????गड़बड़ी???? पशु चर्बी मिलाकर बनाया जा रहा टोस्ट, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी ने की है जांच की मांग, ज्यादा मुनाफा कमाने की लालच में सेहत से खिलवाड़, सैंपलिंग हो तो सच आएगा सामने

????गड़बड़ी????

पशु चर्बी मिलाकर बनाया जा रहा टोस्ट, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी ने की है जांच की मांग, ज्यादा मुनाफा कमाने की लालच में सेहत से खिलवाड़, सैंपलिंग हो तो सच आएगा सामने

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कटनी। सुबह-सुबह चाय के साथ कुरकुरे टोस्ट का स्वाद लेना हर किसी को भाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जिस टोस्ट को आप बड़े शौक से नाश्ते में खा रहे हैं वह आपके स्वास्थ्य के लिए ठीक है भी या नहीं। बीते दिनों लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विंदेश्वरी पटेल ने टोस्ट निर्माता कंपनियों द्वारा पशु चर्बी का उपयोग किए जाने की बात उठाते हुए एक शिकायत सीएमएचओ कार्यालय में सौंप थी। उन्होंने बाजार में बिना किसी पैकिंग के बिक रहे टोस्ट की सैंपलिंग करा कर जांच कराए जाने की मांग की थी।

ज्यादा मुनाफा कमान उद्देश्य

लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विंदेश्वरी पटेल ने कहा कि जबलपुर एवं उज्जैन में स्थापित टोस्ट कंपनियां ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए मानव जीवन से खिलवाड़ करने पर आमादा है। उन्होंने आशंका जाहिर करते हुए कहा कि उनके द्वारा टोस्ट बनाने के लिए तेल की जगह पशु चर्बी का उपयोग किया जा रहा है। पशु चर्बी बाजार में 40 रुपए से लेकर 60 रुपए किलो तक मिल जाता है, जबकि इसके मुकाबले तेल काफी महंगा है। यही वजह है कि तेल की जगह पशु चर्बी का उपयोग कर टोस्ट बनाई जा रही है। साथ ही कंपनियां शक्कर की जगह सक्रीन का उपयोग करके भी लागत घटकर ज्यादा मुनाफा कमा रही हैं। आपको बता दें कि सक्रीन में मौजूद हानिकारक तत्वों के कारण इस पर प्रतिबंध है। लेकिन उसके बाद भी इसका उपयोग किया जाना मानव जीवन को खतरे में डालने जैसा है।

क्यों नहीं हो रही सेंपलिंग

लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष विंदेश्वरी पटेल ने कहा कि शिकायत किए जाने के बावजूद अभी तक जिला प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया। लगातार मानव जीवन के साथ खिलवाड़ कटनी जिले में हो रहा है। हानिकारक टोस्ट खुलेआम बिक रही है, लेकिन उस पर प्रतिबंध लगाने या फिर सैंपलिंग करने की आवश्यकता प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा महसूस नहीं की जा रही है। यदि इसी तरह हीलाहवाली प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा की जाती रही तो फिर हानिकारक खाद्य सामग्री के विक्रय पर रोक लगा पाना संभव हो जाएगा।

कटनी के कई व्यापारी शामिल

जबलपुर एवं उज्जैन से टोस्ट मंगा कर उसे कटनी के बाजार में परोसने का काम करने में कटनी जिले के कई व्यापारी शामिल हैं। बताया जाता है कि बस स्टैंड में कुछ एक व्यापारियों बड़े पैमाने पर बाहर की टोस्ट मंगा रहे हैं। इसके साथ ही मुक्ति धाम के पास किसी व्यक्ति के द्वारा टोस्ट मंगा कर बाजार में सप्लाई की जा रही है। बाहर से आ रही खुली टोस्ट में पशु चर्बी की आशंका को देखते हुए जांच अवश्य की जानी चाहिए।

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पशु चर्बी मिलाकर बनाया जा रहा टोस्ट, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी ने की है जांच की मांग, ज्यादा मुनाफा कमाने की लालच में सेहत से खिलवाड़, सैंपलिंग हो तो सच आएगा सामने

कटनी। सुबह-सुबह चाय के साथ कुरकुरे टोस्ट का स्वाद लेना हर किसी को भाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जिस टोस्ट को आप बड़े शौक से नाश्ते में खा रहे हैं वह आपके स्वास्थ्य के लिए ठीक है भी या नहीं। बीते दिनों लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विंदेश्वरी पटेल ने टोस्ट निर्माता कंपनियों द्वारा पशु चर्बी का उपयोग किए जाने की बात उठाते हुए एक शिकायत सीएमएचओ कार्यालय में सौंप थी। उन्होंने बाजार में बिना किसी पैकिंग के बिक रहे टोस्ट की सैंपलिंग करा कर जांच कराए जाने की मांग की थी।
ज्यादा मुनाफा कमान उद्देश्य
लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विंदेश्वरी पटेल ने कहा कि जबलपुर एवं उज्जैन में स्थापित टोस्ट कंपनियां ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए मानव जीवन से खिलवाड़ करने पर आमादा है। उन्होंने आशंका जाहिर करते हुए कहा कि उनके द्वारा टोस्ट बनाने के लिए तेल की जगह पशु चर्बी का उपयोग किया जा रहा है। पशु चर्बी बाजार में 40 रुपए से लेकर 60 रुपए किलो तक मिल जाता है, जबकि इसके मुकाबले तेल काफी महंगा है। यही वजह है कि तेल की जगह पशु चर्बी का उपयोग कर टोस्ट बनाई जा रही है। साथ ही कंपनियां शक्कर की जगह सक्रीन का उपयोग करके भी लागत घटकर ज्यादा मुनाफा कमा रही हैं। आपको बता दें कि सक्रीन में मौजूद हानिकारक तत्वों के कारण इस पर प्रतिबंध है। लेकिन उसके बाद भी इसका उपयोग किया जाना मानव जीवन को खतरे में डालने जैसा है।
क्यों नहीं हो रही सेंपलिंग
लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष विंदेश्वरी पटेल ने कहा कि शिकायत किए जाने के बावजूद अभी तक जिला प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया। लगातार मानव जीवन के साथ खिलवाड़ कटनी जिले में हो रहा है। हानिकारक टोस्ट खुलेआम बिक रही है, लेकिन उस पर प्रतिबंध लगाने या फिर सैंपलिंग करने की आवश्यकता प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा महसूस नहीं की जा रही है। यदि इसी तरह हीलाहवाली प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा की जाती रही तो फिर हानिकारक खाद्य सामग्री के विक्रय पर रोक लगा पाना संभव हो जाएगा।
कटनी के कई व्यापारी शामिल
जबलपुर एवं उज्जैन से टोस्ट मंगा कर उसे कटनी के बाजार में परोसने का काम करने में कटनी जिले के कई व्यापारी शामिल हैं। बताया जाता है कि बस स्टैंड में कुछ एक व्यापारियों बड़े पैमाने पर बाहर की टोस्ट मंगा रहे हैं। इसके साथ ही मुक्ति धाम के पास किसी व्यक्ति के द्वारा टोस्ट मंगा कर बाजार में सप्लाई की जा रही है। बाहर से आ रही खुली टोस्ट में पशु चर्बी की आशंका को देखते हुए जांच अवश्य की जानी चाहिए।

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