????अजब गजब????
न महापौर न कमिश्नर और हो गई नगर निगम परिषद की बैठक, पूर्व सूचना के बावजूद बैठक की तारीख आगे न बढ़ाना बना चर्चा का विषय, बोले कमिश्नर मिनट देखने के बाद ही अनुपालन करने पर होगा विचार

कटनी। गत शुक्रवार को नगर निगम परिसर पूरे दिन हंगामे का केंद्र बना रहा। उसका कारण था यहां पर आयोजित हुई परिषद की बैठक। बस शुक्रवार को कटनी नगर निगम ने एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया। आयोजित परिषद की बैठक में न तो नगर की प्रथम नागरिक महापौर प्रीति संजीव सूरी मौजूद थी और न ही नगर निगम के प्रशासनिक मुखिया कमिश्नर नीलेश दुबे की मौजूदगी रही। उसके बावजूद परिषद की बैठक हुई और पूरे दिन हो हल्ले के बीच अंततः संपन्न भी हो गई। सवाल यह उठता है कि जब परिषद में लिए गए निर्णय को न तो महापौर ने देखा, न सुना, न समझा और न ही सहमती दी तो आखिर बैठक में की गई चर्चा कितनी सार्थक साबित होगी।
पूर्व में दे दी थी सूचना
शुक्रवार को संपन्न हुई नगर निगम परिषद की बैठक को लेकर बातचीत करते हुए नगर निगम कमिश्नर नीलेश दुबे ने कहा कि मैंने लिखित तौर पर नगर निगम अध्यक्ष श्री पाठक को पूर्व में ही अपने मौजूद नहीं होने की जानकारी प्रदान की थी। साथ ही मैंने यह भी आग्रह किया था कि यदि संभव हो तो परिषद की बैठक को कुछ दिनों के लिए आगे बढ़ा दिया जाए। अगर यह भी संभव नहीं तो मेरी जगह पर उपायुक्त पीके अहिरवार परिषद की बैठक में मौजूद रहेंगे। कुछ इसी तरह महापौर प्रीति संजीव सूरी ने भी पहले ही अपने मौजूद न होने की जानकारी प्रदान कर दी थी। नगर निगम की मुखिया महापौर प्रीति संजीव सूरी एवं प्रशासनिक मुखिया कमिश्नर निलेश दुबे के मौजूद न होने की जानकारी होने के बावजूद बैठक हुई और हंगामे की भेट चढ़ गई।
मिनट्स देखने के बाद होगा विचार
निगम आयुक्त निलेश दुबे ने कहा कि परिषद की बैठक में पूर्व निर्धारित विषयों पर ही सर्वसम्मति से निर्णय लिया जाता है। अब देखना यह है कि परिषद की बैठक के मिनट्स में क्या बातें सामने आती है। बैठक के मिनट्स सामने आने के बाद यह तय हो पाएगा कि आखिर परिषद की बैठक में किन विषयों पर अंतिम मुंह लगी है। यदि प्रशासनिक स्तर पर उनका अनुपालन किया जाना उचित होगा तो अनुपालन किया जाएगा अन्यथा उसे शासन की ओर अग्रेषित कर दिया जाएगा।
फिर गर्माया सफाई कर्मियों का मुद्दा
फिर एक बार परिषद की बैठक में प्रमुखता से जनप्रतिनिधियों के द्वारा आउटसोर्स कर्मचारियों एवं सफाई कर्मियों का मुद्दा उठाया गया। हालांकि आउटसोर्स कर्मचारी का मुद्दा परिषद की मिनट्स में शामिल था ही नहीं।
निजी बातों पर होता रहा हंगामा
परिषद की बैठक शहर के विकास की रूपरेखा तैयार करने के लिए आयोजित की जाती है। लेकिन गत दिवस नगर निगम द्वारा आयोजित की गई परिषद की बैठक में ऐसे दृश्य देखने को मिले जहां पर जनप्रतिनिधि निजी बातों पर चर्चा करते रहे। बैठक में मौजूद कई पार्षदों ने अपने क्षेत्र में साफ सफाई से ज्यादा सफाई कर्मियों की संख्या बढ़ाने पर बहस की, तो कई लोगों ने शासकीय कार्यक्रमों में न बुलाने और उपेक्षा किए जाने का मुद्दा उठाया। अब देखना यह है की महापौर एवं निगम आयुक्त की गैरमौजूदगी में हुई परिषद की बैठक का क्या निष्कर्ष निकलता है, यह तो वक्त की बताएगा।
????अजब गजब????
न महापौर न कमिश्नर और हो गई नगर निगम परिषद की बैठक, पूर्व सूचना के बावजूद बैठक की तारीख आगे न बढ़ाना बना चर्चा का विषय, बोले कमिश्नर मिनट देखने के बाद ही अनुपालन करने पर होगा विचार
कटनी। गत शुक्रवार को नगर निगम परिसर पूरे दिन हंगामे का केंद्र बना रहा। उसका कारण था यहां पर आयोजित हुई परिषद की बैठक। बस शुक्रवार को कटनी नगर निगम ने एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया। आयोजित परिषद की बैठक में न तो नगर की प्रथम नागरिक महापौर प्रीति संजीव सूरी मौजूद थी और न ही नगर निगम के प्रशासनिक मुखिया कमिश्नर नीलेश दुबे की मौजूदगी रही। उसके बावजूद परिषद की बैठक हुई और पूरे दिन हो हल्ले के बीच अंततः संपन्न भी हो गई। सवाल यह उठता है कि जब परिषद में लिए गए निर्णय को न तो महापौर ने देखा, न सुना, न समझा और न ही सहमती दी तो आखिर बैठक में की गई चर्चा कितनी सार्थक साबित होगी।
पूर्व में दे दी थी सूचना
शुक्रवार को संपन्न हुई नगर निगम परिषद की बैठक को लेकर बातचीत करते हुए नगर निगम कमिश्नर नीलेश दुबे ने कहा कि मैंने लिखित तौर पर नगर निगम अध्यक्ष श्री पाठक को पूर्व में ही अपने मौजूद नहीं होने की जानकारी प्रदान की थी। साथ ही मैंने यह भी आग्रह किया था कि यदि संभव हो तो परिषद की बैठक को कुछ दिनों के लिए आगे बढ़ा दिया जाए। अगर यह भी संभव नहीं तो मेरी जगह पर उपायुक्त पीके अहिरवार परिषद की बैठक में मौजूद रहेंगे। कुछ इसी तरह महापौर प्रीति संजीव सूरी ने भी पहले ही अपने मौजूद न होने की जानकारी प्रदान कर दी थी। नगर निगम की मुखिया महापौर प्रीति संजीव सूरी एवं प्रशासनिक मुखिया कमिश्नर निलेश दुबे के मौजूद न होने की जानकारी होने के बावजूद बैठक हुई और हंगामे की भेट चढ़ गई।
मिनट्स देखने के बाद होगा विचार
निगम आयुक्त निलेश दुबे ने कहा कि परिषद की बैठक में पूर्व निर्धारित विषयों पर ही सर्वसम्मति से निर्णय लिया जाता है। अब देखना यह है कि परिषद की बैठक के मिनट्स में क्या बातें सामने आती है। बैठक के मिनट्स सामने आने के बाद यह तय हो पाएगा कि आखिर परिषद की बैठक में किन विषयों पर अंतिम मुंह लगी है। यदि प्रशासनिक स्तर पर उनका अनुपालन किया जाना उचित होगा तो अनुपालन किया जाएगा अन्यथा उसे शासन की ओर अग्रेषित कर दिया जाएगा।
फिर गर्माया सफाई कर्मियों का मुद्दा
फिर एक बार परिषद की बैठक में प्रमुखता से जनप्रतिनिधियों के द्वारा आउटसोर्स कर्मचारियों एवं सफाई कर्मियों का मुद्दा उठाया गया। हालांकि आउटसोर्स कर्मचारी का मुद्दा परिषद की मिनट्स में शामिल था ही नहीं।
निजी बातों पर होता रहा हंगामा
परिषद की बैठक शहर के विकास की रूपरेखा तैयार करने के लिए आयोजित की जाती है। लेकिन गत दिवस नगर निगम द्वारा आयोजित की गई परिषद की बैठक में ऐसे दृश्य देखने को मिले जहां पर जनप्रतिनिधि निजी बातों पर चर्चा करते रहे। बैठक में मौजूद कई पार्षदों ने अपने क्षेत्र में साफ सफाई से ज्यादा सफाई कर्मियों की संख्या बढ़ाने पर बहस की, तो कई लोगों ने शासकीय कार्यक्रमों में न बुलाने और उपेक्षा किए जाने का मुद्दा उठाया। अब देखना यह है की महापौर एवं निगम आयुक्त की गैरमौजूदगी में हुई परिषद की बैठक का क्या निष्कर्ष निकलता है, यह तो वक्त की बताएगा।
