भ्रामक जानकारी देकर सदन को किया गुमराह, डीईओ, डीपीसी पर गिरेगी गाज, जिला पंचायत की सामान्य सभा ने किया निंदा प्रस्ताव पारित, प्रतिनियुक्ति और अतिशेष की जानकारी देने में अफसरों ने की मनमानी

कटनी। जिले में शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर सवालिया निशान लग गया है। जिला पंचायत की सामान्य सभा की बैठक में सदन द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी पृथ्वी पाल सिंह और जिला शिक्षा केंद्र के जिला परियोजना समन्वयक के के डेहरिया के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया है। डीईओ श्री सिंह द्वारा अधूरी और असत्य जानकारी प्रस्तुत करते हुए सदन को गुमराम करने की कोशिशि की गई। जिसको लेकर जिला पंचायत सदस्यों ने ऐतराज जताया। जाननकारी के मुताबिक सामान्य सभा की बैठक के लिए सदस्यों द्वारा जो जानकारी मांगी गई थी, विभाग के अधिकारियों द्वारा वो जानकारी नहीं दी गई, बल्कि जवाब में कई बिंदुओं की जानकारी असत्य पाई गई। इसको लेकर सदन ने एकमतेन होकर डीईओ के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित कर दिया। सामान्य सभा की बैठक में हुए इस घटनाक्रम के बाद अब डीईओ एवं डीपीसी पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। अब देखना यह है कि जिला प्रशासन और राज्य सरकार द्वारा इस मामले में अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है। इसके अलावा बैठक में अनुपस्थित लोक निर्माण विभाग की कार्यपालन अभियंता शारदा सिंह के खिलाफ भी निंदा प्रस्ताव पारित करते हुए कार्यवाही प्रस्तावित की गई है। जिला पंचायत सभाकक्ष में सामान्य सभा की बैठक अध्यक्ष श्रीमती सुनीता बाई मेहरा, उपाध्यक्ष अशोक विश्वकर्मा एवं सीईओ शिशिर गेमावत की मौजूदगी में शुरू हुई। बैठक के प्रारंभ में सदस्यों ने पिछली सामान्य सभा की बैठक के पालन प्रतिवेदन के संबंध में विभागीय अधिकारियों से जानकारी मांगी गई। अधिकारियों द्वारा जो जानकारी दी गई, उससे सदस्य संतुष्ट नहीं रहे। देर शाम तक चली बैठक में जिला पंचायत के आय व्यय, मनरेगा के लेबर बजट निर्धारित एजेंडा के अनुसार उपार्जन, कृषि, मत्स्य पालन, विद्युत एवं शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित योजनाओं एवं गतिविधियों की विस्तार से समीक्षा हुई।
असत्य जानकारी देने पर डीईओ को लगाई फटकार
पिछली बैठक में जिला पंचायत उपाध्यक्ष अशोक विश्वकर्मा ने प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ कर्मचारियों की जानकारी मांगी थी। डीईओ पी पी सिंह ने जबाव दिया कि शिक्षा विभाग में एक भी कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर नहीं है। श्री विश्वकर्मा ने इस पर आपत्ति उठाते हुए कहा कि यह जानकारी असत्य है। शिक्षा विभाग में एपीसी अभय जैन वर्ष 2011 से प्रतिनियुक्ति पर है। इस तरह की भ्रामक और असत्य जानकारी देकर सदन को गुमराह किया जा रहा है। इसी तरह जिला शिक्षा विभाग में सहायक संचालक की नियुक्ति को लेकर मांगी गई जानकारी में भी डीईओ पी पी सिंह ने सदन में असत्य जानकारी पेश की। डीईओ ने कहा कि शिक्षा विभाग में एक भी सहायक संचालक अतिशेष नहीं है, जबकि जिले में सहायक संचालकों के दो पद स्वीकृत है और तीन सहायक संचालक कार्यरत हैं, इस तरह सहायक संचालक राजेश अग्रहरि अतिशेष हैं। बैठक के दौरान डीईओ श्री सिंह अपने दोनों चहेते अधिकारियों अभय जैन और राजेश अग्रहरि को बचाते दिखे, जिस पर सदन ने नाराजगी जताते हुए उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित कर दिया।
इनकी रही उपस्थिति
बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष सुनीता मेहरा, उपाध्यक्ष अशोक कुमार विश्वकर्मा, सदस्य अजय कुमार गोटिया, प्रदीप त्रिपाठी, प्रेमलाल केवट, कविता पंकज राय, प्रिया सिंह, संगीता देवी, रीना राकेश लोधी, माला मौसी और जनपद पंचायत बड़वारा की अध्यक्ष सुधा जायसवाल, विधायक प्रतिनिधि, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, सहकारिता, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, मत्स्य, विद्युत, जिला व्यापार उद्योग केंद्र, महिला एवं बाल विकास विभाग, अनुसूचित जाति जनजातीय कार्य विभाग एवं अन्य विभाग के अधिकारियों और प्रतिनिधियों की उपस्थिति रही।
अधिकारियों पर की जाएगी वैधानिक कार्रवाई : सीईओ
जिला पंचायत सीईओ ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सदन में जनप्रतिनिधियों द्वारा की गई चर्चा एवं विषय वस्तु पर तत्परतापूर्वक विधि सम्मत कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन बेहतर ढंग से करें, टालमटोल या लंबित रखने वाले अधिकारियों पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
भ्रामक जानकारी देकर सदन को किया गुमराह, डीईओ, डीपीसी पर गिरेगी गाज, जिला पंचायत की सामान्य सभा ने किया निंदा प्रस्ताव पारित, प्रतिनियुक्ति और अतिशेष की जानकारी देने में अफसरों ने की मनमानी
कटनी। जिले में शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर सवालिया निशान लग गया है। जिला पंचायत की सामान्य सभा की बैठक में सदन द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी पृथ्वी पाल सिंह और जिला शिक्षा केंद्र के जिला परियोजना समन्वयक के के डेहरिया के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया है। डीईओ श्री सिंह द्वारा अधूरी और असत्य जानकारी प्रस्तुत करते हुए सदन को गुमराम करने की कोशिशि की गई। जिसको लेकर जिला पंचायत सदस्यों ने ऐतराज जताया। जाननकारी के मुताबिक सामान्य सभा की बैठक के लिए सदस्यों द्वारा जो जानकारी मांगी गई थी, विभाग के अधिकारियों द्वारा वो जानकारी नहीं दी गई, बल्कि जवाब में कई बिंदुओं की जानकारी असत्य पाई गई। इसको लेकर सदन ने एकमतेन होकर डीईओ के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित कर दिया। सामान्य सभा की बैठक में हुए इस घटनाक्रम के बाद अब डीईओ एवं डीपीसी पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। अब देखना यह है कि जिला प्रशासन और राज्य सरकार द्वारा इस मामले में अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है। इसके अलावा बैठक में अनुपस्थित लोक निर्माण विभाग की कार्यपालन अभियंता शारदा सिंह के खिलाफ भी निंदा प्रस्ताव पारित करते हुए कार्यवाही प्रस्तावित की गई है। जिला पंचायत सभाकक्ष में सामान्य सभा की बैठक अध्यक्ष श्रीमती सुनीता बाई मेहरा, उपाध्यक्ष अशोक विश्वकर्मा एवं सीईओ शिशिर गेमावत की मौजूदगी में शुरू हुई। बैठक के प्रारंभ में सदस्यों ने पिछली सामान्य सभा की बैठक के पालन प्रतिवेदन के संबंध में विभागीय अधिकारियों से जानकारी मांगी गई। अधिकारियों द्वारा जो जानकारी दी गई, उससे सदस्य संतुष्ट नहीं रहे। देर शाम तक चली बैठक में जिला पंचायत के आय व्यय, मनरेगा के लेबर बजट निर्धारित एजेंडा के अनुसार उपार्जन, कृषि, मत्स्य पालन, विद्युत एवं शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित योजनाओं एवं गतिविधियों की विस्तार से समीक्षा हुई ।
असत्य जानकारी देने पर डीईओ को लगाई फटकार
पिछली बैठक में जिला पंचायत उपाध्यक्ष अशोक विश्वकर्मा ने प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ कर्मचारियों की जानकारी मांगी थी। डीईओ पी पी सिंह ने जबाव दिया कि शिक्षा विभाग में एक भी कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर नहीं है। श्री विश्वकर्मा ने इस पर आपत्ति उठाते हुए कहा कि यह जानकारी असत्य है। शिक्षा विभाग में एपीसी अभय जैन वर्ष 2011 से प्रतिनियुक्ति पर है। इस तरह की भ्रामक और असत्य जानकारी देकर सदन को गुमराह किया जा रहा है। इसी तरह जिला शिक्षा विभाग में सहायक संचालक की नियुक्ति को लेकर मांगी गई जानकारी में भी डीईओ पी पी सिंह ने सदन में असत्य जानकारी पेश की। डीईओ ने कहा कि शिक्षा विभाग में एक भी सहायक संचालक अतिशेष नहीं है, जबकि जिले में सहायक संचालकों के दो पद स्वीकृत है और तीन सहायक संचालक कार्यरत हैं, इस तरह सहायक संचालक राजेश अग्रहरि अतिशेष हैं। बैठक के दौरान डीईओ श्री सिंह अपने दोनों चहेते अधिकारियों अभय जैन और राजेश अग्रहरि को बचाते दिखे, जिस पर सदन ने नाराजगी जताते हुए उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित कर दिया।
इनकी रही उपस्थिति
बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष सुनीता मेहरा, उपाध्यक्ष अशोक कुमार विश्वकर्मा, सदस्य अजय कुमार गोटिया, प्रदीप त्रिपाठी, प्रेमलाल केवट, कविता पंकज राय, प्रिया सिंह, संगीता देवी, रीना राकेश लोधी, माला मौसी और जनपद पंचायत बड़वारा की अध्यक्ष सुधा जायसवाल, विधायक प्रतिनिधि, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, सहकारिता, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, मत्स्य, विद्युत, जिला व्यापार उद्योग केंद्र, महिला एवं बाल विकास विभाग, अनुसूचित जाति जनजातीय कार्य विभाग एवं अन्य विभाग के अधिकारियों और प्रतिनिधियों की उपस्थिति रही।
अधिकारियों पर की जाएगी वैधानिक कार्रवाई : सीईओ
जिला पंचायत सीईओ ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सदन में जनप्रतिनिधियों द्वारा की गई चर्चा एवं विषय वस्तु पर तत्परतापूर्वक विधि सम्मत कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन बेहतर ढंग से करें, टालमटोल या लंबित रखने वाले अधिकारियों पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।