????सुपारी किलिंग????
न्यायालय से नहीं मिली क्लीन चिट, पुलिस कर रही बचाने का प्रयास?, बैग शॉपिंग संचालक की सुपारी कलिंग कराने के प्रयास मामले में आया नया मोड़, न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद डेढ़ साल बाद दो पर मामला दर्ज, एक को अभी भी अभय दान?
कटनी। बैग शॉपी संचालक पर लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व कराए गए जानलेवा हमले को लेकर पुलिस कार्यवाही संदेह के घेरे में नजर आती है। डेढ़ वर्ष पूर्व हुए इस मामले में हमलावरों के पकड़े जाने के बाद पुलिस जांच में यह बात सामने आई थी कि हत्या की साजिश रचते हुए दो निषाद भाइयों ने अपने ड्राइवर के माध्यम से पूरा खेल रचा। हमलावरों के बयान दर्ज करते हुए पुलिस ने उस समय निषाद भाइयों को राजनैतिक दबाव के कारण अभय दान प्रदान करते हुए केवल हमला करने वाले लोगों पर ही अपराधिक प्रकरण दर्ज कर उन्हें न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर दिया। न्यायालय ने जब मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस से स्टेटस रिपोर्ट मांगी तब माधव नगर पुलिस ने हड़बड़ाहट में दो और लोगों को आरोपी बनाते हुए अजय निषाद को अभय दान प्रदान कर दिया।

न्यायालय से नहीं क्लीन चिट
बैग शॉपि संचालक संजय पोहानी पर डेढ़ वर्ष पूर्व हुए जानलेवा हमले के मामले की न्यायालय में पैरवी कर रहे जिले के वरिष्ठ अधिवक्ता सत्येंद्र चनपुरिया ने कहा कि पुलिस ने प्रारंभिक चलन में अजय निषाद आनंद निषाद को तो आरोपी बनाया ही नहीं था। जबकि पुलिस मेमोरेंडम में इस बात का उल्लेख है कि अजय निषाद और आनंद निषाद के द्वारा ही व्यापारिक प्रतिस्पर्धा के कारण हत्या की साजिश रच कर हत्या करने के लिए हमलावरों को पैसे प्रदान किए गए। न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने पूरक चालान पेश करते हुए आनंद निषाद एवं लकी उर्फ शुभम सोनी के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। पूर्व की तरह एक बार फिर पुलिस ने अजय निषाद को बचाने का प्रयास किया है। मामला न्यायालय में विचाराधीन है न्यायालय के समक्ष इस बात को भी प्रमुखता से उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिस को यदि उन्हें आरोपी बनाना ही होता तो प्रथम चलन में ही आरोपी बनाकर चालान प्रस्तुत करती। पुलिस तो पहले भी उन्हें बचाने का प्रयास कर चुकी है और दोबारा भी कर रही है। मामले की सच्चाई पुलिस के मेमोरेंडम में दर्ज है। मेमोरेंडम की कॉपियां राष्ट्र रक्षक न्यूज़ चैनल को उपलब्ध कराते हुए उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर जिस तरह पुलिस कार्यवाही कर रही है वह संदेह जनक है।
????सुपारी किलिंग????
न्यायालय से नहीं मिली क्लीन चिट, पुलिस कर रही बचाने का प्रयास?, बैग शॉपिंग संचालक की सुपारी कलिंग कराने के प्रयास मामले में आया नया मोड़, न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद डेढ़ साल बाद दो पर मामला दर्ज, एक को अभी भी अभय दान?
कटनी। बैग शॉपी संचालक पर लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व कराए गए जानलेवा हमले को लेकर पुलिस कार्यवाही संदेह के घेरे में नजर आती है। डेढ़ वर्ष पूर्व हुए इस मामले में हमलावरों के पकड़े जाने के बाद पुलिस जांच में यह बात सामने आई थी कि हत्या की साजिश रचते हुए दो निषाद भाइयों ने अपने ड्राइवर के माध्यम से पूरा खेल रचा। हमलावरों के बयान दर्ज करते हुए पुलिस ने उस समय निषाद भाइयों को राजनैतिक दबाव के कारण अभय दान प्रदान करते हुए केवल हमला करने वाले लोगों पर ही अपराधिक प्रकरण दर्ज कर उन्हें न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर दिया। न्यायालय ने जब मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस से स्टेटस रिपोर्ट मांगी तब माधव नगर पुलिस ने हड़बड़ाहट में दो और लोगों को आरोपी बनाते हुए अजय निषाद को अभय दान प्रदान कर दिया।
न्यायालय से नहीं क्लीन चिट
बैग शॉपि संचालक संजय पोहानी पर डेढ़ वर्ष पूर्व हुए जानलेवा हमले के मामले की न्यायालय में पैरवी कर रहे जिले के वरिष्ठ अधिवक्ता सत्येंद्र चनपुरिया ने कहा कि पुलिस ने प्रारंभिक चलन में अजय निषाद आनंद निषाद को तो आरोपी बनाया ही नहीं था। जबकि पुलिस मेमोरेंडम में इस बात का उल्लेख है कि अजय निषाद और आनंद निषाद के द्वारा ही व्यापारिक प्रतिस्पर्धा के कारण हत्या की साजिश रच कर हत्या करने के लिए हमलावरों को पैसे प्रदान किए गए। न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने पूरक चालान पेश करते हुए आनंद निषाद एवं लकी उर्फ शुभम सोनी के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। पूर्व की तरह एक बार फिर पुलिस ने अजय निषाद को बचाने का प्रयास किया है। मामला न्यायालय में विचाराधीन है न्यायालय के समक्ष इस बात को भी प्रमुखता से उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिस को यदि उन्हें आरोपी बनाना ही होता तो प्रथम चलन में ही आरोपी बनाकर चालान प्रस्तुत करती। पुलिस तो पहले भी उन्हें बचाने का प्रयास कर चुकी है और दोबारा भी कर रही है। मामले की सच्चाई पुलिस के मेमोरेंडम में दर्ज है। मेमोरेंडम की कॉपियां राष्ट्र रक्षक न्यूज़ चैनल को उपलब्ध कराते हुए उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर जिस तरह पुलिस कार्यवाही कर रही है वह संदेह जनक है।