????बुरे काम का बुरा नतीजा???? अनुसूचित जनजाति के 8 वर्षीय बालक के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म करने वाले आरोपी को हुआ आजीवन कारावास, न्यायालय ने सुनाई सजा

????बुरे काम का बुरा नतीजा????

अनुसूचित जनजाति के 8 वर्षीय बालक के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म करने वाले आरोपी को हुआ आजीवन कारावास, न्यायालय ने सुनाई सजा

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कटनी। थाना रंगनाथनगर क्षेत्र में  एक 8 वर्षीय बालक के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म के प्रकरण में माननीय विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट जिला कटनी के द्वारा आरोपी लल्ला केवट को पीडित बालक के साथ अप्राकृति दुष्कर्म करने के मामले में दोषसिद्ध करते हुये आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उक्त प्रकरण में सशक्त पैरवी आशुतोष द्विवेदी विशेष लोक अभियोजक, सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी कटनी म.प्र. के द्वारा की गई।

यह थी घटना

मीडिया सेल प्रभारी सुरेन्द्र कुमार गर्ग ने बताया कि 09 नवंबर 2022 की दोपहर में पीडित बालक उम्र 08 वर्ष की मां उसे नहला रही थी, तब पीडित बालक ने अपनी मां को बताया कि उसके लेटिंग करने वाली जगह पर दर्द हो रहा है। तब उसकी मां ने उससे पूछा कि क्या हो गया है, तब पीडित बालक ने बताया कि वह 08 नवंबर 2022 की दोपहर 01 बजे घर में टी.व्ही. देख रहा था, तब आरोपी लल्ला कोल घर अया और उससे बोला कि उसके साथ घर चलो, उसे पैसे देगा और उसे अपने साथ अपने घर ले जाकर आरोपी अपने कपडे उतार कर पीडित बालक के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म करने लगा और बोला कि अपने मम्मी, पापा को बताएगा तो उसकी नटई काट देगा। पीडित बालक के बताने पर उसकी मां ने अपने पति के घर आने पर सारी बात अपने पति और मोहल्ले में रहने वाले लोगो को घटना के बारे में बताई और अपने बेटे को लेकर थाना रंगनाथगनर गई। उक्त रिपोर्ट के आधार पर आरोपी के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया एवं आवश्यक विवेचना उपरांत अभियोग पत्र तैयार कर माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।

यह दिया फैसला

विचारण उपरांत माननीय अनन्य विशेष न्यायालय (पॉक्सो एक्ट) द्वारा अभियोजन के गवाहों, दस्तावेजों को विश्वसनीय पाते हुये आरोपी लल्ला केवट पर विरचित आरोप साबित पाते हुए, आरोपी लल्ला केवट को पीडित बालक के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म करने के मामले में दोषसिद्ध करते हुये धारा 5 (एम) सहपठित धारा 6 पॉक्सो एक्ट एवं धारा 3(2)v एससी/एसटी एक्ट में आजीवन कारावास एवं 1000-1000/- रूपये एवं धारा 377 भादवि में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000/- रूपये धारा 363 भादवि में 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है।

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अनुसूचित जनजाति के 8 वर्षीय बालक के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म करने वाले आरोपी को हुआ आजीवन कारावास, न्यायालय ने सुनाई सजा

कटनी। थाना रंगनाथनगर क्षेत्र में एक 8 वर्षीय बालक के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म के प्रकरण में माननीय विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट जिला कटनी के द्वारा आरोपी लल्ला केवट को पीडित बालक के साथ अप्राकृति दुष्कर्म करने के मामले में दोषसिद्ध करते हुये आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उक्त प्रकरण में सशक्त पैरवी आशुतोष द्विवेदी विशेष लोक अभियोजक, सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी कटनी म.प्र. के द्वारा की गई।
यह थी घटना
मीडिया सेल प्रभारी सुरेन्द्र कुमार गर्ग ने बताया कि 09 नवंबर 2022 की दोपहर में पीडित बालक उम्र 08 वर्ष की मां उसे नहला रही थी, तब पीडित बालक ने अपनी मां को बताया कि उसके लेटिंग करने वाली जगह पर दर्द हो रहा है। तब उसकी मां ने उससे पूछा कि क्या हो गया है, तब पीडित बालक ने बताया कि वह 08 नवंबर 2022 की दोपहर 01 बजे घर में टी.व्ही. देख रहा था, तब आरोपी लल्ला कोल घर अया और उससे बोला कि उसके साथ घर चलो, उसे पैसे देगा और उसे अपने साथ अपने घर ले जाकर आरोपी अपने कपडे उतार कर पीडित बालक के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म करने लगा और बोला कि अपने मम्मी, पापा को बताएगा तो उसकी नटई काट देगा। पीडित बालक के बताने पर उसकी मां ने अपने पति के घर आने पर सारी बात अपने पति और मोहल्ले में रहने वाले लोगो को घटना के बारे में बताई और अपने बेटे को लेकर थाना रंगनाथगनर गई। उक्त रिपोर्ट के आधार पर आरोपी के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया एवं आवश्यक विवेचना उपरांत अभियोग पत्र तैयार कर माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
यह दिया फैसला
विचारण उपरांत माननीय अनन्य विशेष न्यायालय (पॉक्सो एक्ट) द्वारा अभियोजन के गवाहों, दस्तावेजों को विश्वसनीय पाते हुये आरोपी लल्ला केवट पर विरचित आरोप साबित पाते हुए, आरोपी लल्ला केवट को पीडित बालक के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म करने के मामले में दोषसिद्ध करते हुये धारा 5 (एम) सहपठित धारा 6 पॉक्सो एक्ट एवं धारा 3(2)v एससी/एसटी एक्ट में आजीवन कारावास एवं 1000-1000/- रूपये एवं धारा 377 भादवि में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000/- रूपये धारा 363 भादवि में 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है।

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