????हृदय विदारक????
आठ माह की बच्ची जिंदा जली, खेल खेल में भाई बहनों ने लगाई आग, खटिया पर लेती बच्ची जलकर हुई खाक, झिंझरी चौकी क्षेत्र में हुई घटना

कटनी। माधवनगर थाने की झिंझरी पुलिस चौकी क्षेत्र में एक हृदय विदारक घटना सामने आई है। यहां पर एक आठ महीने की मासूम बच्ची जिंदा जल गई है। बच्ची की मां ने उसकी मालिश करने के बाद खेत में बिछी खटिया में धूप सेंकने के लिए लेटाया था। जिसके बाद मां घरेलू काम-काम करने लगी। इसी बीच खेत में ही खेल रहे दो छोटे बच्चों ने माचिस की डिब्बी उठाई और माचिस की तीली जलाकर पास रखे भूसे में फैंक दी। भूसे में लगी आग तेजी से फैलते हुए खेत में रखी खटिया में जा लगी। बच्ची के रोने की आवाज सुनकर खेत में कार्य कर रहा उसका पिता वहां पर पहुंचता, उससे पहले खटिया सहित बच्ची जलकर खाक हो गई थी। जिस स्थान पर खटिया सहित बच्ची जली थी। वहां पर सिर्फ राख बची थी। बच्ची का नाम सोनिया पिता राजू कुशवाहा (8 माह) था।
बच्ची के पिता राजू कुशवाहा ने बताया कि वो कटनी जिले के बांधा-इमलाज गांव का रहने वाला है। अपने परिवार के भरण पोषण के लिए शहर आया और झिंझरी स्थित मुन्ना गुमास्ता के तीन एकड़ के खेत को अधिया में लेकर कृषि कार्य करता है। राजू और उसकी पत्नी रजनी कुशवाहा के तीन छोटे बच्चे हैं जिसमें सबसे छोटी बेटी सोनिया आठ महीने की थी। प्रतिदिन की तरह मां रजनी ने बच्ची सोनिया की मालिश की थी और ठंड में धूप की सेंकाई के लिए उसे खेत में बिछी खटिया में लेटा दिया था। इसके बाद मां रजनी घर के काम काज करने लगी और बच्ची का पिता राजू खेत में कृषि कार्य करने लगा।
सोनिया के पलंग के पास उसके दो छोटे भाई बहन खेल रहे थे। दोनों ने खेल-खेल में चूल्हे के पास से रखी माचिस की डिब्बी लाकर पास में फैले पैरा में आग लगा दी। खेत में धान की कटाई के बाद पराली भी लगी हुई थी, जिसके कारण भूसे में लगी आग फैलते हुए खटिया तक पहुंच गई और खटिया सहित बच्ची भी जलकर खाक हो गई। रोने की आवाज सुनकर बच्ची के पिता वहां पर पहुंचे, बच्ची को बचाने का प्रयास किया, लेकिन बच्ची तब तक पूरी तरह जल चुकी थी। बच्ची को बचाने के प्रयास में उसका हाथ भी झुलस गया है। हादसे के बाद मां और पिता का रो-रो कर बुला हाल है।
मासूम सोनिया की मां रजनी कुशवाहा ने बताया कि मालिश करने के बाद बिट्टू को खटिया में लेटाई थी उसके बाद घर के काम पर चली में गई। जैसे ही बच्चों की आवाज सुनी मैं दौड़ते हुए बचाने के लिए आई, लेकिन बच्ची पूरी तरह खटिया सहित जल चुकी थी।
????हृदय विदारक????
आठ माह की बच्ची जिंदा जली, खेल खेल में भाई बहनों ने लगाई आग, खटिया पर लेती बच्ची जलकर हुई खाक, झिंझरी चौकी क्षेत्र में हुई घटना
कटनी। माधवनगर थाने की झिंझरी पुलिस चौकी क्षेत्र में एक हृदय विदारक घटना सामने आई है। यहां पर एक आठ महीने की मासूम बच्ची जिंदा जल गई है। बच्ची की मां ने उसकी मालिश करने के बाद खेत में बिछी खटिया में धूप सेंकने के लिए लेटाया था। जिसके बाद मां घरेलू काम-काम करने लगी। इसी बीच खेत में ही खेल रहे दो छोटे बच्चों ने माचिस की डिब्बी उठाई और माचिस की तीली जलाकर पास रखे भूसे में फैंक दी। भूसे में लगी आग तेजी से फैलते हुए खेत में रखी खटिया में जा लगी। बच्ची के रोने की आवाज सुनकर खेत में कार्य कर रहा उसका पिता वहां पर पहुंचता, उससे पहले खटिया सहित बच्ची जलकर खाक हो गई थी। जिस स्थान पर खटिया सहित बच्ची जली थी। वहां पर सिर्फ राख बची थी। बच्ची का नाम सोनिया पिता राजू कुशवाहा (8 माह) था।
बच्ची के पिता राजू कुशवाहा ने बताया कि वो कटनी जिले के बांधा-इमलाज गांव का रहने वाला है। अपने परिवार के भरण पोषण के लिए शहर आया और झिंझरी स्थित मुन्ना गुमास्ता के तीन एकड़ के खेत को अधिया में लेकर कृषि कार्य करता है। राजू और उसकी पत्नी रजनी कुशवाहा के तीन छोटे बच्चे हैं जिसमें सबसे छोटी बेटी सोनिया आठ महीने की थी। प्रतिदिन की तरह मां रजनी ने बच्ची सोनिया की मालिश की थी और ठंड में धूप की सेंकाई के लिए उसे खेत में बिछी खटिया में लेटा दिया था। इसके बाद मां रजनी घर के काम काज करने लगी और बच्ची का पिता राजू खेत में कृषि कार्य करने लगा।
सोनिया के पलंग के पास उसके दो छोटे भाई बहन खेल रहे थे। दोनों ने खेल-खेल में चूल्हे के पास से रखी माचिस की डिब्बी लाकर पास में फैले पैरा में आग लगा दी। खेत में धान की कटाई के बाद पराली भी लगी हुई थी, जिसके कारण भूसे में लगी आग फैलते हुए खटिया तक पहुंच गई और खटिया सहित बच्ची भी जलकर खाक हो गई। रोने की आवाज सुनकर बच्ची के पिता वहां पर पहुंचे, बच्ची को बचाने का प्रयास किया, लेकिन बच्ची तब तक पूरी तरह जल चुकी थी। बच्ची को बचाने के प्रयास में उसका हाथ भी झुलस गया है। हादसे के बाद मां और पिता का रो-रो कर बुला हाल है।
मासूम सोनिया की मां रजनी कुशवाहा ने बताया कि मालिश करने के बाद बिट्टू को खटिया में लेटाई थी उसके बाद घर के काम पर चली में गई। जैसे ही बच्चों की आवाज सुनी मैं दौड़ते हुए बचाने के लिए आई, लेकिन बच्ची पूरी तरह खटिया सहित जल चुकी थी।
