????हादसे को न्योता????
शहर के हृदय स्थल अलफट गंज में संचालित हो रहा कबाड़ का कारोबार, कबाड़ व्यवसाय बना लोगों के लिए मुसीबत, लगातार हुई शिकायतें फिर भी नहीं हुई कार्रवाई, कभी भी हो सकती है बड़े हादसे की पुनरावृति

कटनी। शहर के हृदय स्थल अलफट गंज में मौजूद कबाड़ व्यवसाय को क्षेत्र से हटवाने के लिए स्थानीय लोगों ने सक्षम अधिकारियों से कई बार लिखित शिकायत की। लगातार शिकायत होने के बावजूद रिहायशी इलाके में फल फूल रहे कबाड़ व्यवसाय को बंद कराने अब तक सुध नहीं ली जा सकी है। शहर के घनी आबादी वाले क्षेत्र अलफट गंज में फल फूल रहे कबाड़ व्यवसाय ने लोगों का जीना दूभर हो चुका है। यहां पर मौजूद कबाड़ियों ने सड़क को ही कबाड़ स्टोर करने का स्थान बना रखा है। सड़क के साथ-साथ आसपास मौजूद खाली प्लेटों पर भी इन कबाड़ियों ने अपना सामान बगैर किसी वैध अनुमति के स्टोर करके रखा हुआ है। स्थानीय लोगों ने कबाड़ व्यवसाय के कारण उत्पन्न हो रही असुविधा एवं मंडरा रहे खतरे को देखते हुए नगर निगम, पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों को लिखित शिकायत भी दी, मगर नतीजा शून्य ही रहा।

सड़क पर फैला कबाड़
लोगों ने जानकारी देते हुए बताया कि समीर एवं शकील कबाड़ी ने बीडी अग्रवाल वार्ड के अलफट गंज इमाम चौक से मस्जिद एवं संस्कृत पाठशाला की ओर जाने वाले आम रास्ते पर कबाड़ फैला के कब्जा कर रखा है। यह क्षेत्र घनी आबादी वाला है और यहां की गालियां भी सकरी हैं। कबाड़ियों ने यहां पर चारों तरफ कबाड़ स्टोर करके रखा है जिसके कारण यहां से निकलना भी मुश्किल हो रहा है।

पहले हो चुका है हादसा
अलफट गंज में कुछ साल पहले एक कबाड़ी के गोदाम में आग लगने के कारण एक बड़ी घटना सामने आई थी। हादसे के बाद जिला प्रशासन ने यहां पर कबाड़ व्यवसाय बंद कराने के लिए सख्त कदम उठाए थे। लेकिन समय के साथ यह कार्यवाही ठंडे बस्ते में चली गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि यहां पर अब आग लगी तो कई घर उसकी चपेट में आ जाएंगे।

चोरी का माल होने की संभावना
लोगों ने पूर्व में दिए गए लिखित शिकायत में यह आशंका भी जताई थी कि यहां मौजूद कबाड़ियों के द्वारा चोरी के सामान की खरीद बिक्री की जाती है। लिखित तौर पर ऐसी आशंका जाहिर करने के बावजूद भी किसी तरह की कार्यवाही ना होना अपने आप में चिंताजनक है। अब तो लोग यह भी आरोप लगाने लगे हैं कि जिन लोगों को इनके खिलाफ कार्यवाही करना चाहिए वही लोग उनके संरक्षक बने हुए हैं। यही वजह है कि इनके हौसले बुलंदियों पर हैं।
????हादसे को न्योता????
शहर के हृदय स्थल अलफट गंज में संचालित हो रहा कबाड़ का कारोबार, कबाड़ व्यवसाय बना लोगों के लिए मुसीबत, लगातार हुई शिकायतें फिर भी नहीं हुई कार्रवाई, कभी भी हो सकती है बड़े हादसे की पुनरावृति
कटनी। शहर के हृदय स्थल अलफट गंज में मौजूद कबाड़ व्यवसाय को क्षेत्र से हटवाने के लिए स्थानीय लोगों ने सक्षम अधिकारियों से कई बार लिखित शिकायत की। लगातार शिकायत होने के बावजूद रिहायशी इलाके में फल फूल रहे कबाड़ व्यवसाय को बंद कराने अब तक सुध नहीं ली जा सकी है। शहर के घनी आबादी वाले क्षेत्र अलफट गंज में फल फूल रहे कबाड़ व्यवसाय ने लोगों का जीना दूभर हो चुका है। यहां पर मौजूद कबाड़ियों ने सड़क को ही कबाड़ स्टोर करने का स्थान बना रखा है। सड़क के साथ-साथ आसपास मौजूद खाली प्लेटों पर भी इन कबाड़ियों ने अपना सामान बगैर किसी वैध अनुमति के स्टोर करके रखा हुआ है। स्थानीय लोगों ने कबाड़ व्यवसाय के कारण उत्पन्न हो रही असुविधा एवं मंडरा रहे खतरे को देखते हुए नगर निगम, पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों को लिखित शिकायत भी दी, मगर नतीजा शून्य ही रहा।
सड़क पर फैला कबाड़
लोगों ने जानकारी देते हुए बताया कि समीर एवं शकील कबाड़ी ने बीडी अग्रवाल वार्ड के अलफट गंज इमाम चौक से मस्जिद एवं संस्कृत पाठशाला की ओर जाने वाले आम रास्ते पर कबाड़ फैला के कब्जा कर रखा है। यह क्षेत्र घनी आबादी वाला है और यहां की गालियां भी सकरी हैं। कबाड़ियों ने यहां पर चारों तरफ कबाड़ स्टोर करके रखा है जिसके कारण यहां से निकलना भी मुश्किल हो रहा है।
पहले हो चुका है हादसा
अलफट गंज में कुछ साल पहले एक कबाड़ी के गोदाम में आग लगने के कारण एक बड़ी घटना सामने आई थी। हादसे के बाद जिला प्रशासन ने यहां पर कबाड़ व्यवसाय बंद कराने के लिए सख्त कदम उठाए थे। लेकिन समय के साथ यह कार्यवाही ठंडे बस्ते में चली गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि यहां पर अब आग लगी तो कई घर उसकी चपेट में आ जाएंगे।
चोरी का माल होने की संभावना
लोगों ने पूर्व में दिए गए लिखित शिकायत में यह आशंका भी जताई थी कि यहां मौजूद कबाड़ियों के द्वारा चोरी के सामान की खरीद बिक्री की जाती है। लिखित तौर पर ऐसी आशंका जाहिर करने के बावजूद भी किसी तरह की कार्यवाही ना होना अपने आप में चिंताजनक है। अब तो लोग यह भी आरोप लगाने लगे हैं कि जिन लोगों को इनके खिलाफ कार्यवाही करना चाहिए वही लोग उनके संरक्षक बने हुए हैं। यही वजह है कि इनके हौसले बुलंदियों पर हैं।
