यह आरोप लगाया गया है कि विश्वविद्यालय की ओर से एटीकेटी परीक्षा को समय पर आयोजित नहीं किया गया जा रहा है, जिससे उनकी शैक्षणिक प्रगति में बाधा रही है और उनकी स्नातकोत्तर डिग्री को समय पर पूरा करने में जोखिम उत्पन्न हुआ है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आर्यन उरमलिया ने दलील दी है कि विश्वविद्यालय ने प्रथम सेमेस्टर की एटीकेटी परीक्षा आयोजित करने में देरी की और इसे उत्तरवर्ती बैच की परीक्षा के साथ जोड़ दिया। इस विलंब के कारण, याचिकाकर्ता तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल होने से वंचित रह जाएँगे, जबकि वे विश्वविद्यालय के अध्यादेश 23ए के तहत पात्र है । याचिका में यह भी कहा गया है कि इस देरी से याचिकाकर्ता तीन वर्षों की अधिकतम समय सीमा को पार कर सकते हैं, जो एलएल.एम. पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए अनिवार्य है।
सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आर्यन उरमलिया ने तर्क दिया कि विश्वविद्यालय की यह कार्रवाई संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के तहत उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती है, क्योंकि यह मनमानीपूर्ण है और समय पर शैक्षणिक प्रगति के अवसरों से उन्हें वंचित करती है। याचिकाकर्ता ने अदालत से आग्रह किया है कि लंबित एटीकेटी परीक्षा आयोजित करने और उन्हें तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल होने की अनुमति देने के निर्देश दिए जाएं, ताकि उन्हें अपरिवर्तनीय क्षति से बचाया जा सके।
मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए, माननीय उच्च न्यायालय ने प्रतिवादियों को याचिका में उठाए गए मुद्दों पर अपना उत्तर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। यह मामला उन सभी छात्रों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है, जो परीक्षा में प्रशासनिक देरी के कारण इसी तरह की समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
अगली सुनवाई की तिथि 04 दिसंबर निर्धारित की गई है, और याचिकाकर्ता सकारात्मक परिणाम की उम्मीद कर रहे हैं।

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