????गुनाहगार कौन????
पुलिस की लापरवाही से गई नाबालिक गर्भवती की जान?, न्याय के लिए थानों के लगाती रही चक्कर, नहीं मिला न्याय तो कर लिया जीवन का अंत, पुलिस ने ही समझौता कराकर भिजवाया था प्रेमी के घर, मृतका के पिता ने लगाए गंभीर आरोप

कटनी। बीते दिनों माधव नगर थाना क्षेत्र के माधव नगर स्टेशन पर एक गर्भवती नाबालिक बालिका की ट्रेन से कट जाने के कारण मौत हो गई थी। महज 14 वर्षीय नाबालिक बालिका की मौत के बाद माधव नगर पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्यवाही का ढिंढोरा पीटते हुए 24 घंटे के अंदर ही दुष्कर्म, आत्महत्या के लिए प्रेरित करने एवं प्रताड़ित करने के आरोप सहित पास्को एक्ट की धाराओं के तहत नाबालिका के प्रेमी सहित उसके परिवार वालों को पकड़ कर मामला दर्ज किया और जेल भेज दिया। नाबालिक गर्भवती बालिका की मौत के मामले में भले ही पुलिस ने उसके प्रेमी और परिवार वालों के खिलाफ कार्यवाही करके अपनी जिम्मेदारियां पूर्ण करने का ढिंढोरा पीट दिया हो लेकिन उसकी मौत ने कई और भी सवाल अपने पीछे छोड़ दिए हैं। 14 वर्षीय नाबालिक की मौत के बाद परिवार जनों ने पुलिस पर कार्यवाही न करने के आरोप लगाते हुए माधव नगर चौराहे में चक्का जाम भी किया था।
यह था घटना क्रम
आपको बता दें कि अमीरगंज निवासी एक 14 वर्षीय बालिका ने विगत 8, 9 नवंबर की दरमियानी रात माधव नगर रेलवे स्टेशन के समीप ट्रेन से कटकर जान दे दी थी। परिजनों द्वारा बालिका लगभग आठ माह की गर्भवती बताई जा रही थी। बालिका की मौत के बाद बालिका के पिता ने मीडिया के सामने बयान देते हुए कहा था कि लगभग तीन माह पूर्व जब उन लोगों को उसके गर्भवती होने की जानकारी लगी तब उन्होंने उसे पूछताछ की। बालिका के पिता ने कहा था की उनकी बेटी ने बताया कि मोहित चौधरी से उसका प्रेम प्रसंग है और शादी करेगा। इसी दौरान उनकी नाबालिग लड़की घर से लापता हो गई। खोजबीन के दौरान उनकी लड़की माधवनगर गेट के पास मिली। जिसके बाद नाबालिग बालिका को लेकर वे लोग माधवनगर थाने पहुंचे। नाबालिग के पिता का कहना है लड़की और युवक दोनों के एक साथ रहना चाहते थे, इसी वजह से पुलिस के कहने पर लड़की को लड़के के साथ भेज दिया गया। जिसके बाद लड़की मोहित चौधरी के घर में रहने लगी। इस बीच उनकी लड़की को मोहित प्रताड़ित करने लगा और मारपीट भी करता था, जिसकी शिकायत करने उनकी लड़की माधवनगर थाने भी गई थी। जहां से उसे महिला थाने भेज दिया गया। नाबालिग के पिता ने बताया कि महिला थाने से शाम सात बजे फोन आया था, जिसमें कहा गया था कि अपनी लड़की को ले जाइए। इसके आधा घंटे के बाद उनकी लड़की ने फोन किया पापा रात में मत आना, मैं छहरी जा रही हूं, सुबह आना।
पुलिस की लापरवाही उजागर
यदि मृत बालिका के पिता के आरोप सही हैं तो फिर बालिका की मौत के लिए माधव नगर पुलिस की लापरवाही भी जिम्मेदार कहीं जा सकती है। एक नाबालिक को बिना किसी वैधानिक कार्यवाही किए ही आखिर क्यों उसके प्रेमी के साथ भेजा गया यह सवाल अपने आप में बेहद गंभीर है। तीन माह पहले जिस बालिका को उसके प्रेमी के घर समझौता करा कर पुलिस ने भेजा जब वह अपनी मौत के एक दिन पहले थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंची तो आखिर उसकी शिकायत को गंभीरता से क्यों नहीं लिया गया और कार्यवाही क्यों नहीं की गई, यह सवाल भी अब खड़ा हो रहा है। परिवार वालों का तो यह भी कहना है कि अगर समय रहते पुलिस कार्यवाही करती तो आज उनकी बेटी जिंदा होती। बालिका जब गर्भवती थी तो फिर 3 महीने पहले नाबालिका के साथ हुए कृत्य के लिए पुलिस ने प्रकरण क्यों दर्ज नहीं किया। अगर समय रहते पुलिस मामले की गंभीरता को समझती और कार्यवाही करती तो शायद 14 वर्षीय बालिका आज इस तरह दुनिया छोड़कर नहीं जाती।
इनका कहना
इस मामले को लेकर बातचीत करते हुए माधव नगर थाना प्रभारी अनूप सिंह ठाकुर ने कहा कि पुलिस ने किसी भी तरह का समझौता करा कर नाबालिक बालिका को उसके प्रेमी के घर नहीं भिजवाया था। नाबालिक बालिका मृत्यु के 1 दिन पहले थाने आई थी लेकिन महिला अधिकारी मौजूद न हो पाने के कारण उसकी शिकायत नहीं दर्ज हुई। उसे महिला थाने भेजा गया था। दो-तीन महीने पहले थाने में मृतिका एवं उसके प्रेमी का राजीनामा कराए जाने के आरोप गलत हैं। इस मामले में पुलिस ने किसी भी तरह की मध्यस्थता नहीं की है। घटना के बाद जो भी वैधानिक कार्यवाही संभव थी वह की जा चुकी है।
????गुनाहगार कौन????
पुलिस की लापरवाही से गई नाबालिक गर्भवती की जान?, न्याय के लिए थानों के लगाती रही चक्कर, नहीं मिला न्याय तो कर लिया जीवन का अंत, पुलिस ने ही समझौता कराकर भिजवाया था प्रेमी के घर, मृतका के पिता ने लगाए गंभीर आरोप
कटनी। बीते दिनों माधव नगर थाना क्षेत्र के माधव नगर स्टेशन पर एक गर्भवती नाबालिक बालिका की ट्रेन से कट जाने के कारण मौत हो गई थी। महज 14 वर्षीय नाबालिक बालिका की मौत के बाद माधव नगर पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्यवाही का ढिंढोरा पीटते हुए 24 घंटे के अंदर ही दुष्कर्म, आत्महत्या के लिए प्रेरित करने एवं प्रताड़ित करने के आरोप सहित पास्को एक्ट की धाराओं के तहत नाबालिका के प्रेमी सहित उसके परिवार वालों को पकड़ कर मामला दर्ज किया और जेल भेज दिया। नाबालिक गर्भवती बालिका की मौत के मामले में भले ही पुलिस ने उसके प्रेमी और परिवार वालों के खिलाफ कार्यवाही करके अपनी जिम्मेदारियां पूर्ण करने का ढिंढोरा पीट दिया हो लेकिन उसकी मौत ने कई और भी सवाल अपने पीछे छोड़ दिए हैं। 14 वर्षीय नाबालिक की मौत के बाद परिवार जनों ने पुलिस पर कार्यवाही न करने के आरोप लगाते हुए माधव नगर चौराहे में चक्का जाम भी किया था।
यह था घटना क्रम
आपको बता दें कि अमीरगंज निवासी एक 14 वर्षीय बालिका ने विगत 8, 9 नवंबर की दरमियानी रात माधव नगर रेलवे स्टेशन के समीप ट्रेन से कटकर जान दे दी थी। परिजनों द्वारा बालिका लगभग आठ माह की गर्भवती बताई जा रही थी। बालिका की मौत के बाद बालिका के पिता ने मीडिया के सामने बयान देते हुए कहा था कि लगभग तीन माह पूर्व जब उन लोगों को उसके गर्भवती होने की जानकारी लगी तब उन्होंने उसे पूछताछ की। बालिका के पिता ने कहा था की उनकी बेटी ने बताया कि मोहित चौधरी से उसका प्रेम प्रसंग है और शादी करेगा। इसी दौरान उनकी नाबालिग लड़की घर से लापता हो गई। खोजबीन के दौरान उनकी लड़की माधवनगर गेट के पास मिली। जिसके बाद नाबालिग बालिका को लेकर वे लोग माधवनगर थाने पहुंचे। नाबालिग के पिता का कहना है लड़की और युवक दोनों के एक साथ रहना चाहते थे, इसी वजह से पुलिस के कहने पर लड़की को लड़के के साथ भेज दिया गया। जिसके बाद लड़की मोहित चौधरी के घर में रहने लगी। इस बीच उनकी लड़की को मोहित प्रताड़ित करने लगा और मारपीट भी करता था, जिसकी शिकायत करने उनकी लड़की माधवनगर थाने भी गई थी। जहां से उसे महिला थाने भेज दिया गया। नाबालिग के पिता ने बताया कि महिला थाने से शाम सात बजे फोन आया था, जिसमें कहा गया था कि अपनी लड़की को ले जाइए। इसके आधा घंटे के बाद उनकी लड़की ने फोन किया पापा रात में मत आना, मैं छहरी जा रही हूं, सुबह आना।
पुलिस की लापरवाही उजागर
यदि मृत बालिका के पिता के आरोप सही हैं तो फिर बालिका की मौत के लिए माधव नगर पुलिस की लापरवाही भी जिम्मेदार कहीं जा सकती है। एक नाबालिक को बिना किसी वैधानिक कार्यवाही किए ही आखिर क्यों उसके प्रेमी के साथ भेजा गया यह सवाल अपने आप में बेहद गंभीर है। तीन माह पहले जिस बालिका को उसके प्रेमी के घर समझौता करा कर पुलिस ने भेजा जब वह अपनी मौत के एक दिन पहले थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंची तो आखिर उसकी शिकायत को गंभीरता से क्यों नहीं लिया गया और कार्यवाही क्यों नहीं की गई, यह सवाल भी अब खड़ा हो रहा है। परिवार वालों का तो यह भी कहना है कि अगर समय रहते पुलिस कार्यवाही करती तो आज उनकी बेटी जिंदा होती। बालिका जब गर्भवती थी तो फिर 3 महीने पहले नाबालिका के साथ हुए कृत्य के लिए पुलिस ने प्रकरण क्यों दर्ज नहीं किया। अगर समय रहते पुलिस मामले की गंभीरता को समझती और कार्यवाही करती तो शायद 14 वर्षीय बालिका आज इस तरह दुनिया छोड़कर नहीं जाती।
इनका कहना
इस मामले को लेकर बातचीत करते हुए माधव नगर थाना प्रभारी अनूप सिंह ठाकुर ने कहा कि पुलिस ने किसी भी तरह का समझौता करा कर नाबालिक बालिका को उसके प्रेमी के घर नहीं भिजवाया था। नाबालिक बालिका मृत्यु के 1 दिन पहले थाने आई थी लेकिन महिला अधिकारी मौजूद न हो पाने के कारण उसकी शिकायत नहीं दर्ज हुई। उसे महिला थाने भेजा गया था। दो-तीन महीने पहले थाने में मृतिका एवं उसके प्रेमी का राजीनामा कराए जाने के आरोप गलत हैं। इस मामले में पुलिस ने किसी भी तरह की मध्यस्थता नहीं की है। घटना के बाद जो भी वैधानिक कार्यवाही संभव थी वह की जा चुकी है।
