????गंभीर लापरवाही????
गुणवत्ता विहीन भोजन के कारण बिगड़ी 21 छात्राओं की तबीयत, रात का भोजन करने के कुछ देर बाद ही होने लगी उल्टियां, विगढ़ कस्तूरबा गांधी गर्ल्स छात्रावास की छात्राएं हुई बीमार, दोषियों को बचाने विभाग दे रहा जांच की दलील

कटनी। छात्रावास में रहने वाली छात्राओं के खानपान में किस तरह भ्रष्टाचार का खेल खेला जाता है और उसका खामियाजा छात्राओं को किस तरह उठाना पड़ता है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण गत रात्रि उस समय सामने आया जब विजयराघवगढ़ कस्तूरबा गांधी गर्ल्स छात्रावास में अध्यनरत छात्राएं रात्रि भोजन करने के कुछ देर बाद ही उल्टियां करने लगी। अचानक तबियत बिगड़ने के कारण छात्राओं को इलाज के लिए विजयराघवगढ़ शासकीय अस्पताल ले जाया गया जहां पर उनका इलाज चल रहा है।
इस तरह बिगड़ी तबियत
सूत्रों के मुताबिक विजयराघवगढ़ कस्तूरबा गांधी गर्ल्स छात्रावास में छात्राओं ने गत रात्री आलू टमाटर की सब्जी, रोटी, तुअर की दाल और चावल खाया। रात्रि भोजन करने के कुछ देर बाद ही अचानक से लगभग दो दर्जन छात्राओं की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें लगातार उल्टियां होने लगी। छात्राओं की बिगड़ती तबीयत देख उन्हें आनन फानन में शासकीय अस्पताल विजयराघवगढ़ ले जाया गया जहां पर सभी 21 छात्राओं को भर्ती कराया गया। आज 19 नवंबर की शाम तक काफी छात्राओं की सेहत में सुधार होने के कारण उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर छात्रावास वापस भेज दिया गया। बताया जाता है कि एक छात्रा की तबीयत अभी भी नाशाज बनी हुई है जिसका इलाज अस्पताल में चल रहा है।
कई बार हो चुकी शिकायतें
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक कस्तूरबा गांधी छात्रावास विजयराघवगढ़ में हो रहे भ्रष्टाचार और मनमानी की शिकायत कई बार विभागीय अधिकारियों से की जा चुकी है। यहां तक की यहां पर चल रही गतिविधियों की शिकायत स्थानीय विधायक से भी लोगों ने की थी। जिसके बाद विधायक ने छात्रावास वार्डन को फटकार लगाते हुए सुधार लाने के निर्देश दिए थे। छात्रावास में जिम्मेदारों की गतिविधियां आए दिन चर्चा में बनी रहती हैं। लगातार शिकायत होने के बावजूद विभाग के ही वरिष्ठ अधिकारी लापरवाहों को बचाने में जुटे रहते हैं। अचानक छात्राओं की तबीयत बिगड़ने के मामले में भी विभाग के जिम्मेदार अधिकारी गोलमोल जवाब देते नजर आ रहे हैं। लापरवाहों के खिलाफ कार्यवाही करने के बजाय उल्टा छात्राओं को ठंड लगने की बात कह रहे हैं। जबकि वर्तमान में ठंड इतनी है ही नहीं की छात्राएं ठंड के कारण बीमार हो जाएं।
इनका कहना है
इस मामले को लेकर डीपीसी केके डेहरिया ने कहा की छात्राओं की तबीयत में फिलहाल सुधार हो गया है केवल एक छात्रा की तबीयत में सुधार नहीं हुआ है। हो सकता है छात्राओं को ठंड लग गई हो। या फिर सब्जियों में उपयोग होने वाले केमिकल के कारण छात्राओं की तबीयत बिगड़ गई हो। आजकल सभी चीजों में केमिकल डाला जाने लगा है इसलिए कुछ कहा नहीं जा सकता। खाने की सैंपलिंग कराई जा रही है। जांच के बाद ही वजह सामने आ सकेगी।
????गंभीर लापरवाही????
गुणवत्ता विहीन भोजन के कारण बिगड़ी 21 छात्राओं की तबीयत, रात का भोजन करने के कुछ देर बाद ही होने लगी उल्टियां, विगढ़ कस्तूरबा गांधी गर्ल्स छात्रावास की छात्राएं हुई बीमार, दोषियों को बचाने विभाग दे रहा जांच की दलील
कटनी। छात्रावास में रहने वाली छात्राओं के खानपान में किस तरह भ्रष्टाचार का खेल खेला जाता है और उसका खामियाजा छात्राओं को किस तरह उठाना पड़ता है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण गत रात्रि उस समय सामने आया जब विजयराघवगढ़ कस्तूरबा गांधी गर्ल्स छात्रावास में अध्यनरत छात्राएं रात्रि भोजन करने के कुछ देर बाद ही उल्टियां करने लगी। अचानक तबियत बिगड़ने के कारण छात्राओं को इलाज के लिए विजयराघवगढ़ शासकीय अस्पताल ले जाया गया जहां पर उनका इलाज चल रहा है।
इस तरह बिगड़ी तबियत
सूत्रों के मुताबिक विजयराघवगढ़ कस्तूरबा गांधी गर्ल्स छात्रावास में छात्राओं ने गत रात्री आलू टमाटर की सब्जी, रोटी, तुअर की दाल और चावल खाया। रात्रि भोजन करने के कुछ देर बाद ही अचानक से लगभग दो दर्जन छात्राओं की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें लगातार उल्टियां होने लगी। छात्राओं की बिगड़ती तबीयत देख उन्हें आनन फानन में शासकीय अस्पताल विजयराघवगढ़ ले जाया गया जहां पर सभी 21 छात्राओं को भर्ती कराया गया। आज 19 नवंबर की शाम तक काफी छात्राओं की सेहत में सुधार होने के कारण उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर छात्रावास वापस भेज दिया गया। बताया जाता है कि एक छात्रा की तबीयत अभी भी नाशाज बनी हुई है जिसका इलाज अस्पताल में चल रहा है।
कई बार हो चुकी शिकायतें
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक कस्तूरबा गांधी छात्रावास विजयराघवगढ़ में हो रहे भ्रष्टाचार और मनमानी की शिकायत कई बार विभागीय अधिकारियों से की जा चुकी है। यहां तक की यहां पर चल रही गतिविधियों की शिकायत स्थानीय विधायक से भी लोगों ने की थी। जिसके बाद विधायक ने छात्रावास वार्डन को फटकार लगाते हुए सुधार लाने के निर्देश दिए थे। छात्रावास में जिम्मेदारों की गतिविधियां आए दिन चर्चा में बनी रहती हैं। लगातार शिकायत होने के बावजूद विभाग के ही वरिष्ठ अधिकारी लापरवाहों को बचाने में जुटे रहते हैं। अचानक छात्राओं की तबीयत बिगड़ने के मामले में भी विभाग के जिम्मेदार अधिकारी गोलमोल जवाब देते नजर आ रहे हैं। लापरवाहों के खिलाफ कार्यवाही करने के बजाय उल्टा छात्राओं को ठंड लगने की बात कह रहे हैं। जबकि वर्तमान में ठंड इतनी है ही नहीं की छात्राएं ठंड के कारण बीमार हो जाएं।
इनका कहना है
इस मामले को लेकर डीपीसी केके डेहरिया ने कहा की छात्राओं की तबीयत में फिलहाल सुधार हो गया है केवल एक छात्रा की तबीयत में सुधार नहीं हुआ है। हो सकता है छात्राओं को ठंड लग गई हो। या फिर सब्जियों में उपयोग होने वाले केमिकल के कारण छात्राओं की तबीयत बिगड़ गई हो। आजकल सभी चीजों में केमिकल डाला जाने लगा है इसलिए कुछ कहा नहीं जा सकता। खाने की सैंपलिंग कराई जा रही है। जांच के बाद ही वजह सामने आ सकेगी।