जिला शिक्षा अधिकारी की तानाशाह कार्य प्रणाली से परेशान गुरु जी, क्रमोन्नति सूची को लेकर उठ रहे सवाल

जिला शिक्षा अधिकारी की तानाशाह कार्य प्रणाली से परेशान गुरु जी, क्रमोन्नति सूची को लेकर उठ रहे सवाल

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कटनी। शिक्षा विभाग का आलम दिनों दिन विगडता जा रहा है। शिक्षा विभाग की कार्यशाली कुछ ऐसी है कि विगत दो साल से क्रमोन्नित के मामले को अधिकारी दबा के बैठे रहे और वरिष्ठ कार्यलयों से मार्गदर्शन के नाम पर जिले के प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षकों के साथ कुठाराघात करते रहे।

जानकारी के अनुसार वर्ष 2023 में वरिष्ठता दिये जाने के आदेश लोक शिक्षण संचनालय व्दारा किये गये थे।

दर्जनों वार बनी सूची

वरिष्ठता के लिए कटनी जिले के प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षकों की सूची को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में कई बार बना कर तैयार कराया गया। लेकिन इस डेढ़ साल के अंतराल में एक भी बार सूची सही नहीं बन पाई। लगातार प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षकों के व्दारा गलती के सुधार के लिए फार्मिट भर कर दिए गए, लेकिन वो भी निर्थक सिध्द हुआ।

पत्राचार का बहाना

गुरूजी से संविदा बनने के उपरांत प्राथमिक शिक्षक बनाये गये प्राथमिक शिक्षक 1997 से ही छलावे का शिकार होते रहे हैं। प्रथम नियुक्ति दिनांक में पहले क्रमशः1997, 1998 इसके उपरांत प्रथम पात्रता परीक्षा व्यापमं पास करने के उपरांत वर्ष  2008 को संविदा बनाया गया, लेकिन जिलाधिकारी ने इसमें परिवर्तन कर 2010 कर दिया। इसी तरह द्वितीय पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों को वर्ष 2011 में संविदा बनाया गया लेकिन, वरिष्ठता की गणना के लिए जिलाधिकारी ने इसे 2012 कर दिया।

तीन प्रथम नियुक्ति दिनांक

किसी भी कर्मचारी की नियुक्ति दिनांक से लेकर सभी अवाश्यक जानकारी का उल्लेख उसकी सेवा पुस्तिका में किया जाता है। जो उसके सेवा अवधि का व्यौरा तथा एक अवाश्यक दस्तावेज के रूप में डीडीईओ कार्यालय में उपलब्ध रहती हैं। इसका अवलोकन करने से कुछ  गुरूजीयो की प्रथम नियुक्ति दिनांक 1997, और कुछ गुरूजीयो की प्रथम नियुक्ति दिनांक 1998 दर्ज है। लेकिन अबतो इनकी प्रथम नियुक्ति दिनांक जिलाधिकारी के हाथ की कठपुतली बन गई है। और परिणामस्वरूप एक वार फिर प्रथम नियुक्ति दिनांक बदल दी गई।

जिला शिक्षा अधिकारी की तानाशाह कार्य प्रणाली से परेशान गुरु जी, क्रमोन्नति सूची को लेकर उठ रहे सवाल

कटनी। शिक्षा विभाग का आलम दिनों दिन विगडता जा रहा है। शिक्षा विभाग की कार्यशाली कुछ ऐसी है कि विगत दो साल से क्रमोन्नित के मामले को अधिकारी दबा के बैठे रहे और वरिष्ठ कार्यलयों से मार्गदर्शन के नाम पर जिले के प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षकों के साथ कुठाराघात करते रहे।
जानकारी के अनुसार वर्ष 2023 में वरिष्ठता दिये जाने के आदेश लोक शिक्षण संचनालय व्दारा किये गये थे।
दर्जनों वार बनी सूची
वरिष्ठता के लिए कटनी जिले के प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षकों की सूची को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में कई बार बना कर तैयार कराया गया। लेकिन इस डेढ़ साल के अंतराल में एक भी बार सूची सही नहीं बन पाई। लगातार प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षकों के व्दारा गलती के सुधार के लिए फार्मिट भर कर दिए गए, लेकिन वो भी निर्थक सिध्द हुआ।
पत्राचार का बहाना
गुरूजी से संविदा बनने के उपरांत प्राथमिक शिक्षक बनाये गये प्राथमिक शिक्षक 1997 से ही छलावे का शिकार होते रहे हैं। प्रथम नियुक्ति दिनांक में पहले क्रमशः1997, 1998 इसके उपरांत प्रथम पात्रता परीक्षा व्यापमं पास करने के उपरांत वर्ष 2008 को संविदा बनाया गया, लेकिन जिलाधिकारी ने इसमें परिवर्तन कर 2010 कर दिया। इसी तरह द्वितीय पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों को वर्ष 2011 में संविदा बनाया गया लेकिन, वरिष्ठता की गणना के लिए जिलाधिकारी ने इसे 2012 कर दिया।
तीन प्रथम नियुक्ति दिनांक
किसी भी कर्मचारी की नियुक्ति दिनांक से लेकर सभी अवाश्यक जानकारी का उल्लेख उसकी सेवा पुस्तिका में किया जाता है। जो उसके सेवा अवधि का व्यौरा तथा एक अवाश्यक दस्तावेज के रूप में डीडीईओ कार्यालय में उपलब्ध रहती हैं। इसका अवलोकन करने से कुछ गुरूजीयो की प्रथम नियुक्ति दिनांक 1997, और कुछ गुरूजीयो की प्रथम नियुक्ति दिनांक 1998 दर्ज है। लेकिन अबतो इनकी प्रथम नियुक्ति दिनांक जिलाधिकारी के हाथ की कठपुतली बन गई है। और परिणामस्वरूप एक वार फिर प्रथम नियुक्ति दिनांक बदल दी गई।

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Author: RashtraRakshak

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